Wednesday 30 September 2015

कविता २२७. बातों कि सच्चाई

                                                बातों कि सच्चाई
जब हर लब्ज के अंदर कुछ तो मतलब छुपा होता है पर कभी कभी बिन मतलब के ही लोग कुछ कुछ बातें करते है इस तरह कि बातें जीवन पे असर कर देती है
लब्जों के अंदर अलग तरह कि सोच तो होती है पर कभी कभी लब्जों के सोच को दुनिया नहीं दिखती वह जीवन में अलग किसम कि सोच हमें नहीं छूती है
लब्जों के अंदर एक पेहचान होती है जिसे हम परख लेते तो जीवन में मुस्कान देती है जीवन के अंदर अलग अलग एहसास तो होते है पर कभी कभी वह लब्ज हम बस कह देते है
लोग उसका मतलब समज लेते है पर कभी लोग जो जीवन मे कहते है वह बिना मतलब  जीवन पे असर कर लेते है जब वह लोग जीवन को सही मतलब से समजते है
जब जब हम जीवन के अंदर अलग दिशा बातों से चुनते है उन बातों के मतलब जीवन पर असर कर जाते है बातों मे छुपे मतलब जीवन पर असर कर जाते है
पर वह बातें सच नहीं होती लोग हमे यू ही बेहलाते है बातों कि सच्चाई पर अलग अलग नतीजे आते है वह हर बार जीवन पर ग़लत असर कर जाते है
बातों कि सच्चाई को पहले परखे क्योंकि वहीं हमे सही दिशा तक हमेशा ले जाती है पर अगर बातों मे बस जूठ हो तो दुनिया सिर्फ़ मुसीबत बन जाती है

कविता २२६. जीवन का फैसला

                                  जीवन का फैसला
हर बार जो वादीओं कि गुंज हम सुनते है हर समय किसी ना किसी चीज़ को समजाना चाहते है जीवन के हर मोड़ पर हम कुछ एहसास चाहते है जिन्हें हर पल समज लेना चाहते है
पर फुरसत कहा है उस दुनिया को जिसमें लोग सिर्फ़ अपनी राह ढूँढते रहते है हर बार जीवन के अंदर सही तरह कि सोच हम जीवन मे रखना हर बार चाहते है
पर लोग सिर्फ़ मुनाफा चाहते है और उसे देखकर ही अपनी राह चुन लेते है तो उन्हें क्या वादीओं से और फूलों से जो हर बार सिर्फ़ दौलत चुन लेते है
हर बार जो दुनिया को समजे तो दुनिया के अलग रंग दिखाते है जब जब जीवन मे लोग सिर्फ़ दौलत चाहते है वह उम्मीदें जो मन को ख़ुशियाँ देती है
हर पल जीवन के अंदर हम अलग किसम कि सोच जो हर बार हम रखते है वह कुछ लोग तो सिर्फ़ दौलत को ही समज पाते है उनके लिए ना अहम होगी तो उन्हें दिखानी क्यूँ है
जो हम चाहते है वहीं कहानी हमे उन्हें समजानी ही क्यूँ है जो जिस चीज़ ख़ुश है उसी से बनती है उस इन्सान कि जिन्दगी सुहानी जीवन के अंदर अलग मंझिल है और सबकी होती है
एक अलग तरह कि जिन्दगी तो उन्हें अपने मन से जीने दे तो ही हम जी सकते है वह जिन्दगी बनती है अलग अलग रंगों कि जिन्दगानी दिखाती है हर बार उम्मीद कोई जो हर बार सुहानी है
जीवन के अंदर का हर रंग जो हम समजे तो जिन्दगी कि हर प्यास बनती है जीवन के ख़ातिर हर सुहानी क्योंकि ग़लत और सही फैसलों से जीवन कि कहानी बनती है
जब फ़ैसला हमारे जीवन को आगे बढाता है तो ही इन्सान जीवन को समज जाता है आगे जाना ही तो सही ग़लत तय करता है और कभी कभी तो जो आपके लिए सही है वह दूसरे के लिए ग़लत निकल आता है
जीवन को परखे तो जीवन अलग रंग दिखाता है जीवन का फ़ैसला जीवन पर कुछ ना कुछ तो असर हर बार दिखाता है जीवन को हर बार रोशन कर जाता है क्योंकि ग़लत हो तो गलती दिखाता है सही हो तो जीवन सही दिशा मे बढ़ जाता है

Tuesday 29 September 2015

कविता २२५. डर का असर

                                        डर का असर
हर बार सोच के अंदर सही किसम कि सोच जीवन को नई रोशनी देती है जीवन के अंदर शुरुआत होती है जो हमे रोशनी का नये तरह का एहसास हमेशा मन को छू लेता है
जीवन का अलग एहसास सही दिशा दे जाता है सही तरीक़े से हमे जीना सिखाता है जीवन को परखे तो जीवन नई उम्मीदें दे जाता है जीवन के हर मोड़ पर कुछ तो असर हो जाता है
जीवन को समज लेना ज़रूरी एहसास बनकर जीवन छा जाता है जीवन के अंदर अलग अलग सोच का जिन्दा होना मन को भाता है जीवन को जो हर मोड़ पे जीना सीख ले वहीं ख़ुशियों कि सौगाद पाता है
हर बारी जिसे हम समज लेते है उस सोच मे जीवन ख़ुशियाँ दे जाता है जीवन मे अलग अलग दिशाओं मे कुछ अलग अलग सा मतलब नज़र आता रहता है
जीवन कि राहों पर अलग एहसास जो जिन्दा कर जाता है उस राह पर अपनी अलग सोच जो हर बार जीवन को आगे ले जाती है पर जाने क्यूँ कभी कभी लोगों कि सलाह मुसीबत बन जाती है
राहों को आगे ले जानेवाली सोच मन मे आती है वह हर मोड़ पर हर कदम मे जीवन का अलग रंग दिखाती है जीवन के अंदर नई उम्मीदें जिन्दा हर पल हो जाती है
जीवन को हर बार जो परखे नई सुबह हमेशा जीवन मे रंग नया ले आती है नई रोशनी हर पल अँधेरे को काटने कि ताकद अंदर रखती है पर दिलचस्प बात तो यह होती है
वह रोशनी अँधेरे का डर ले जाती है और फिर अँधेरे मे भी जिन्दगी हमेशा भाँति है क्योंकि जब डर भाग जाये तो अँधेरा बन जाता हमारा साथी है
अँधेरे मे कुछ बुरा नहीं दिखाता अगर उस से दोस्ती हो जाती है डर हमारा सबसे बड़ा दुश्मन होता है उसे दूर रखे तो हर चीज़ से दोस्ती है बस डर का दूर जाना जीवन मे ज़रूरी है
अगर डर चला जाये तो जीवन मे कभी किसी चीज़ कि कोई भी ना मजबूरी है और अगर हम नई रोशनी अपना लेते है तो डर पैदा नहीं कर जाता कोई मजबूरी है

कविता २२४. हर पन्ना

                                              हर पन्ना
कभी जो हमारे जीवन मे सही किसम का एहसास जिन्दा होता है उसे जो परखे तो जीवन कि सोच वह एहसास बदल देता है जीवन को हर बार जो समज लेते है
तो जीवन बदल जाता  है जीवन के हर पल कोई नई सोच का किनारा मिल जाता है जीवन तो एक किताब है जिसमें नया एहसास हर पन्ने पर नज़र आता है
हर पन्ने पर मेहनत होती है पर उसका मतलब हर बार अलग नज़र आता है हर पन्ने पर जो हम समज लेते है हर पन्ने के अंदर अलग तरह कि सोच हमेशा रखते है
जीवन मे हर बार कुछ एहसास होता है हर पन्ने के अंदर अलग सोच हम जो हमेशा रखते है किताब के पन्ने के अंदर अक्सर नई तरह कि सोच हर बार जीवन मे हम रखते है
हर पन्ने के अंदर कई किसम कि सोच जो मन को छू लेते है किताब मे कई तरह के विचार हर बार लिखे रहते है जीवन मे हर सोच जिसे हम जीना चाहते है
पन्ने को हम नये नये ख़याल ज़रूर जीवन मे रोशनी दे जाते है किताबों कि चीज़ें जीवन मे जब होती है बड़ी दिलचस्प हर चीज़ हमेशा लगती है जीवन के अंदर पन्ने नये ख़याल लाते है
कई तरह कि सोच जो जीवन पर असर कर जाती है  जीवन के अंदर ख़याल जो अलग अलग होते है सोच जो जीवन पे अक्सर नई सोच जो जीवन मे हमे आगे ले जाती है
सोच जो जीवन के पन्ने पर असर कर जाती है जीवन पर अक्सर हम कुछ तो असर जीवन पर ज़रूर असर कर जाती है पन्ने के अंदर जीवन पर कुछ तो असर हो जाता है
जीवन के अंदर नया असर होता है जीवन को परखो जिसमें मज़बूत असर दिखाता है सही सोच जो जीवन पर कुछ असर हो जाता है हर पन्ने के अंदर कुछ तो असर होता है
जीवन मे नया अलग असर हर पन्ने पर लिखा होता है पढ़ना भी ज़्यादा आसान होता है पर जीवन मे कुछ ना कुछ असर हमे आगे ले जाता है जीना ज़रूरी होता है

Monday 28 September 2015

कविता २२३. खुद के जीवन से समजो

                                                           खुद के जीवन से समजो
पेड़ के ऊपर दिखते कई किसम के पत्ते जो अलग रंगों से जीवन को भर देते है जो जीवन में नया एहसास दे कर जीवन को जिन्दा कर देते है
पर कहाँ कहे हम पत्तों की कहानी जो जीवन में नई कहानी कह देती है पर लोगों को तो दिलचस्प लगता है दूसरों का जीवन वह पत्तों की कहानी कहा सुनते है
पर दूसरों की बाते जो इतनी भाती है तो कभी उनके दुःखों में क्यों नहीं वह लोग रो लेते है पर लोग तो दूसरों के जीवन को अपने मजे के लिए सुनना चाहते है
पर लोगों पर क्या इल्जाम दे हम भी तो अनजाने में कई बार यही तो करते है जीवन को धीरे धीरे हम हर बार परख लेते है
कहानी जो जीवन को जिन्दा कर देती है उसे हम कहाँ समज लेते है जीवन को हर बार समज ले उस में जो अर्थ हम पाते है उसे हम कहाँ समज लेते है
जो जीवन खुद के लिए दिया है उसे दूसरों के जीवन को समज लेने में गवाते है जीवन की हर धारा को हर बार हम समज लेना चाहते है
जीवन को जो समजे तो उसमें अलग अलग एहसास भी पाते है हर बारी जो अपने जीवन को परखे उसे लोग समज आते है
पर हम हर बार किसी गैर को परख कर अपना जीवन सवारना चाहते है जीवन की वह सोच है जिसे खुद के दम पर जाने पर हम दूसरों के दम पर जान लेना चाहते है
जीवन को समजो पर खुद के दम पर क्युकी खुद से ही तो हम जीवन समजना जानते है जीवन के हर रंग से ज्यादा हम जी कर ही जीवन को समज लेना जानते है
जीवन को खुद से समजो तो उसमें सही राह जो मिलती है वह जीवन में हर बार अलग ही असर कर जाती है वह जीवन में कई बार खुशियाँ दे जाती है 

कविता २२२. जूठ का जीवन

                                                                 जूठ का जीवन
हर बारी हर मोड़ पर लोगों को भटकते देखा है सही राह पर चलते हुए हर बार लोगों को समजा है पर ग़लत राह पर भी लोगों को जिद्द से चलते देखा है
कितनी अजीब बात है सच्चाई कि तरह ही जूठ भरी रात है सच के अंदर कुछ तो नया एहसास है सच्चाई की जीवन में हर बार अलग ही प्यास है
पर लोग जूठ को समज लेते है जूठ का जीवन में अलग ही एहसास है कभी कभी जूठ में भी जाने क्यों जीवन का एहसास है
लोग जूठ को समज लेते तो उस सोच से बनता नये तरह का एहसास है जूठ जो जीवन में पैदा करता है वह सिर्फ एक प्यास है
पर हम समज नहीं पाते है हम दुसरे ओर ही ढूँढ़ते है बजह का अलग मतलब बनता हमारे लिए कुछ खास है जब जब जीवन में आगे बढ़ जाते है
जीवन में बनता अलग एहसास है जूठ के अंदर भी कभी कभी गलत किसम का विश्वास है जिसे जीवन में परखे तो बनता अलग एहसास है
जूठ की दुनिया में अलग किसम की सोच दिखाती हर बार गलत ही राह है कितना भी सही लगे पर जूठ तो बनता आखिर एक फंदा है
जिसे समज लेना जीवन का अलग ही एहसास है जूठ की दुनिया में होता हर पल नया एहसास है जिस से हर बार मुश्किल बनती है जीवन की हर राह है
जब जब अपना कुछ छूटे तो ढूँढो दिख जाता है उसमें दिख जाता है कोई छोटासा जूठ जो बजह बना वह चीज छूटने की जो खास है
अगर दिल जूठ को बदल दे तो फिर से मिल जाती है वही राह जो सही राह है जूठ के अंदर जब जब हम समजे वह बनता जीवन को कुछ खास है
पर आखिर वह खास दिखनेवाला जूठ ही बनता जीवन की वह राह जो हमारे लिए बनता हर पल एक मुश्किल का एहसास है 

Sunday 27 September 2015

कविता २२१. नदियाँ के अंदर

                                     नदियाँ के अंदर
चाहे तो नदियाँ के अंदर कुछ तो असर होता है नदियाँ के पानी के भीतर पत्थर का रंग प्यारासा लगता है उसे समज लेंगे उसमें कुछ तो असर होता है
पानी के अंदर ठंडा एहसास जीवन पे असर कर जाता है पत्थर पानी के नीचे कुछ तो असर होता है जो जीवन को प्यारा एहसास होता है पत्थर कि मजबूती जीवन पे असर करता है
नदियाँ के अंदर कई चीज़ों का एहसास होता है नदियाँ के  पानी मे कुछ प्यारा एहसास जो मन को तसल्ली देता है नदियाँ मे प्यारी चीज़ें जो जीवन पर असर हो जाता है
नदियाँ मे अलग एहसास जो हमेशा छुपा होता है नदियाँ मे अलग अलग चीज़ें हमेशा रहती है जो जीवन पर हमेशा असर करती है पत्थर मे कुछ तो एहसास ज़रूर होता है
पत्थर को जो मजबूती है वह जीवन पर असर ज़रूर करता है पत्थर के अंदर कुछ तो एहसास ज़रूर होता है पत्थर के अंदर प्यारा एहसास होता है
पत्थर के अंदर कई तरह के रंग ज़रूर होते है उन्हें चुनना कभी कभी जीवन पर असर करता है पत्थर मे भी कुछ तो असर छुपा होता है पत्थर के अंदर नया असर होता है
हर बार पत्थर मे भी अच्छा एहसास छुपा होता है उनमें पत्थर के अंदर नया ख़याल ज़रूर असर कर जाता है जीवन मे पत्थर कुछ तो असर ज़रूरी होता है
पत्थर के अंदर अलग किसम का एहसास होता है हालाँकि पत्थर मे कुछ तो एहसास ज़रूरी होता है पत्थर मे कुछ तो मज़बूत होते हुए भी एहसास जीवन मे असर करता है
पत्थर के अंदर नये तरीक़े छुपे हुए होते है पत्थर के जो असर जीवन पे ज़रूर होता है पत्थर के अंदर अलग तरह का एहसास भरा होता है पत्थर मे नया असर होता है
पत्थर मे अच्छा असर होता है क्योंकि पत्थर के अंदर नया एहसास ज़रूर असर कर जाता है पत्थर मे भी अलग एहसास जीवन मे असर कर जाता है

कविता २२०. पर्वत कि बादी

                                        पर्वत कि बादी
पर्वत कि उस बादी से जिस से हम कई बार गुजरे उनके अंदर के पेड़ों को कई बार हम समजे पर हर मोड़ के अंदर पर्वत के कई नजारे दिखे जिन्हें हर बार हम फुरसत से समजते रहते है
दुनिया चाहे परखे या ना परखे जीवन को हम अलग मतलब से परखते रहते है जिसे हम समज लेते है तो दुनिया के रंग बदलते रहते है उनके अंदर हर मोड़ पर नये नये चेहरे है
दुनिया उन्हें देखना चाहे या ना चाहे पर हम तो उन्हें समज लेना चाहते है जीवन के हर मोड़ को परखना चाहते है दुनिया के उन पर्वतों को परख लेना चाहते है
हर मोड़ पर उस पर्वत के ऊपर कुछ अलग ज़रूर छुपा है जिसे हम हर पल दिल से समज लेना चाहते है जीवन कि हर कश्ती सीधे मोड़ पर नहीं चलती उसे हमे सीधे मोड़ पे ले जाना पड़ता है
पर्वत के ऊपर हर मोड़ पर जीवन को समज लेना अक्सर ज़रूरी होता है पर लोग उसे कभी समज लेंगे ऐसा जीवन मे कहाँ लगता है पर्वतों के ऊपर अलग अलग नजारा रहता है
पर्वत के अंदर अलग तरीक़े का अफ़साना दिखाता है पर्वत के अंदर अलग किसम कि दुनिया है जो जमाना देखना नहीं चाहता है हर बार हम उसे देखना चाहते है
पर्वत के ऊपर नये नजारों का एहसास ज़रूर होता है उन्हें परखे तो जीवन को समज लेना है बड़ा मुश्किल सा होता है पर फिर भी यह दिल उन्हें परखना चाहता है
शायद यह दिल खुद ही मुश्किल रस्ता चुनना चाहता है जीवन कि हर मोड़ को समज लेना चाहता है पर्वत पर ही हर बार घूमता रहना चाहता है जीवन को परखना चाहता है
पर्वत के ऊपर अलग अलग नजारों को परख लेना चाहता है वह हर बार जीवन को समज लेना चाहता है हर बारी जब हम आगे बढ़ जाये तो वह हर मोड़ मे जीना चाहता है
पर दुनिया हमे समज ही नहीं सकती उस दुनिया से दूर ही रहना चाहता है क्योंकि दुनिया उन पर्वतों को समजना नहीं चाहती और दिल उन पर्वतों मे जिन्दगी गुज़ार लेना चाहता है

Saturday 26 September 2015

कविता २१९. कुछ तो एहसास

                                              कुछ  तो  एहसास
फुलों के हर रंग मे कुछ तो एहसास छुपा है जीवन के अंदर जो महसूस होता है वह तो जीवन को हर मोड़ पर एहसास देता है रंगों के अंदर कुछ ना कुछ असर होता है
फूल मे हर बार कोमलता का एहसास होता है कोमल से स्पर्श से ही तो जीवन आगे बढ़ता है फूलों के अंदर अलग अलग सा जीवन का मतलब होता है
रंग और कोमल एहसास को जो भी जीवन को छू लेता है उन्हें परख लेने से जीवन का मतलब बदल जाता है हर मोड़ पर जब कोई सुंदर एहसास जीवन को छू लेता है
चुप के से ही जीवन का मतलब बदलता है दोनों एहसास जो फूल देता है उनसे ही जीवन को परख पाना मुमकिन होता है जीवन जो हर बार ख़ुशियाँ देता है
हर मोड़ पर उसे समज लेना जीवन मे नामुमकिन होता है पर फिर भी फूल जो जीवन को अलग अलग किसम के रूप दिखाता है रंग के भीतर नया संसार होता है
फूलों को परखे तो उनमें जीवन होता है तरह तरह के रंग जो दुनिया को मतलब देते वहीं तो हर बारी जीवन को आगे ले जाने का कोई तो मक़सद होता है
जिसे फुरसत मे समजे तो दुनिया का मतलब छुपा होता है क्योंकि हर लब्ज मे अलग तरह का मतलब छुपा होता है फूलों को रंग और ख़ुशबू देता है वहीं जीवन पर अक्सर असर कर जाता है
तो उस जीवन को कभी परख लो फुरसत मे जो एहसास ज़रूर दे जाता है जीवन मे हर बार अनोखा रंग तो अक्सर आता रहता है जो जीवन मे रोशनी दिखाता है
जीवन मे कई एहसासों का मतलब होता है अलग अलग रंगों का मतलब हर बार जीवन के अंदर अक्सर होता है अलग अलग एहसास जीवन मे अक्सर देता रहता है
आगे आगे जाते जाते जीवन अलग एहसास दिखाता है जो जीवन को हमेशा आगे ले जाता है जो जीवन का मतलब हर बार बदलता जाता है रंग और एहसास जीवन मे दे जाता है

कविता २१८. हँस कर जी लेना

                                              हँस कर जी लेना
कहते है हर बार हँस कर जीवन को जी लेंगे पर यह बस जीवन कि बात नहीं ग़लत को सही समज के कैसे जी ले जीवन कि हर बारी मे कुछ तो हम समज लेते है
जीवन के सारे एहसास को हर बार हम जी लेते है पर कोई ग़लत को सही कहे तो उसे समज ले ऐसी आसान जीवन कि राह नहीं है जीवन कि चाह तो सबको होती है
पर अपनी ख़ुशी के लिए दूसरों को रोते देखकर भी चुप बैठे यह जीवन कि चाह नहीं है जो हम समज पाते है वहीं जीवन कि सही राह रही है जिसमें सब लोग हँसे बस वहीं राह सही है
जीवन के हर मोड़ पर हँसी को ढूँढ़ते रहना हर बार सही है पर दूसरों से उसे छिन लेना यह बात कभी जीवन मे भाँति नहीं है क्योंकि दूसरों के दर्द से जो मिल जाये वह जसबात सही है
हँस कर जीवन को समज ले वह ख़ुशियों से भरी राह सही है हँसी मे भी दूसरों को ख़ुशियाँ दे वह सोच सही है पर अक्सर लोगों को अपनी ही पड़ी है
जीवन को आगे ले जाती है उस राह पर चलने से पहले दूसरों कि कहा उन्हें पड़ी है सिर्फ़ अपनी सोच से उन्होंने राह चुनी है हर बार जीवन को समज लेने कि मुश्किल बड़ी है
हर बार अगर शांति से सोचे तो मन समजाता है सबके ख़ुशी मे ही हमारी ख़ुशी पर लोगों ने बस दूसरों को समजाने के लिए ही यह बात रखी हुई है
मन के अंदर कुछ तो असर होता है मन मे हर बार अलग अलग तरह के ख़याल हमेशा होते है पर हर जीवन मे कुछ तो असर हमेशा अलग होता है
जो ख़याल ग़लत है वह सोच जो मन पर असर कर जाती है ग़लत तरह कि ख़ुशियाँ जो मन पर असर हमेशा करती है ग़लत सोच जो मन के अंदर असर कर जाती है
सही ख़याल ही आख़िर दुनिया पर कुछ तो असर होता है सही किसम कि सोच जो दुनिया पर असर कर जाती है सही ख़याल ही आगे ले जाते है पर आसान लगते है ग़लत ख़याल जो मन पर असर कर जाते है

Friday 25 September 2015

कविता २१७. फुरसत मे समज लेना

                                फुरसत मे समज लेना
चलते चलते राहों मे कुछ तो अलग हो ही जाता है जो हमने सोचा उस से भी जीवन अलग रंग दिखाता है राहों पर जीवन को समज लेने का वक्त कहा होता है हम यू ही चल पड़ते है जैसे जीवन ले जाता है
जीवन के हर रंग का मतलब आगे बढ़ता जाता है हर कदम अगर हम जीवन को समजे तो जीवन नया सा मतलब लाता है जीवन को हर बार समज लेने मे अपना ही मज़ा होता है
हर राह पर चलने का एहसास जुदा होता है उन्हें समज लेने से जीवन का मतलब जुदा हो जाता है बड़ा मज़ा आता है जब मन चाहा रंग जीवन को छू लेता है वह रंग तय नहीं होता है
पर सही रंग वहीं होता है जो जीवन मे ख़ुशियाँ दे जाता है परखे तो जीवन का अलग रंग नज़र आता है हर मतलब के अंदर नये तरह का रंग हमेशा जीवन दे जाता है
जीवन मे अलग अलग दिशा से वह जीवन का मक़सद बन जाता है जिसे हर बार अगर हम समज ले तो जीवन मे नया रंग लहराता है जीवन को जो समज ले उसके जीवन का मतलब होता है
इसीलिए तो जीवन अलग मतलब दिखाता है ताकि उन्हें समज लेना जीवन का मतलब बन जाये आख़िर बाकी कामों से बेहतर जीवन को समज लेने का काम होता है
जीवन तो आगे बढ़ जाता है पर जो हर पल को समज कर जियें तो ही जीवन आगे बढ़ पाता है जीवन मे हर बारी कुछ तो नया एहसास ज़रूरी होता है जीवन को वह रोशनी दे जाता है
जीवन जो हर बार समजाता रहता है नई बातों का मतलब हर बार आता है चलने का मतलब जीवन को आगे ले जाना होता है उसे हर बार जीवन बनाना होता है
जीवन हर बार अलग मतलब दे जाता है जब उसे फुरसत मे समजा जाता है तो वह मन को ख़ुशियाँ दिखाता है जीवन कि बाज़ी को बस वहीं जीत लेता है जो उसे जीना जानता है
जीवन कि बातों को समज लेना तो ही ज़रूरी होता है चाहे कितना भी वक्त लगे पर बिन समजे जीवन को आगे बढ़ाना अक्सर ग़लत लगता है तो अक्सर रुका करो ताकि कभी तो हमे जीवन समज जाये तभी तो हम आगे बढ़ पाते है

कविता २१६. जीवन में नया असर

                                                            जीवन में नया असर
जाने क्यों जीवन में नये असर होते है जब जब हम नई सोचते तभी तो उम्मीदों का असर हमेशा होता रहता है जीवन के अंदर नई सोच जो जिन्दा होती है
जीवन कभी कभी रुकता नहीं अगर हम चलना सीखते है आसमाँ कभी गिरता नहीं तो उम्मीदों के किनारे क्यों गुम होंगे जीवन में आगे जाना ही होता है
हर बार हर पल जीवन को समज भी लेना होता है पर जीवन कभी सही दिखता ही नहीं जीवन में उम्मीदों का कारवाँ रुकता ही नहीं है
जीवन के अंदर कोई नया ख़याल नहीं आता है जो हमें आगे ले जाता है जब तक आगे जाना हमारा मकसद नहीं बन पाता है
जीवन की सही सोच जो हम पर हर बार असर करती है हर सोच के अंदर नई दुनिया बसती है पर हर बात को समजे जो जीवन पर असर करती है
पर हर बार हम कहा जीवन की बात समज लेते है कभी कभी हम रोने की सोच रखते है जिसे हम हर पल हर दम अपने मन में रखते है
जीवन के अंदर उम्मीदे तो अक्सर असर करती है हर बार हम जो समजे तो दुनिया नया रंग देती है जीवन के अंदर वह हर बार असर करती है
जीवन तो बस वक्त का खेल होता है जो हर बार बदलता रहता है जीवन की हर बार नई शुरुआत होती है जो जीवन में हर बार रोशनी लाती है
उम्मीदों के अंदर एक एहसास रखती है जो आगे बढ़ती है हर कदम पर और हमें उम्मीदों की आस देती है जीवन में खुशियों का एहसास देती है
जीवन की सारी बातें जो मन को तसल्ली देती है वह हर बार उम्मीदों से ही तो दुनिया का हिस्सा बनती है दुनिया को समज लेना जीवन पर असर करता है उम्मीदें तो दुनिया में अक्सर पैदा होती है
जो जीवन पर असर कर जाती है  वह उम्मीदे सिर्फ जीवन में आगे बढ़ने से ही हर बार जीवन में आ जाती है जीवन पर कुछ तो असर कर जाती है 

Thursday 24 September 2015

कविता २१५. हवाओं का असर

                                         हवाओं का असर
हवाओं के छू ने से भी मन को तसल्ली होती है जब मन शांत हो तो बिन बारिश के भी हवाओं मे ठंडक होती है जब जब जीवन को परख लो तो जीवन कि सोच बदल जाती है
धीरे धीरे से छू कर हवाए ख़ुशियाँ दे जाती है हवा तो वह होती है जो अंदर एहसास नहीं रखती वह तो हमारी सोच है जो हवाओं मे भी एहसास हर पल भर देती है
उस हवाओं मे जब जिन्दगी जिन्दा होती है हर बार वही हवाए जीवन मे एहसास भरती है यह काम नहीं हवाओं का सच मे मन से वही काम होता है हर पल जो समजे हम मन को एहसास हर चीज़ मे जिन्दा होता है
जीवन को समज ले तो सबकुछ मन का खेल ही लगता है हवा तो हर बार एहसास दिलाती है जो जीवन को समज लेता है जब जब जीवन के हर मोड़ पर नई शुरुआत होती है
हवाओं कि नई शुरुआत को जीवन आगे ले जाता है वह सोच जो हवाओं को छू लेती है उसमें अलग ही असर होता है हवाओं के अंदर भी जीवन का मक़सद होता है
हवाओं के अंदर अलग ख़याल मन ही तो लाता है मन का परिंदा हर बार उड़ता जाता है हवाओं के अंदर  वह सोच लाता है क्योंकि मन को वह समज लेता है
हवाओं को समज लो तो वह जीवन के अंदर अपने मन कि सोच ही भरती है पर फिर भी जाने क्यूँ ऐसा लगता है कि हवा ही जीवन मे मतलब भरती है
उन्हें समज लेते है तो दुनिया नई बनती है उनके अंदर ही अलग सोच जीवन मे हवा हमे समजा लेती है वह जीवन के अंदर हर बार ख़ुशियाँ भर देती है
हवा जो हमे हर बार नई रोशनी देती है उसके अंदर दुनिया कि ख़ुशियाँ होती है हवा के अंदर अलग सोच हमेशा रहती है जो जीवन को कुछ तो असर हो जाता है
हवाओं मे कुछ तो एहसास ज़रूर होता है हवा तो अलग अलग असर हमेशा कर जाती है हर एहसास मन पे कुछ तो असर हमेशा कर जाता है सही तरह से मन को ख़ुशियाँ देता है
हवाओं का एहसास मन को सही एहसास दे जाता है हवाओं मे नया एहसास तो हर पल को कुछ तो असर जीवन पर हो जाता है हवा मे असर कुछ ना कुछ ज़रूर होता है जो मन पैदा होता है

कविता २१४. आजमाना

                                                              आजमाना
जब जब कोई बात हम समज जाते है जाने क्यों हम जीवन में उसे दूसरे को समजाना चाहते है जब जब हम जीवन को ठीक से परख लेते है
जाने क्यों हम जीवन को सबको समजाना चाहते है जीवन के अंदर जो अलग सोच होती है जिसे हम मन से परखना चाहते है
जीवन के अंदर हम अलग ख़याल रखते है जो सारे ख़याल जिन्दा होते है उन्हें हम समजना चाहते है पर अफ़सोस तो इस बात का है
की हम उन्हें समजना कम और समजाना ज्यादा चाहते है अगर ख़याल हमारे है तो क्यों ना हम उन्हें खुद ही समजे पर हम दुनिया को हर बार समजाना चाहते है
दुनिया के कई रंग है जिन्हे हम दिल से समजना चाहते है पर समजाने के लिए हम इतना वक्त गवाते है जीवन की हर सोच को जिसको हम जीना चाहते है
उस सोच के अंदर नई शुरुआत होती है पर उसे परखने की जगह हम उसे दूसरों को समजाने के कोशिश में आजमाना भूल जाते है
आखिर आजमाना ही जीवन में जरुरी होता है हर पल वही तो आगे बढ़ना जरुरी होता है जो खुद आगे बढ़ता है वही जरुरी होता है
अक्सर जरुरी होता है सबके लिए क्योंकि सही सोच ही तो हमें आगे ले जाती है वही हमें आगे ले जाती है जीवन दे जाती है उम्मीद दे जाती है
जीवन के हर सोच में एक नई शुरुआत होती है जिसके सहारे जिन्दगी आगे बढ़ती जाती है जब हम उम्मीदों के सहारे कुछ करते है
तभी तो हम जीवन में जीत जाते है जब उसे समज जाते है और उसे आजमाते है तभी तो उसे जी लेते है और उसे अक्सर उस पल समज जाते है 

Wednesday 23 September 2015

कविता २१३. समान सोच

                                                                       समान सोच
जब जब हमने जीवन मे कोई उम्मीद भी कि है हर बार कोई ना कोई सोच जीवन को नया रस्ता दिखाती है जो जीवन के अंदर एक अलग एहसास लाती है
पर ज़रूरत होती है उनकी जो उस सोच को हक़ीक़त समज के जीवन मे हर पल आज़मा लेते है सोच तो वह होती है जो दुनिया को आगे ले जाती है पर कभी कभी पीछे ले जानेवाली सोच भी दुनिया को भाँती है
जब जो हमे समजे उसकी तलाश जीवन मे शुरू हो जाती है पर अचरज तो उस बात का है जिनकी बात हमने कभी ना सुनी हो उनको हमारी सोच भाँती है
जाने पेहचाने सारे चेहरे पीछे रह जाते है जो हर बार जीवन को नया मतलब दे जाती है वह सोच सिर्फ़ आगे आ जाती है फिर जो उसे अपना ले वही बनता अपना साथी है
आख़िर जीवन अपना चेहरा नहीं पर सोच होती है जो सोच समजे तो जीवन कि नई शुरुआत होती है जो उसको समजे जीवन मे उसी सोच से शुरुआत होती है
जो साथ दे अपना वही सही तरह बात होती है दोस्त तो वही है सोच जिसकी हमारा साथ देती है हम जो परखे तो जीवन मे उसी से दोस्ती सही तरह का हर बार एहसास देती है
जीवन के अंदर हर बार अलग तरह कि शुरुआत होती है जिसे समजे तो ता चलता है सोच से ही बस जीवन मे अलग और अहम तरह कि बात जीवन हर बार देती है
बातों के अंदर अलग दुनिया बनती है अगर आगे चलते जाये तो जीवन मे एक सोच ही साथ देती है दुनिया कि सोच अलग तरीक़े कि हो पर साथी कि एक सोच ही काम आती है
वही सच्चा दोस्त है जो हमारा हर मोड़ पर साथी है पर कभी कभी अलग सोच भी काम आती है मक़सद एक ही तो जीवन कि राह एक हो जाती है जो उस राह से गुजरे वही हमारे साथी है
जो एक मक़सद से चल पड़े वही हमारे साथी है सोच ही मायने रखती है बाकी सब जीवन कि बस कही सुनी बातें बाकी है जो जीवन पर हर बार कुछ तो असर ज़रूर कर जाती है

कविता २१२. दोनों ओर से खींचना

                                                                      दोनों ओर से खींचना
दोनों ओर से मन खींचा चला जाता है हर विचार के अंदर दो छोर अक्सर होते है जो जीवन में अलग अलग विचार तो जीवन में हर बार होते है
दो तरह की सोच जो हम जीवन में रखते है जीवन के हमेशा दो तरीके से आगे बढ़ जाते है जीवन के अंदर दोनों ओर से अलग विचार होते है
यह तो हमेशा वह अलग अलग ओर खींचे चले जाते है हर बार जीवन में दो तरीके से हमें अलग दिशा में ले जाते है अौर जीवन में आगे बढ़ते जाते है
दोनों तरह की सोच जो जीवन पर असर तो हमेशा कर जाती है जीवन में दो तरह के ख़याल जीवन में हर बार आते है वह खयाल जीवन में आते है
जीवन के दो छोर जो हमेशा जीवन में होते है जीवन के अंदर अलग दो खयाल होते है जो जीवन पर दो तरीके की सोच हमेशा रखते है
जीवन में दोनों ओर अलग अलग ख़याल हमेशा होते है जीवन में दोनों तरफ हमें अलग विचार हमेशा है जीवन के अंदर दो विचार होते है
पर हर विचार के अंदर दो छोर जो अलग तरह के असर हमेशा जीवन पर असर कर जाते है जीवन में कभी गलत ख़याल आते रहते है
जीवन में दोनों ओर विचार जो जीवन पर कुछ तो असर हमेशा कर जाते है जीवन के अंदर अलग सोच जो जीवन पर असर कर जाते है
जीवन के अंदर हमें दोनों तरह के विचार जीवन में अलग तरह के होते है जीवन में दोनों तरह के विचार जीवन में आते है जीवन में दो विचार हमेशा जीवित रहते है
जीवन में हम अलग अलग तरह के विचार जो हम पर कुछ तो असर कर जाते है जीवन में दोनो छोर से अलग विचार आते है चुनना सही ख़याल को जरुरी होता है वरना हम यू ही दोनों ओर खींचे चले जाते है 

Tuesday 22 September 2015

कविता २११ सही और ग़लत खयाल

                                     सही और ग़लत खयाल
उन्हें क्या समजाये जो समज को पीछे छोड़ चुके है क्या उनके मन को तसल्ली दे जो जीवन को समज चुके है फिर भी आँखे बंद कर के बैठे रहते है मन मे तसल्ली पाते है
जब जीवन के अंदर लोग कई चीज़ें वह पाते है पर ग़लत चीज़ें भी जीवन मे अलग अलग तरह के असर पाती है हर सोच के अंदर हम अलग तरीक़े के ख़याल जीवन मे आते है
तरह तरह के विचार जो मन के अंदर नई सोच जो जीवन के अंदर कई तरह के असर होते है हर तरह कि सोच जो मन मे छू जाती है सोच जो हमे नये ख़याल जीवन मे आते है
सही ख़याल जो जीवन के अंदर आते है उन्हें हम हर बार हम समज लेना चाहते है सही दिशा मे हर कदम पर ख़ुशियाँ लाते है पर जो यह सोच खुद से रखते है
वह हर बार सही दिशा मे रखते है जीवन को अलग अलग विचार मन के अंदर नये विचार जीवन मे आते है जीवन के अंदर ख़याल तो अलग अलग अक्सर होते है
हर तरह विचार जो हमे सही दिशा मे होते है सही ख़याल मन मे रखते है पर देख ना है कि कई बार सही विचार होते हुए ही फिर भी ग़लत ख़यालों से ही आगे बढ़ जाते है
कई विचार जो मन को चोट दे जाते है उन पर कुछ तो असर हर बार ख़ुशियाँ दे जाते है मन के अंदर हम कुछ ना कुछ असर तो जीवन पर कर जाते है
सही ख़याल जो जीवन मे ख़ुशियाँ लाते है हर सोच के अंदर ग़लत ख़याल जीवन मे दुःख हमेशा लाते है ख़ुशियाँ जो पहले हमे दे के धोका दे जाते है वह जीवन पर असर कर जाती है
क्योंकि उन ख़यालों को जो जीवन पे हर पल असर तो कर जाते है वह ख़याल ग़लत होते है पर जो वह खुद से नहीं समज पाते वह जीवन कि सही दिशा को कभी ना जीवन मे समज पाते है
सही ख़याल जो ग़लत से सही दिशा मे बदलते जाते है उन्हें परखे तो जीवन मे उन्हें जिन्दा कर जाते है ग़लत ख़याल जो जीवन को सही दिशा दिखाते है उन्हें हम अपने दिल मे रख सकते है पर लोगों को नहीं समजा पाते है

कविता २१०. रंग और ढंग

                                     रंग और ढंग
हर बार जो जीवन मे कोई नया सा रंग होता है उस जीवन का अलग मतलब भी मिलता है अगर उसको परखे तो रंग मज़ा भी देता है जीवन मे समजे तो हर रंग समजने लायक होता है
रंग को समज लेना जीवन को नया ढंग देता है तो कभी कभी अलग ढंग से जीवन को समज लेना आसान होता है जब ढंग बदलता है तो जीवन का मतलब बदल जाता है
हर तरीक़ा समजना बड़ा दिलचस्प होता है जीवन का अलग मतलब तब जीवन बनाता है अलग रंग और ढंग जो जीवन मे सही एहसास लाते है वह जीवन को जिन्दा कर जाते है
उन ढंग को समज लेना जीवन को नई रोशनी लाता है हर बार सारे रंगों का समज लेना ही तो जीवन जीना सिखाता है जीवन मे हर रंग को समज लेना अक्सर ज़रूरी होता है
नये नये रंग और ढंग जो जीवन का ख़ुशियाँ देते है वह तभी मिलते है जब हम जीवन को बदलना सिखते है एक ही सोच से हम दुनिया को नहीं समज सकते है हम कई तरह कि सोच जीवन मे रखते है
अलग किसम की सोच जो हम अपने अंदर रखते है उसे तभी हम समज लेते है जब दूसरों कि सोच समज लेते है तभी जीवन को समज आती है क्योंकि सबको समज लेने से ही ख़ुशियाँ जीवन मे बनती है
जो सिर्फ़ दुनिया मे खुद कि सोच को समजते है वह दूसरों कि नज़र को कभी नहीं समजते है दुनिया में सचमुच ख़ुशियाँ चाहते है वह कई तरह कि समज लेने के बाद ही जीवन मे आगे बढ़ते है
जीवन के कई रंगों को हमे हर पल जीना पड़ता है जो यह बातें समज लेता है वही जीवन मे आगे बढ़ता है जिसे इस चीज़ का एहसास नहीं जीवन उसके पास नहीं
हर पल अगर हम समज लेते तो ही फुरसत मे जीवन जी लेते है जीवन को जो सही दिशा मे ले जाये वह एहसास सही है जीवन को परख लेने कि आवाज़ मन के सोच के लिए हर बार सही है
बार बार अगर हम सोचे तो नई सोच से एक तसल्ली रही है वह जीवन कि आवाज़ सही है जो सबको तसल्ली देता है वह मन का एहसास सही है वह सारे जसबात सही है

Monday 21 September 2015

कविता २०९. सुबह कि नई शुरुआत

                                                              सुबह कि नई शुरुआत
हर बार सुबह के अंदर रोज एक नई शुरूआत होती है जिसे अगर हम समजे तो जीवन में नई चीज़ों से ही जिन्दगी होती है
पर कभी कभी लोगों को पुरानी चीज़ों से इतनी मोहोबत होती है के नई चीज़े  मन पर असर नही करती है पर कभी पुरानी चीजों से ही दुनिया आगे बढ़ती है
सुबह में ही जीवन की शुरुआत होती है जो जीवन को हर बार नये तरीके समझाती है हर बार सुबह के अंदर नई शुरुआत होती है
पर कभी कभी सुबह के अंदर हर नई शुरुआत होकर भी वह सुबह हम पर असर करती है जब जब हम जीवन को समजे उसके अंदर सुबह दिखती है
उस सुबह के अंदर नई सोच हमेशा जीवन पर असर करती है जीवन में हर बार नई शुरुआत उम्मीदे देती है हर बार हमारी सोच यही कहती है
नई सुबह में जिन्दगी रहती है हर बार शुरुआत होती है तभी तो जीवन को हर बार समज लेते है तो नई शुरुआत होती है पर हम जीवन को समज लेते है
क्योंकि नई शुरुआत होती है जीवन के अंदर जब हम परखे जीवन को तो हर बार नई किसम की हर बार कहानी में नयी दिशा दिखती है
जब जब आगे बढ़ते है तो ही पुरानी चीज़ों को पीछे छोड़ ने की शुरुआत होती है सुबह के अंदर हर बार नई सोच जीवन पर असर करती है
सुबह जो जीवन को उम्मीदें दे वह पुरानी यादें छोड़ने के बाद ही होती है क्योंकि चाहे कितनी भी प्यारी हो लेकिन यादें तो पुरानी बात होती है
जो जीवन की बस पिछली बात होती है जिसे जीने में ही जीवन की नई शुरुआत होती है जिसे समज लेते है तो जीवन में वह सोच एहसास देती है 

कविता २०८. बजह

                                                                 बजह
कई बार जीवन मे हम अपने आपको खुल के हँसते हुए देखा है तब तब सोचा है हँसी की बजह को हम कभी नहीं भूलेंगे जब जब हम जीवन मे आगे बढ़ जाते है
चाहे हार हो या जीत उस बजह से दूर नहीं होंगे वह बजह ही तो है जो जीवन को जीवन बनाती है वह बजह ही तो है जो हर पल मुस्कान दे जाती है
मुस्कान तो जीवन मे नई ख़ुशियाँ लाती है जीवन को वह धीरे धीरे आगे ले जाती है पर वह बजह जो जीवन मे मुस्कान लाती है वह उसे क़ायम रख लेना भी सिखाती है
जीवन मे ज़रूरत तो हर पल होतीं है बजह उस ज़रूरत को आगे ले जाती है जीवन मे हर मोड़ पर मुस्कान जो मन कि मुराद होतीं है वह जो दे वही भगवान कि मुरत सी लगती है
कई खाली वादों से दुनिया हर बार बनती है जो एक भी वादा पूरा कर दे उसमें ही इन्सान कि सही पहचान होतीं है जब जब हम दुनिया को परख ले उसमें मुस्कान होतीं है
वह मुस्कान कि बजह तो जीवन दे जाती है बजह जो हर पल मुस्कुराना सिखाती है उसे जो परखे जीवन मे उसके ही समज मे आती है मुस्कान कि बजह तो जीवन बन जाती है
बजह ही है जो जीवन मे अलग अलग रंग दिखाती है बजह ही है जो जीवन मे हमारे दुनिया मे ख़ुशियाँ ले आते है जो बजह बनी जीवन के रोशनी का वह एहसास हर पल लाते है
बजह अगर जीवन के अंदर कोई भी ख़ुशियाँ ले आती है बजह तो जीवन के हर मोड़ पर हँसी देती है वह दुनिया को उम्मीदें देती है वह बजह चाहे जीते या हारे वह ख़ुशियाँ देती है
क्योंकि बजह हँसने कि तो जिन्दगी हमे देती है हर बार हमे जिन्दा रखती है बीन हँसे भी क्या जिन्दगी होतीं है जो हँसने कि सही दिशा देती है हँसने कि बजह मन को तसल्ली देती है
बजह तरह तरह कि होतीं है जो मन को हर बार ख़ुशियाँ देती है बजह जीवन मे हर बार अहम होतीं है बजह हर बार वही सोच देती है ख़ुशियाँ के ख़ातिर ही तो बजह होतीं है

Sunday 20 September 2015

कविता २०७. विश्वास से आगे बढना

                                  विश्वास से आगे बढना
हम अगर विश्वास से आगे बढ़े तो जीवन कि नई शुरुआत होती है हर बार जीवन को अगर सही दिशा मे ले जाये तो जीत से भी ज़्यादा अहम वह बात होती है क्योंकि सही सोच मे ही विश्वास कि सौगाद होती है
उस विश्वास को जी लेते है जो रोशनी देता है तो उसमें अलग किसम कि बात हर बार होती है विश्वास मे ही जीवन कि एक सौगाद जो मन पे असर कर देती है उस सौगाद को अपनी दुनिया विश्वास पे ही पाती है
जीवन के अंदर विश्वास से ही तो दुनिया चलती है विश्वास ही तो जीवन कि सबसे बड़ी पुंजी होती है पर कई बार हम एक पल मे ही बस खो देते है तो उस विश्वास के बिना दुनिया टूटी हुईं दिखती है
पर जो पल खो जाये वह शायद हमारे मन का विश्वास नहीं होता है वह तो एक आभास है जो मन को हर बार एहसास अलग देता है जीवन जिसे परख लेता है उस सोच का एहसास अलग होता है
विश्वास को अगर परख लेते है तो सोच को एहसास अलग सा होता है विश्वास हमे सही दिशा हर बार दिखा लेते है विश्वास तो वह ताकद है जो जीवन भर रहता है
विश्वास हर बार जीवन मे नई ताकद देता है वह शुरुआत हर पल जीवन मे आ जाती है विश्वास तो हर बार जीवन को ले जाता है वह जीवन कि सही दिशा हमे दिखाता है
विश्वास का मतलब हमेशा जीवन को सही दिशा दिखा देना है विश्वास तो जीवन मे नई शुरुआत अक्सर लाता है विश्वास तो जीवन मे सुनहरे रंगों की रंगोली बनाता है
विश्वास तो जीवन मे तरह तरह के मतलब जीवन मे लेके हर बार आता है विश्वास तो जीवन मे ख़ुशियाँ लाता है विश्वास तो दुनिया को सही तरह के रंग हमेशा दिखाता है
पर जो हार जीत पर निर्भर हो वह विश्वास नहीं होता है विश्वास तो जीवन कि पुंजी है जो जीवन को हर बार आधार देती है जीवन मे ख़ुशियाँ हर बार फैला देती है
विश्वास तो वह सोच है जो जीवन मे सही दिशा देती है विश्वास तो जीवन को हर बार अलग सोच और हमे ख़ुशियाँ देती है विश्वास ही जीवन को सही दिशा देता है पर वह सच्चाई पर हो तो वह असर तो कर लेता है

कविता २०६. हर चाल

                                             हर चाल
हर चाल जो जीवन मे हमे आगे ले जाती है वह चाल हमेशा दुनिया के हर दुःख का कारण बन जाती है जीवन कि जो दिशा सीधी जानी ज़रूरी है वह चाल बन के जीवन को ग़लत दिशा मे ले जाती है
दुनिया कि हर चाल जो हमे आजमाती है वह चाल ही तो जीवन को तरह तरह के रंग दिखाती है जीवन के हर रंग मे सीधे रस्ते से जाती है जीवन के कई रंगों मे दुनिया जिन्दा हो जाती है
पर जब कोई चाल जो दूसरे को रुलाती है वह चाल अक्सर दुनिया मे हमे आगे ले जाती है वह चाल हमेशा दुनिया पर कुछ ना कुछ असर तो कर जाती है पर सच तो यह होता है
कि वह चाल ही हमारी हस्ती मिटा देती है वह चाल जो जीवन के अलग अलग रंग दिखाती है वह चाल जीवन को हमेशा सही बनाती है चाल जो अपने जीवन को सवार लेती है
वह चाल हमे मुस्कान देना सिखाती है वह जीवन मे आँसू नहीं फूलों को बाँटना सिखाती है वह जीवन को एक अलग रंग दे जाती है वह हमे अक्सर मुस्कुराना सिखाती है
वह चाल सही होती है जो जीवन को सही दिशा दिखाती है वह लोगों के आँसू से नहीं हँसी से ही दुनिया जिन्दा कर जाती है चाल तो वह होती है जो सही राह दिखाती है
सही राह तो वह होती है जो जीत से ज़्यादा जीवन मे ख़ुशियाँ फैलाने पर ध्यान देती है आख़िर यह तो छोटीसी जिन्दगी है जो जीवन को उम्मीदें दे जाती है वह आशाओं कि राह दिखाती है
सही राह से आगे बढ़ते हुए वह जीवन को कई उम्मीदें मिल जाती है जब चाल ऐसी हो जो ख़ुशियाँ बाँटे तो वह चाल हमेशा सही कही जाती है पर दुनिया मे लोग अक्सर उसे समज नहीं पाते है
जीवन को हर बार वह जीत कि शतरंज समज कर आगे बढ़ते जाते है लोग जीवन के हर रंग को समज लेना चाहते है पर सही रंग को आसानी से  जीवन मे नहीं समज पाते है
जीवन को समज लेते है तो जीवन का मतलब समज नहीं पाते है क्योंकि चालें सिर्फ़ अपने लिए और जीवन मे अपनों के लिए वह हर बारी चलते है दूसरों को रुलानेवाले खुद कि किस्मत को रोते है

Saturday 19 September 2015

कविता २०५. दूसरों का दर्द

                                          दूसरों का दर्द
हर बार जो एहसास हमे महसूस होता काश के वह एहसास जीवन मे सबको होता जो चोट मन के अंदर चुपके से लगती है वह चोट देने के पहले ही काश इन्सान उसे समज पाता
पर अफ़सोस है कि यह बात दूसरों का दर्द हमे आसानी से नहीं दिखाती है हम तो बस अपने दिल से अपना दर्द समज लेते है सारे दर्द जो हमे छू लेते है वह सबको दर्द नहीं देते है
बार बार जब हम जीवन को समज लेने कि कोशिश करते है हर दर्द के साथ हम जीवन को जी लेते है दर्द के अलग अलग नतीजे से हम हर बार डरते है इसीलिए तो अपने दिल को संभाल कर रखते है
दर्द जीवन पर असर करते है दर्द के अंदर नई सोच हम रखते है दर्द के अंदर हम अलग तरीक़े कि सोच हम हमेशा रखते है दूसरों के दर्द को हम हमेशा छोटी समज लेते है
जीवन के अंदर दर्द तो हमेशा मन को ख़ुशियाँ देते है वह दुनिया मे कभी नहीं दिखते है जीवन के अंदर हमेशा जीवन को दर्द चोट ही देते है तो चाहे या ना चाहे पर अगर  हमारे जीवन मे दर्द आते है
दूसरों का अनदेखा दर्द हमेशा अपने जीवन मे भी आता है दर्द को अपना घर बदलना आता है दर्द जीवन का हिस्सा हमेशा बन जाता है दर्द का असर तो हर बार हम पर होता है
दर्द हमे जीवन देता रहता है दर्द जो हमे जीवन पर असर करता है अपना हो या पराया आख़िर जीवन को तो छू लेता है दर्द तो हमेशा जीवन मे आता जाता रहता है
दर्द तो हमेशा हमारा पत्ता  ढूँढ़ लेता है पर अक्सर जो दूसरों के गमों मे है रोता ख़ुशियों का आना जाना उसके जीवन मे शुरू रहता है गमों के अंदर सोच सही तरीक़े जब आगे बढ़ती है
तभी तो जीवन मे ख़ुशियाँ वह ला पाती है सही तरीक़े से जी लेना यही तो जीवन कि सही सोच होगी जीवन के अंदर हमेशा वही नई दुनिया बना लेती है
जीवन मे हम हर पल जो समज लेते है वह अपने गमों कि ही कहानियाँ है होती पर उनके बीच मे जो दूसरों के गमों को भी समज लेता है जीवन मे उसी इन्सान कि निशानीयाँ जीवन मे हमेशा है रहती

कविता२०४. हर लब्ज

                                          हर लब्ज
हर लब्जों को समजे तो अलग एहसास होता है पर लब्ज ही सबकुछ नहीं होते ज़रूरी उनके अंदर का एहसास होता है हर पल लब्ज को समज लो तो कुछ मन को छूने का आभास होता है
पर कुछ लब्ज छुपते है मन मे कुछ उस तरह से कि जीवन मे नया उजाला होता है लब्जों मे दुनिया का हर नजारा दिखाता है अगर लब्ज को परख ले तो नई शुरुआत देता है
लब्ज तो हर पल जीवन का हिस्सा है पर कुछ लब्जों को भूल जाना जीवन मे एक पल मे ही हो जाता है पर कुछ लब्जों के अंदर जीवन का मतलब छुपा होता है
जीवन जाने कितने लब्जों से भरा होता है वह ख़ुशियों कि और गमों कि दास्तानों से बना होता है जीवन को अगर ठीक से परखे तो कई बार हमने भूला दिया होगा वैसे किस्सों से जीवन भरा होता है
हर लब्ज को समज पाना है सारी शब्दों को समज लेना होता है उन्हें सारी चीज़ों का समज लेना हर बार ज़रूरी होता है जीवन हर बार मुश्किल होता है
जो लब्ज जीवन से हर बार आते रहते है कभी कभी जीवन मे आगे बढ़ना भी ज़रूरी होता है सारी कहानियाँ जो जीवन को अक्सर बनाती है वह जीवन कि सच्चाई सामने लाती है
कुछ कुछ लब्जों को समज लेना जीवन का हिस्सा तो ज़रूर होता है पर उन्हें हर बार समज लेने का मौका तो हमेशा नहीं मिलता है जीवन को हम ख़ुशी से जियें यह ज़रूरी होता है
और उसी बजह से हम लब्जों को समज ले यह हमारी मजबूरी होती है जीवन को जो समजे वह सोच ज़रूरी होती है उस लब्ज को हम हर बार परखे यह हमारे लिए बहोत अहम होता है
पर फिर ऐसे लब्ज जीवन मे बाकी रह जाते है वह हर बार जीवन को नये सीरे से सिखाते है लब्जों कि हर बात को जो याद रखते है पर उनसे न चोट खाते है वही जीवन मे आगे बढ़ जाते है
लब्ज तो हमको हर बार समजने होंगे उनसे ही तो जीवन के क़िस्से बनाने होंगे लब्जों से चोट नहीं खानी है उनसे ही दुनिया को समज लेना होगा लब्ज तो दुनिया को बनाता है उसे हँसकर समज लेना है

Friday 18 September 2015

कविता २०३. वक्त रहते सही दिशा मे जाना

                                         वक्त रहते सही दिशा मे जाना
जब वक्त के रहते अगर हम संभल जाते तो जीवन को हम हर बार सही दिशामे समज पाते है जब हम जीवन को धीरे से समज लेते है तो हर बात को हम फुरसत मे समज पाते है
हर मोड़ पर जब हम जीवन को समज लेते है जीवन के हर राह को हर बार अगर हम जीवन मे सही तरह से समज लेते है तो कई बार कई तरीक़े कि ग़लतियाँ समज लेते है
जीवन के हर राह पर तो बस काटे ही होते है जीवन को हर बार हम परख लेते है जिस राह को हम हर बार समज लेते है वक्त तो अक्सर अलग रंग दिखाता रहता है
उन रंगों को हम जीवन मे सह लेते है हर मोड़ पर हम जीवन को बस इतना ही कहते है कि सही राह दिखाते रहना जब जब हम ग़लत राह से चलते रहते है
वक्त तो अक्सर जीवन के अलग रंग दिखाता है जीवन मे अलग अलग सोच से जीना सिखाता है काश के हम को जीवन के हर बार बातों को समजना आ जाता
पर हमने देखा है लोगों को गलत सोच रखते हुए पर जब सुधरने का मौका आया हर बार हमने यही समज लिया कि सही दिशा मे मुडने का मौका नही आया है
पर हमे जीवन मे बस यही समजना है कि हर मौका जीवन के लिए आता है जीवन मे हर मोड मे अलग सोच का आना होता है जीवन मे अक्सर अलग सोच का आना जाना होता है
पर यह जरुरी है कि जीवन को हम समज ले तो उसका मतलब यह भी होता है सही समय सही दिशा मे जाये तो ही अपना जीवन जन्नत होता है सही दिशा मे होता है
पर हर दिशा मे जीवन का कुछ अर्थ जरूर होता है जिसमे जीवन का नया मतलब होता है जीवन के हर दिशा मे खुशी का आरंभ होता है अगर जीवन को समजे तो सही दिशा मे जाना जरुरी होता है
जीवन के अंदर नई सोच का प्रारंभ होता है जब हम सही तरीके को नही अपना पाते है तो ही जीवन का सही आरंभ होता है जीवन को हर बार जो परखे हमें एक बात समजे उसे सही दिशा मे जाना अहम होता है

कविता २०२. जीवन का किस्सा

                                      जीवन का किस्सा
जब जीवन मे हम आगे बढ़ जाते है अलग अलग तरह के क़िस्से जीवन मे आ जाते है जिन्हें हर पल हम समज लेना चाहते है उन किस्सों के सहारे जीवन को हम आगे बढा लेते है
जीवन मे अलग सोच को हम अक्सर रखते है जिन्हें परख लेते है पर जीवन मे हमेशा उन्हें समज लेना चाहते है जीवन के अंदर हम अलग अलग तरह के क़िस्से समज लेते है
हर क़िस्से मे हम जीवन को अक्सर जिन्दा रख लेते है पर सवाल तो यह है कि जीवन के अंदर नये क़िस्से जीवन को दिलचस्प बनाते है या फिर उन किस्सों के मतलब जीवन ही देता है
बड़ा मुश्किल है उन्हें बातों को समज पाना जो जीवन को मक़सद देती है वह बातें ही तो जीवन को हर बार जिन्दा कर लेती है पर हर राह पर जीवन कि नयी सोच हम हमेशा रखते है
उस सोच को अक्सर क़िस्से ही बनाते है हर बार हमेशा हम अपनी सोच कि धारा को समज लेते है उस जीवन धारा मे ही तो क़िस्से जिन्दा रहते है क़िस्से अक्सर जीवन को बनाते है
तो क्या आगे है और क्या पीछे है जीवन को तो हम हर मोड़ पर अलग सोच रखते है जीवन मे हम अलग तरह कि सोच हम हमेशा रखते है क़िस्से जीवन के अलग अलग रूप रखते है
जीवन कि हर धारा मे अलग अलग सोच हम रखते है जीवन के अंदर हम हमेशा अलग सोच को जिन्दा रखते है नई सोच जीवन के अंदर किस्सों से ही तो पाते है
हर क़िस्से के अंदर नई चीज़ें ज़रूर होती है क़िस्से ही तो जीवन को बनाते है क़िस्से के अंदर हम दुनिया को समज लेते है हर किस्सा नई चीज़ें हमे नया मोड़ दिखाते है
किस्सों मे जीवन के अलग अलग रंग बनते है कुछ क़िस्से ही है जो जीवन को हर बार बनाते है क़िस्से तो जीवन को मतलब देते है पर किस्सों को जीवन ही मौका देते है
किस्सा हर बार हमे जीवन देता है किस्सों को समज लेने से ही इन्सान आगे बढ़ता है हम किस्सों से ही जिन्दा रहते है तो जी लो हर क़िस्से को क्योंकि उस क़िस्से से ही हम जिन्दा रहते है

Thursday 17 September 2015

कविता २०१. सुनानी है अपनी कहानी

                                           सुनानी है अपनी कहानी
एक प्यारे से पौधे की भी एक कहानी होती है पर हमें कहा फुरसत है उसे सुनने की क्युकी सबको बस अपनी कहानी सुनानी होती है
अलग तरीके से हर बार सुननी कोई कहानी है क्युकी हर कोई मुश्किल में होता है पर कभी कभी कुछ लोग तो मिलते है
जो सुनाते है अपनी कहानी पर सुनते भी हमारी कहानी है जीवन की हर कहानी में समज लेनी है जो जीवन पर असर कर जानी है
हर कहानी में हर मोड़ पर सुननी है जो जीवन की अलग ही निशानी है जीवन को जो परखे तो बननी है वह कुछ ऐसी कहानी है
जो हर बार जीवन पे कोई ना कोई असर तो कर जानेवाली ही है जीवन में आगे बढ़ जाये तो समज लेती है जीवन की निशानी है
हर कहानी में सुननी है नई तरह की निशानी है जो जीवन को लगती हर बार सुहानी है धीरे धीरे आगे बढ़ने की यह एक ऐसी कहानी है
जिसमें समज लेंगे तो बनती हर बार अलग ही कहानी है कभी कोई सुनले अपनी बात को तो लगती हर बात सुहानी है
पर लोग तो बस सुनाते है और फिर मुश्किल में बढती है जीवन ही  एक दिलचस्प कहानी है लोग हमे सुने यह मन कि चाहत पुरानी है जिसे जीवन मे समजे वह दूसरों के दुःखों कि कहानी है
हर बार जो जीवन मे समजे वह बात बड़ी पुरानी है जिसको हम सुनाना चाहते है वह हमारी कहानी है पर लोग सुनाते रहते है वह उनकी कहानी है
कभी कभी वह अपनी कहे और कभी हमारी सुने यह चाहत होती हमारी है पर लोग तो सुनाते रहते है हर पल अपनी कहानी कभी कभी तो सुनते हमारी यह चाहत हमारी है


कविता २००. जीवन के सपने

                                                                 जीवन के सपने 
कभी कभी सपने तो दिल में जिन्दा हो जाते है हर बार जब जीवन में नयी शुरुआत होती है कोई ना कोई तो नयी सौगाद मिलती है
पर फिर भी लगता है सपनों का कुछ अलग मंजर होता है जो परखो तो जीवन में नयी शुरुआत देता है जिन सपनों को जी लेते हो उनका अलग अहसास देता है 
जीवन के हर सपने में हम हर बार जी लेते है उनसे ऐसा लगता है की एक जीवन का नया अहसास मिलता है जीवन के हर पल में हम जी लेते है 
उन पलों को परखो तो जीवन का अलग ही राग सुनाई पड़ता है जीवन के हर मोड़ में नई दुनिया बसती है उसके कुछ हिस्सों को हम समजते है 
और कुछ हिस्सों को समजे बिना ही यह दुनिया आगे चलती है जीवन के हर मोड़ में हमें नई सोच का एहसास होता है जीवन में सपना आगे बढ़ता है 
पर कभी कभी एक सपने में ही जीवन गुजरता है लोगों को उसका अफ़सोस होता है पर सपना देखनेवाले से पूछे तो उसे कोई अफ़सोस नहीं होता है 
क्युकी एक ख्वाब में जीवन बीता देना इतना भी बुरा नहीं होता है हर मोड़ पे हम समजे तो जीवन बड़ा नजर आता है उस मोड़ में ही पूरा जीवन गुजर जाता है 
तब जीवन बड़ा नहीं लगता छोटा नज़र आता है अगर जीवन को उस तरह से जी लेते है तो वह जीवन हर बार खुशियाँ देता है 
जीवन के हर मोड़ पर प्यारा एहसास नज़र आता है जीवन के हर सपने में अच्छा एहसास जीवन के हर मोड़ पर नजर आता है 
सपनों के अंदर अलग तरीके का मतलब होता है पर कुछ ख्वाबों के अंदर नई सोच का एहसास हमारे जीवन को नई तरह की रोशनी हर बार देता है 

Wednesday 16 September 2015

कविता १९९. जीवन का सही मतलब

                                जीवन का सही मतलब
जब जब समजे हम जीवन को उसका कुछ तो मतलब होता है उस जीवन का अलगसा अंदाज़ दिखाता है जीवन मे कोई तो कह दे उसका अलग ही मतलब जो हमने समजा है
कैसे समजे पर उस मतलब को वह ग़लत सा जीवन मे लगता है हर पल जब जीवन को तो वह कितना अच्छा लगता है पर कभी जीवन कुछ ऐसे भी हो जाता है
कि कोई ग़लत मतलब को ही सही बताता है मन मानता नहीं है उसको पर जीवन मे अपनाना पड़ जाता है उस पल जीवन मे हमे बस यही सवाल नज़र आता है
कि कैसे अपना ले हम उस मतलब को जो हर मोड़ पर बस ग़लत लगता है जीवन का मतलब यह विश्वास नहीं बनता क्योंकि हम जब उसे परख लेते है
वह मतलब ग़लत लगता है उस पल चाहे कोई कुछ भी कहे उसका अहसास जीवन को होता है अगर हम समज लेते है तो उस मतलब से इन्कार सही दिखाता है
कई तरह के जीवन मे सही मतलब वही होता है जो मन को तसल्ली दे तो वह जीवन पर असर ज़रूर करता है जीवन के हर मोड़ का कुछ तो मक़सद ज़रूर होता है
जीवन को हर पल जो जी ले तो वह दुनिया को अलग ही दिखाता है जीवन को सही मतलब पे रखना मुश्किल तो ज़रूर होता है पर सही मतलब से ही उम्मीदों का सफ़र शुरू होता है
तो सही मतलब को अपना बना लेना दुनिया मे सही होता है जीवन को सही दिशा मे समजे तो ही जीवन हमे जीवन लगता है जिस धारा को समझे हम उसका एक मतलब लगता है
ग़लत मतलब को कितना भी अपनाना चाहे वह नामुमकिन सा लगता है जीवन को जब जब हम समजे उसमें सही दिशा को समज पाना ही हमेशा अहम होता है
चाहे हमे कितने भी भाये पर ग़लत चीज़ मे कभी ना कोई दम होता है उस चीज़ के अंदर हर बार बस ग़लत बात का ही असर होता है सही तरीक़े से जब समजे तो ही दुनिया मे चीज़ों का सही असर होता है

कविता १९८. कुदरत का संगीत

                                                                कुदरत का संगीत 
हर बार नीले आसमाँ से कोई तो गीत सुनाई देता है कभी बारिश बन के कभी बिजली बन के जीवन पर असर करता है वह गीत जो कुदरत गाती है वह जीवन पे अक्सर असर करता है 
कुदरत का हर बार अलग सा एक रूप होता है जो जीवन पर कोई अलग ही असर कर जाता है हर बार जीवन में कोई  रंग होता है जो जीवन पर कोई तो बदलाव जरूर करता है 
बदलाव से जीवन पे अच्छा असर होता है जो जीवन में बदलाव करता है कुदरत के अलग अलग गीतों का जीवन पर सही तरह का असर होता है हर गीत जो कुदरत गाती है 
वह संगीत जो मन को हमेशा ख़ुशी देता है कुदरत के अंदर तरह तरह के गीतों का असर होता है कुदरत का संगीत अक्सर बेहतर होता है जो जीवन में कुदरत का सही संगीत होता है
हर संगीत के अंदर जीवन का कुछ ना कुछ असर तो हमेशा होता है जीवन में कुदरत का हर संगीत का असर होता है उस संगीत में जीवन का सही किसम का असर हमेशा होता है 
कुदरत में नये नये गीतों का हर बार कुछ तो असर होता है गीतों में हमेशा अलग गीत ही शामिल होते है गीतों का हमेशा जीवन पर कुछ तो असर होता है क्युकी कुदरत के अंदर ताकद का असर होता है 
हर गीतों के साथ कई बातों का हमें अहसास होता है जीवन में हर मोड़ का कुछ तो जीवन पर असर होता है जीवन में हर बार नई सोच का असर होता है जीवन में नई शुरुआत करता है 
हर तरह की गीतों में जीवन का बड़ा असर होता है पर कुदरत के गीत में जब वह हो जाये तो जीवन पर असर होता है हर गीत में प्यारासा मतलब होता है जो जीवन को जिन्दा रखता है 
हर बारी जब जीवन में किसी संगीत का असर होगा उस संगीत को समजना हर पल जीवन में मुमकिन होगा जीवन को समजे तो उसका जीवन पर सही तरह से असर होता है 
कुदरत के संगीत में ही जीवन का एक अलग ही असर होता है जो अक्सर जीवन बदल देता है जीवन का  मतलब वही होता है जो हमेशा सही होता है उसे समज ले तो कुदरत का गीत ही  ताकदवर होता है 

Tuesday 15 September 2015

कविता १९७. हकीकत

                                                                      हकीकत
हर हकीकत को समजो तो जीवन में कुछ ना कुछ बात होती है जीवन हर पल में एक सौगाद होती है जीवन को समजो तो हर पल कुछ अलग सा लगता है उसमें उम्मीदों की सौगाद होती है
जब जब किसी चीज़ में कोई नयी बात होती है उसी पल जीवन में नयी शुरुवात होती है हर एक हकीकत में जो जीवन की बात होती है वह जीवन को अक्सर खुशियाँ देती है
हकीकत को समजे तो दुनिया में हर बात मे नई तरह की सोच होती है जिसे परखो तो जीवन में नई सुबह भी होती है हर हकीकत में आगे बढ़ने की नई शुरुवात होती है
जिसे अगर हम परखे तो हमें जीवन की उम्मीदे मिलती है जब हम जीवन को हर हक़ीक़त एक अलग ही कहानी बनाती है उसे हर समजे तो जीवन मे अलग ही निशानी मिलती है
हकीकत में रूप कोई तो मतलब होता है जो जीवन को हर बार हर मोड़ पर समजता रहता है जीवन की सारी सोच में अच्छा असर होता है जब जीवन कोई हकीकत बनकर समजा जाता है
हर हकीकत में कुछ ना कुछ कहानी तो जरूर होती है जीवन में हर बारी हर चीज़ की अलग निशानी तो जरूर होती है अगर जीवन को समजे तो हकीकत को हर बार समजना होता है
हकीकत के हर पल से ही जीवन बनता और सवरता है जीवन के हर किस्से में कुछ तो नया किस्सा होता है हर हकीकत में जीवन का नया हिस्सा बनता है
अगर जीवन में हर बार उसे ख़ुशी से जी लेते है
हर हकीकत में हमेशा जीवन के नये नये मोड़ आते है जिन्हे हम समजते है और जिन्हे दुनिया को समजाने की कोशिश हर बार करते है हकीकत के अंदर हर बार अलग सोच होती है
जिन्दगी आखिरकार ख्वाब नहीं बस हकीकत होती है जब जब सारी चीजे जीवन में होती है वह जीवन को हर बार एहसास देती है वह समजती है जीवन को और उसकी धारा को जिन्दा रखती है
जिन्दगी ख्वाब नहीं हर बार हकीकत होती है जो जीवन पर एक अलगसा असर करती है जिन्दगी को समज लेते है तो उसमे कई किसम के ख्वाबों के अंदर जीवन की एक हकीकत होती है 

कविता १९६ सोच

                                                                          सोच
कभी कभी बूँदों का कुछ तो मतलब होता है जब धरती को वह छू लेती है कुछ तो मक़सद होता है उस हर पल समजे तो ही जीवन आगे बढ़ता है वह ख़ुशियाँ देता है
हर बूँद मे एक जीवन ज़रूर छुपा होता है उसे समजे तो उसका जीवन धीरे धीरे से बनता है हर पल हर बूँद के साथ जीवन आगे चलता है अगर बूँद को ना समजे तो जीवन खाक समजता है
हर बात जो छोटी छोटी मन को छू लेती है वह जीवन मे एक नयी शुरुआत भी देती है उसी तरह मन मे भी एक सोच होती है क्योंकि वह सोच भी एक बूँद होती है
उसमें बस जीवन है पर यह तो हम पर निर्भर है कि वह छोटीसी बूँद कौन सा जीवन बनेगी वह जीवन मे आगे ले जायेगी या बस उस पल मे ही रुकेगी वह जीवन मे आगे ले जाती है
हर बार हर एक सोच बारिश कि बूँदों कि तरह मन की ज़मीन पर गिरती है हमे जीवन मे वह अक्सर बदलाव देती है वह बदलाव कैसा है यह किस्मत तय करती है
वह जीवन को हर बार कुछ ना कुछ कह देती है जीवन मे हर बार आगे बढ़ना शुरू तो वह करती है सोच ही अलग अलग तरीक़े से जीवन को बदलती रहती है
पर वह बूँद के जैसे जीवन तो हर अपने अंदर समाके रखती है सोच के अंदर हर बार नई दुनिया बनती है पर अफ़सोस तो इस बात का है कि वह ग़लत भी बन जाती है
हर सोच तो मन के माटी मे जाकर कुछ तो असर करती है यह हम पर होता है कि वह सोच जीवन मे कैसे आगे बढ़ती है अक्सर सोच जीवन को बदल देती है
पर हमेशा यह होता है कि वह पौधा बन के आगे बढ़ती है जीवन मे सोच अक्सर असर तो करती है जीवन को समजो तो दुनिया नये तरह से बनती है उसे नहीं करते है
क्योंकि वह पानी के बूँदों कि तरह जीवन मे अहम सी लगती है सोच के अंदर नयी दुनिया कि तसबीर बनती है हर छोटीसी बूँद कि तरह सोच भी जीवन को जिन्दा रखती है

Monday 14 September 2015

कविता १९५. जीवन के अंदर कि सोच

                                                          जीवन के अंदर कि सोच    
जीवन के अंदर अलग कुछ तो असर होता है जीवन में नई सोच का हमेशा असर होता है वह चीज़े हर बार जीवन में कुछ तरह तो असर करती है क्युकी हर बार जीवन में नया नतीजा दिखता है
जीवन तो हमेशा अलग दिशा दिखाता है जीवन में रोशनी जो हमेशा कुछ तो असर देती है जीवन में तरह तरह की सोच जिसमें नये किसम का अर्थ जीवन में होता है पर जीवन के अंदर दुसरे तरह का असर होता है
जीवन पे हमारी हर हरकत का असर होता है जीवन तो आगे प्यार से बढ़ता है पर फिर भी जीवन में नफरत का कुछ ना कुछ असर तो हर बार जरूर होता है जीवन में अंदर नयी रोशनी का आना होता है
जो हर पल में अलग अलग सोच का कुछ सही तरीके का असर होता है सोच में अलग अलग तरीके से जीवन का कुछ तो सही असर जरूर होता है हर सोच में कुछ तो मतलब होता है
जीवन में सही सोच का आना जरुरी होता है अगर वह सोच जीवन पर हमेशा असर करती है सोच में कई खयालों का हमेशा डेरा रहता है सोच के अंदर कुछ तो जीवन का असर होता है
जीवन के अंदर नये नये खयालों का हमेशा रहना होता है जीवन में अक्सर नये चीजों का कुछ तो असर होता है जीवन में कितने सारे विचारों का असर हमेशा होता है
जीवन में जब सही सोच आती है तो उसका दुनिया पर असर होता है जीवन में हर बार बदलने का कुछ तो असर होता है सही सोच का कुछ तो मतलब होता है
जो जीवन के अंदर अलगसा असर आता है जीवन के अंदर कोई तो असर होता है सोच के अंदर नये नये खयालों का आना जाना अक्सर होता है सही खयाल जीवन में आते है
बस उन खयालों को रोकना मुश्किल होता है जब जब सही खयाल जीवन में आते है उन्हें समज लेना बहोत जरुरी होता है खयालों के अंदर सोच का मजबूत असर अक्सर होता है
सोच के अंदर हमेशा खयालों का आना जाना रहता है जीवन में हमेशा इन्सान सोचता रहता है ख़याल तो आगे बढ़ते है उसमे जीवन का कुछ तो असर हर बार तो जरूर होता है 

कविता १९४. एक चाँद

                                                                     एक चाँद
रातों के अंदर हर बार उजाला होता है हर बार जीवन का कोई ना कोई तो सहारा होता है काली अँधेरी रात भी जब जब हम अच्छे से देखते है उस रात के अंदर कई तरह के सवाल हमेशा दिखते है
रात के अंदर जीवन का कोई तो किनारा दिखता है अगर हम रात को समजले तो जीवन में नया रंग हमेशा दिखता है पर फिर हर रात मे हमे उम्मीदों का एक नया सा चेहरा दिखता है
राहों  मे हर बार अलग ही मतलब होता है अँधेरों के अंदर अक्सर उजाला होता है जीवन के भीतर ढूँढ़े तो किनारा जो जीवन के अंदर नयी नयी सोच के उम्मीदों के किनारे दिखाते है
हर बार जो हम समजे तो कभी कभी रात के सन्नाटे मे उगते हुए चाँद के खूबसूरत रंगों मे कई तरह के सहारे हमेशा दिखाते है चाँद के अंदर प्यारी रोशनी जीवन को हर बार छू लेती है
चाँद को हर बार रोशनी देखते एक बार तो छूना अक्सर उसे चाहते है पथ्तर होते है बस उसमें दिल से तो यह जानते है पर फिर भी चाँद का पत्थर कभी कभी उस पर उतर कर छूना चाहते है
पर यह नहीं मुमकिन यह दिल जानता है चाँद के रंग जो मन को छू लेते है उन्हें हर बार जीवन मे समजना चाहते है चाँद मे नये रोशनी कि शुरुआत लगती है चाँद से हर बार चांदनी झलकती है
हर बार उसमें से जीवन का नया रंग जिन्दा होता है अँधेरा उस चंदा कि बजह से प्यारा लगने लगता है चाँद तो एक ख़ास उम्मीद देता है कभी मेहनत से तो ढूँढ़ो वह सबको मिल जाता है
उस चाँद कि बजह से हर अँधेरा सुंदर होता है बस उस चंदा को देखकर हर अँधेरा रोशन होता है जब देखो उसके दागों को तो उनसे भी प्यार होता है
क्योंकि जीवन मे हर बार चाँद अँधेरे मे ही दिखता है धीरे धीरे मन को अँधेरा लुभाने लगता है जब हम किसी चीज़ को चाहते है तो उसमें ही जीवन बसता है
चाँद को समजो तो जीवन बस चाँद को देखता है और अंधियारा उसकी खूबसूरती बढ़ाने कि बजह दिखता है चाँद के अंदर बहोत खूबसूरती जो देता है वह अंधियारा भी प्यारा लगता है

Sunday 13 September 2015

कविता १९३. नया सबेरा

                                    नया सबेरा
जब जब हम अलग तरह की सोच रखते है उस सोच को जिसे हम हमेशा अलग तरीक़े से रखते है जीवन के ख़ातिर हम उसे बदल भी लेते है हम सही सोच रखते है
उस सोच को जिसे हम जीवन मे रखते है उस सोच के अंदर हम कई तरह के ख़याल रखते है कई तरह कि सोच जो हम जीवन मे रखते है सोच के अंदर नये ख़याल लाते है
पर अलग ख़याल जीवन मे कुछ तो असर चाहते है हर चाह जो सोच हम मन के अंदर रखते है सोच के अंदर हम सही तरह के ख़याल हम जीवन मे रखते है
पर जाने क्यूँ हम दुनिया से डर कर उन ख़यालों को हम दबा के रखते है तरह तरह की सोच जो जीवन को आगे ले जाती है वह कभी कभी आम नहीं होती है
ख़ास सोच ही जीवन को कई उम्मीदें देती है जीवन के अंदर कभी कभी सोच हमे जो उम्मीदें देती है उस से ही दुनिया डरा कर दूर कर देती है जो ख़ास सोच हमे प्यारी लगती है
सही सोच ही जीवन को सही दिशा दिखाती है जीवन के अंदर अलग तरीक़े भी कभी कभी सही होते है पर लोग हमे अक्सर उन्हें अपनाने से रोकते है
पर जीवन मे सही राह तो बस होती है जो अच्छाई से चलने को ही सही समजती है चाहे कोई भी दिशा हमे कितनी भी तसल्ली दे काँटों की राह पर फूल चुनने का मौका देती है
पर सही दिशा तो बस वही है जो सच्चाई से मिलती है जो जीवन के अंदर नयी सोच अक्सर धरती है सोच को समजो तो वह दुनिया मे कुछ ऐसा कर जाती है
जीवन अलग दिखाता है पर हम उस सोच को देख ना पाते है सोच जो अक्सर जीवन मे ग़लत ही होती है वह हर बार जीवन मे नया उजाला लाती है
पर वह सोच हमेशा थोड़ी मुश्किल ही नज़र आती है वह एक ऐसी सोच है जो दुनिया की समज मे ना आती है वह एक ऐसी सोच जो जीवन मे अक्सर नया सबेरा लाती है

कविता १९२. उलझन का आना जाना

                                     उलझन का आना जाना
नीले आसमान मे जब काला रंग आ जाता है जीवन की कोई नयी उम्मीद वह दे जाता है माना कि बिन बारीश के तरसे हम पर जीवन तो अक्सर बदलता रहता है
जो भी मिल जाये ऊपर से वही अक्सर सही होता है जब मुश्किल आती है तो जीवन हमेशा सुलझता रहता है जो उलझाता है उसको वही तो ऊपर से सुलझाता है
जीवन को हर बार हम देखे वह हर गुथी सुलझा लेता है जीवन के अंदर हर बार कुछ असर कर लेता है धीरे धीरे जीवन को समजे तो वह खुद ही उलझ जाता है
और खुद ही उसे सुलझ जाना होता है जीवन को हर बार जो समजो तो उसका यही किस्सा होता है वह उलझन को बनाना और मिटाना दोनों अच्छे से जानता है
हर बस उसके उलझन पर बिना बजह उलझते है हम उसकी उलझन को हर बार समजने कि कोशिश करते है पर हर उलझन के अंदर दुनिया के रंग नये पाते है
उलझन सुलझाने के चक्कर मे हम दुनिया को खुद ही और उलझाते है सीधे रस्ते कुछ उस तरह टेढे बन जाते है हर राह बस मुसीबत ही हम बनाते है
उसे हर बार हम आगे ले जाते है पर कितने ग़लत है हम जो हर बार यही सोचते रहते है जीवन मे तरह तरह के असर तो हमेशा होते है जो जीवन पर असर कर जाते है
पर जीवन अपनी तरह से सुलझता है और अपनी मर्ज़ी से हम जीवन को समजते है सारी चीज़ें जो हम जीवन मे आगे ले जाती है जीवन के कई रंग जो हमे छू जाते है
जीवन मे कभी हम आगे तो पीछे चले जाते है जीवन मे तरह तरह के असर अक्सर जीवन को बदलते जाते है जीवन मे कुछ ख़याल तो आते है और जाते है
जीवन के अंदर बदलाव तो अक्सर आते है क्योंकि जीवन के अंदर तरह तरह कि चीज़ें जीवन मे आती है और जाती है वह अक्सर जीवन पर सही असर कर जाती है

Saturday 12 September 2015

कविता १९१. जीवन के जस्बात

                                                                जीवन के जस्बात
हर बात को समजना आसान तो नहीं होता है पर समज लेते है उसको क्युकी उसमे ही मजा होता है जब जब हम आगे बढ़ जाते है मुश्किलों से हमारे सामने तो होते है
पर फिर भी जीवन मे हर बार इशारे होते है जिनके वजह से हम जीवन को नये तरीक़े से समजे है इस मे भी नये तरीक़े का मज़ा आता है जीवन को समजे तो आगे बढ़ने का मज़ा आता है
जीवन के हर जस्बे को समजने का मजा तो आता है जीवन को हर बार जो हम समजे उसे गलत पर फिर से समजने का मजा आता है माना मेहनत पड़ती है लेकिन जीने का मजा तो आता है
जीवन के हर राह पर कुछ अलग असर तो मिल जाता है जब जब जीवन में कुछ समजे उस हर मोड़ पर अलग सा मजा हमें जीवन दे जाता है मजा तो वह खुशियाँ देता है
जीवन के अंदर अलग तरीके का कुछ असर जीवन में हर बार हो जाता है जीवन को हम समजे तो उसमें दुनिया का हर रोज नया खेल होता है पहले तो मुश्किल लगता है
पर बाद में आसान तो हो ही जाता है जीवन को समजना इतना मुश्किल नहीं लगता है जीवन की हर साँस में फिर रंग नया भरता है जब जब जीवन को समजे वह रंग नया देता है
पहले कुछ पल तो है मुश्किल पर फिर आसान बन जाता है जीवन को परखे तो जीवन कुछ तो अलग असर देता है जब जब हम आगे बढ़ते है तो जीवन तो खुलकर सामने आता है
जीवन तो एक धारा जो आगे बढ़ती रहती है पर हर बार जीवन को समजना थोड़ा मुश्किल लगता है जीवन की धारा में कुछ तो असर होता है जीवन को परखे तो जीवन अपनी गोदी में कई खुशियाँ  रखता है
जीवन के हर मोड़ पर समजना जरुरी लगता है जीवन को हम आसानी से जी लेते है क्युकी जीवन को हर पल सही तरीके से जीना पड़ता है जब जब हम जीवन को समजे उसमे नया मतलब दिखता है
जीवन के जस्बातों को समजो तो उस पर असर तो हर बार हर चीज़ का होता है जीवन के अंदर हर बार नया कोना जिन्दा होता है जो जीवन को एक नया सा रंग हर बार देता है 

कविता १९० टूटे हुए ख्वाब

                                   टूटे हुए ख्वाब
टूटे हुए सारे ख्वाबों को पाना मुमकिन तो नहीं पर जीवन को समज लेते है हम उसे जीना समजते ही नहीं ख्वाबों कि कोई चाबी जीवन मे होती नहीं उन्हें फिर से जी लेने के सपने से हम डरते है
कई किसम के मतलब जीवन के बहोत सारे सामने आते है हम जीवन समज लेते है नये मतलब को समजते  है टूटे हुए ख्वाबों को कभी कभी हम जिन्दा भी कर लेते है
ख्वाबोंकी अलग दुनिया और उनका अलग मतलब रखते है हम जीवन को हर बार नये तरीक़े से समज लेते है जीवन की हर धारा का एक अलग मतलब हम ढूँढ़ते है
जीवन के अंदर बातों के कई मोड़ हम खुद से ही ढूँढ़ लेते है पर हम अगर वह सारे मोड़ ढूँढ़ लेते है तो फिर हम क्यूँ न कभी पुराने ख्वाबों के सही मतलब  नहीं ढूँढ़ते
जीवन मे तो अक्सर कई मोड़ आते जाते है पर बड़ी मुश्किल होती है जब हम पुराने ख्वाब फिर से जी जाते है हर मोड़ पर हम उन ख्वाबों के ख़ातिर कुछ तो मेहनत करते है
कभी कभी टूटे ख्वाब जिन्दगी दे जाते है जब जब हम जीवन कि नयी शुरूवात पुराने कोनों से करते अगर सही साथ मिल जाये तो हार को जीत मे बदलते है
अगर ध्यान से देखे तो हार ज़रूरी होती है वह जीवन से हारनेका खौफ ही भुला देती है अगर एक बार हार लो तो एक चीज़ समज जाती है कौन अपना असली साथी है
जीवन के हर मोड़को समजना बाकी है हार मे कब तक जीवन हार से बच सकेंगे हम जब के हार भी हमारा साथी है जो धीरे धीरे जीवन को समजा देती है
कि जीत से भी ज़्यादा ज़रूरी हार होती है वह हमे अक्सर देती सच्चाई कि ज्योती हार से पता चलता है जीवन मे कैसे आगे बढ़ने कि ज़रूरत होती है
जीवन को परखो तो हार ज़रूरी होती है क्योंकि जब हम अपनी सच्ची सोच पर पहले चले तो हार होती है बाद मे लढकर ही जीवन मे जीत हासिल होती है हार ही हमारी सही सोच के जीत कि पहली होती है

Friday 11 September 2015

कविता १८९.. हंस कि सुंदरता

                                            हंस कि सुंदरता
हंस कि सुंदरता मन को छू जाती है उसकी हर चाल ढाल जीवन को छू जाती है पर अफ़सोस तो यह हंस को देखने की फुरसत कहा हमे हर अपनी धुंद मे आगे जाते है
सुंदरता ही जीवन मे नये रंग लाती है उसका असर जीवन पर हर बार वह लाती है जीवन को जो हम समजे तो दुनिया अलग नतीजा लाती है हंस से ज़्यादा लोगों को अपनी खूबसूरती ही भाँति है
सब कहते है खूबसूरत कई चीज़ों को पर बस खुद को ही हम चाहते है खुद से उठकर देख ना पाये पर फिर भी बात बड़ी बड़ी करते है जीवन को कैसे समजे हम जब खुद पर ही सारा वक्त जाया करते है
अफ़सोस नहीं अगर कोई दे अपना वक्त खुद को पर दुःख होता है जब गैरों के लिए काम करने का दम भरते है अपने ही घर मे सबकुछ रख कर गैरों पर उंगली धरते है
काश की दुनिया समज लेती की हंसों की कदर लोग कहा करते है वह तो सिर्फ़ दिखावा करते है जीवन मे तो हंसों से पैसों पर ही वह मरते है पर ख़ुशक़िस्मत तो यह दुनिया है
की खुदा ख़ास बनाए हुए कुछ बंदे है जो पैसों की जगह हंसों को देखते रहते है हंसों को सिर्फ़ नहीं वह दुनिया मे कई और भी चीज़ें चाहते है जिनको परखने मे वह अपना वक्त गवाते है
हंसों की उस सुंदरता को हम लोग समज नहीं पाते फिर भी आसानी से कह देते है हंस सबकुछ आसानी से पाते है जिसको सब अनदेखा कर के जाते है वह भला आसानी से क्या पाते है
हंसों को तो अक्सर कई दूर जगह पर रखते है हंस कहा सबके साथ रह सकते है बातें चाहे कितनी भी कर ले पर हंस जीवन को खूबसूरती से भरते है और दौलत के चाहनेवाले उसे नफ़रत से भरते है
हंस के अंदर तरह तरह के खूबसूरत रंग तो होते है हंस तो जीवन को असली मतलब देते है पर कभी हंस हमारे मन की तसल्ली से देखते है पर कभी वह मन को एक चोट भी देते है
क्योंकि उनको जब जब देखते है दुःख होता है दुनिया के सोच पर जो उन्हें छोड़ दौलत की ओर चलते है पर क्या करे यह तो दुनिया है जिसमें लोग चोट खाकर ही समजते है

कविता १८८. ख़यालों को बदलना

                                       ख़यालों को बदलना
कभी हमने देखा है जीवन मे ख़यालों को बदलते हुए लोगों को कहते हुए कि कितनी ग़लत बात है और फिर दोहराते हुए हर बात को समजते रहते है
पर फिर हमने देखा है लोगों को बदलते हुए हर बार सही चीज़ की जगह ग़लत बात जीवन मे करते हुए पर जब ग़लत करते है वह लोग तो कहते है दुनिया की यही रीत है
पर सच कहे तो हमने देखा है जीवन मे हर बार कुछ तो ग़लत उनमें ज़्यादा ही होता है पर अफ़सोस तो इस बात का है की इन्सान ग़लतियाँ दिखानेवाले को ही सही समज लेता है
उसकी तारीफ़ों मे कुछ ऐसे कशिदे पढ़ने के बाद पीछे हटने से जाने क्यूँ हम डरते है जीवन को जब परखे तब गलती तो हम अक्सर करते है पर हार मानने से हम डरते है
डटे रहते है ग़लत बात पर जब दुनिया हमे परखती है जो छोटीसी गलती हो सकती थी वह गुनाह बन के उभर आती है क्यूँ की जो गलती सुधारी न जाये वह गुनाह बन जाती है
जीवन की जो बातें आसानी से सुलझ जाती वह बड़ी मुश्किल बन के सामने आती है वह जीवन को कुछ ऐसा रंग दे जाती है कि जीवन के हर मोड़ पर कुछ मुश्किल ही नज़र आती है
हम नहीं समज पाते है जीवन को क्यूँ की जिन्दगी रंग नया दिखाती है जब जब हम समजे जीवन को दुनिया हमे समजाती है वक्त पर जो माने गलती दुनिया उसका साथ निभाती है
अपनी गलती जो हम सुधार ले तो ईश्वर भी हमारा साथ निभाते है हर कदम पर जाने क्यूँ हम अपने अहम मे अटक कर जीवन कि सही राह समज नहीं पाते है
पर फिर हम सोचते है क्या करना है हमे औरों की राहों से जब हम अपनी राह पे ही उलझे हुए नज़र आते है अपनी राह पर चलते चलते हम जीवन पर असर कर जाते है
अपनी जिद्द के होते हुए हम सही दिशा नहीं समज पाते है हम भटकते जाते है पर जीवन को नहीं समज पाते जब जब हम जिद्द को समजे है तभी जीवन को उस से अलग रख कर कोई दिशा नहीं पाते है

Thursday 10 September 2015

कविता १८७. बदलाव

                                                                  बदलाव 
बादल जो आकार और रंग बदलता है वह गलत नहीं लगता जब फल रंग बदलता है तो पककर प्यारा लगने लगता है हर बार जो चीज़ रंग बदलती है
वह बुरी नहीं लगती पर जाने क्यों इन्सान रंग बदलता है पर वह गलत लगता है जब जब जीवन में चीज़े बदलती है पर उनके अंदर फर्क करता है 
क्युकी इन्सान गलत सोच से रंग बदलता है सही सोच से बदले तो हर रंग गलत ही लगता है हर बार जब जब आगे बढ़ जाते है गलत सोच का असर होता है 
बदलते रहने से चीज़े जो मन पर असर करती है सही दिशामें हो तो मन को सही सोच है मिलती फर्क हमें नहीं रुलाता गलत सोच रुलाती है 
जब जब गलत सोच से कोई फर्क जीवन पर असर करता है वह जीवन पर हमेशा गलत असर करता है बदलाव जीवन पर जरूर असर करता है 
बदलते है जो रंग जिनका जीवन पर कुछ तो असर होता है पर अगर असर सही हो तो बदलाव तारीफे पाता है पर गलत  कोई बात हो तो उसका असर हो जाता है 
बदलाव जीवन में कुछ तो असर करता है  कभी कभी सही तो कभी कभी गलत भी नज़र आता है जीवन के अंदर कोई तो असर होता है 
बदलाव जीवन में अलग असर कर जाता है सही तरह का बदलाव जरुरी होता है पर इन्सान अक्सर गलत ढंग से करता है बदलाव जीवन में जरुरी होता है 
बदलाव जीवन का जरुरी आधार होता है जो हर बार जीवन को आगे ले जाता है जीवन को समजो तो वह सही दिशा में जाता है 
बदलाव जीवन का सही अर्थ होता है बदलाव बुरा नहीं होता जब तक जीवन सही दिशा में जाता है इसलिए बदलाव जो सही दिशा में जाता है 
हर बार सही दिशा का बदलाव जरुरी होता है फर्क ही जीवन में जरुरी होता है क्युकी बदलाव ही जीवन का सही आधार होता है 

कविता १८६. जीवन की तसबीर

                                                           जीवन की तसबीर        
सारी बाते जो जीवन पर असर कर जाती है उन बातों में हम अपनी जिन्दगी न समज पाते है कई बार जो बाते खास न हो वह भी असर कर जाती है
हर बात के अंदर दुनिया की अलग तसबीर नज़र आती है अगर सही हो वह तसबीर तो वह जीवन पे असर कर जाती है वह तसबीर ही हमें सही गलत दिखाती है 
हर बारी जब हम समजे जीवन को तो उस जीवन में वह तरह तरह के रंग दिखाती है तसबीर तो हमें कुछ ना कहते हुए भी सबकुछ कह जाती है 
पर कभी कभी हमारे सामने नकली तसबीर भी खींची जाती है जिसकी बजह से जीवन की दुनिया भी असर कर जाती है वह जीवन को दिखलाती है 
पर कभी कभी गलत तरह की तसबीर भी जीवन को दुश्वार कर जाती है कुछ तो असर जीवन के अंदर जरूर दिखती है 
तसबीर अगर अलग मतलब दिखाए तो जीवन पर वह कुछ तो असर कर जाती है उस तसबीर के अंदर कई बार हमारी अलग दुनिया बस जाती है 
तसबीर अगर नकली हो तो वह नकली दुनिया बनाती है और अफ़सोस तो इस बात का है की वह दुनिया सच्चाई को हम से आसानी से छुपाती है 
अगर हम तसबीर को समजे तो उसके अंदर हम कोई तो दुनिया पाते है उस दुनिया के अंदर हर बार जीवन को आजमाते है 
हर तसबीर के भीतर हम दुनिया का अलग मतलब हम पाते है तसबीर को  समजे तो उसमे हम सारी दुनिया ही बनाते है 
तसबीर की दुनिया नया रंग दिखाती है सही रंग तो वह होता है जो जीवन पर असर कर जाता है तसबीर के हर रंग में जब सच्चाई होती है 
वह तसबीर ही सही होती है जो सच्चाई दिखाती है नकली तसबीर जीवन में कभी ना कभी काम को आती है वह जीवन को सिर्फ उलजाती है 

Wednesday 9 September 2015

कविता १८५. बगीचे का फूल

                                                              बगीचे का फूल
पेड़ की शाखों पर पत्तों से ज्यादा जरूरी फूल लगता है क्युकी वह मशहूर होता है पर अगर पत्ते ही गम जाये तो क्या मतलब उस डाली का जिस में सिर्फ फूल होता है क्या फायदा अगर पेड़ बढ़ना पाये तो क्या फूल तब काफी लगता है
क्युकी वह मशहूर होता है क्या काम की चीज़ वह दुनिया जिसमे अपना ही अपने से दूर होता है सिर्फ लोगों की चाहत से क्या कोई खूब होता है जो दूसरों को जीवन ना दे पाये वह सिर्फ दो पल का ही नूर होता है
चाहे कोई कुछ भी कह दे जीवन में जीना ही है सब चाहते है जो सबको साथ लेके चलता है वही फूल माली का गुरुर बनता है खास होना तभी जीवन में खास बनता है
जब पत्तों के बीच में चुपके से फूल खिलता है जब जब शर्माकर वह पत्तों पे पीछे छिपता है वही मासूमसा फूल जीवन का तोहफा बनता है कोई थाट से कह दे की हम हर बार जीत के ही  कहते है
वह उस बगियाँ में क्या खुशियाँ ला पाता है जो अपनी दुनिया में ही मग्न हो वह कहा दूसरों के दुखों में रोता है प्यारासा सीधासा एक मासूम फूल ही सचमुच मशहूर बन पाता है
क्युकी उसे पत्ते चाहते है तभी तो वह खुद को पाता है दुनिया को नाजुक भले लगे वह पर जीवन का मतलब वह समज जाता है फूलों की मेहफिलमे वही फूल सबसे भाता है
जो जीवन की मंजिल को हमें अच्छे से समजाता है वह फूल ही है जो यह बताता है की मशहूर तो वह होता है जिसे दूसरेको आगे लाना चाहते है वह नहीं जो दूसरोंको फेक कर आगे आता है
माली जो बगियाँ बनाता है वह फूलों से पत्तों से पेड़ों के हर हिस्से से वही चाहत रखता है वह फूल किस काम का जो जीवन में सिर्फ खुद से ही होता है जो दूसरों के संग आता है वही दुनिया रोशन बनाता है
चाहे वह कितना छुप जाये आखिर पत्तों के अंदर से वह तो निखर आता है जिसे आगे बढ़ने के लिए पूरा बगीचा मेहनत करता है हमें तो बस वही फूल मशहूर नज़र आता है
इसलिए नहीं की क्योंकि वह सबसे खूबसूरत होता है इसलिए क्युकी वह सबकी उम्मीदों का किनारा होता है सिर्फ उसे बाग का माली नहीं पूरा बगीचा चाहता है वह दूसरों की कदर समजता है

कविता १८४. बड़ा दिलचस्प किस्सा

                                                          बड़ा दिलचस्प किस्सा 
काटों से हमने फूल चुने है पर जाने क्यों जब काटे चुभे मुश्किल लगता है फूलों को समजना चाहते थे हम पर पहले काटों को समजना पड़ा है
जब जब सीने में दर्द उठा है फूलों ने उसे रोक लिया है काटों से समजे हम फूलों को जीवन का एक हिस्सा समज लिया है
जब जब फूल छूते है जीवन को उनमे काटों का किस्सा मिला है काटों को परखो तो जानो काटों का भी बड़ा दिलचस्प किस्सा मिला है
हालांकि हम काटे नहीं चाहते थे पर जीवन का बस यही सिलसिला है कभी फूल तो कभी काटे हर पल दोनों का किस्सा जीवन में मिला है
फूल और काटे जो दो रूप थे जीवन के जिनका हर बार कोई ना कोई सिलसिला है जब हमें काटे चुभे तो पता चला है
की काटो के अंदर जीवन ही जीवन की कहानी है जो हर पल हर बारी हमें जीवन में दोहरानी है
सिर्फ फूल काफी नहीं होते काटो ने भी बताई है जीवन की ऐसी ही दिलचस्प कहानी है जो हमें हर पल समजी है और जीवन ने समजी हुए एक कहानी है जो जीवन पे असर कर जाये ऐसी कहानी है
सिर्फ फूलों से नहीं काटो से भी दोस्ती हर बार मायने रख जाती है जिन्हे काटो में जिन्दा रखा है ऐसी भी कहानियाँ है जो काटों को हर बार हमें सुननी है और समजानी है
जीवन के रंगों में हर बार सिर्फ फूल नहीं होते कभी कभी काटों की भी कहानी है जो हर कदम पर जीवन में हमें समज लेनी है मन नहीं समजता है लेकिन मन को वह कहानी समजानी है
हर पथ काटे चुभे भी तो उसे दिल से दोहरानी है जिसे हम कभी फुरसत में दिल से पढ़े ऐसी ही वह कहानी है जो जीवन में नई रोशनी लाती है और खुशियाँ भी ले आती है
जो जीवन में आनी जानी है यही सच है की काटों से भरी हमारे जीवन की वह कहानी है जो हर बार जीवन को ठीक से समजनी है और आराम से औरों को हर बार फुरसत में समजानी है 

Tuesday 8 September 2015

कविता १८३. एक सोच

                                                                 एक सोच
जाने क्यूँ जीवन में हर बार एक नई सोच मिलती है पर फिर भी जिन्दगी आसान नहीं लगती जब जब सोच समजते है जिन्दगी रंग बदलती है पर पेहचान नहीं सकते है
जीवन के हर मोड़ पे सोच नई जब सामने आये जिन्दगी के जाने कितने दिखते है अलग अलग साये उन सायों से जीवन की अलग पेहचान बनाता है
उन सायों को समजना जरुरी होता है जीवन में हर बार कुछ तो होता है जीवन का हर कदम हमें आगे ले जाता है जब जब जीवन को परखे वह आगे बढ़ जाता है
हम समज नहीं पाते उतना वह रंग बदलता है रंग बदलते रहना जीवन की रीत बनी है क्युकी जीवन में हर बार एक सोच नयी बनती है
जिसे जब जब हम परखे कुछ अलग सा लगता है जीवन खुशियाँ देता है हर पल हमें आगे ले जाता है जीवन को परखो तो जन्नत मिल जाती है
पर बुरी बात तो यह है जीवन को परखते परखते जिन्दगी गुजर जाती है जीवन की इस धारा के रंग में ही दुनिया है उन्हें समजो तो जीतोगे पर जीवन नहीं सिर्फ जीत पाना है
सिर्फ खेलो इस जीवन को तो खुशियाँ मिलती है समजो तो इसमें जीवन की कई कलियाँ खिलती है जब जब
समजे जीवन को उसका रस प्यारा है जीवन का ही हर बार होता है सहारा
उस सोच को अपना बनाओ जिसमे खुशियाँ मिलती ही जीवन को जी लो अच्छे से उसीमे हमें हमारी दुनिया हर बार मिलती है
जीवन की सोच चाहे कुछ भी कह दे उसे समजो और बदलो क्युकी उसी जीवन में हमें हमारी उम्मीदे मिलती है जो हमें आगे लेकर चलती है 

Monday 7 September 2015

कविता१८२. खुशी बाँटना

                                                  ख़ुशी बाँटना
कुछ ऐसी बाते जिनके अंदर कुछ तो असर होता है हर प्यारी बात का कुछ तो असर होता है जीवन में जब हम बातों को प्यार से कहे उसका कुछ तो फ़र्क़ जीवन पर होता है
हर बात को अगर हम हर कदम पर प्यार से कह दे तो दुनिया उसे पाना चाहती है जो हमे उम्मीद कि किरण बन के मिलता है जीवन के हर मोड़ पर ख़ुशियों का मंजर होता है
जीवन में ख़ुशियाँ पाना हालाँकी मुश्किल होता है पर उन्हें बाटते रहना जीवन के लिए सही होता है ख़ुशियाँ तो जीवन में हर पल मुश्किलों से मिलती है पर यह वह दौलत है
जो बाँटने से बढ़ती है जीवन ख़ुशियाँ ढूँढ़े तो वह हर पल हिस्सा बनती है वह हर बार जीवन का एक नया किस्सा बनती है ख़ुशियों को परखो तो उनसे दुनिया बनती है
ख़ुशियाँ तो वह सच्चाई है जो जीवन पर असर करती है पर अफ़सोस तो इस बात का है की हार पल में जीत में बदलती है ख़ुशियों की दुनिया हर बार जीवन में रंग बदलती है
कभी ख़ुशी है और पल ग़म बन के जीवन में शामिल वह हर पल होती है जब जब जीवन में गमों की परछाईं आती है तभी तो वह बाटी ख़ुशियाँ काम में उस पल आती है
बाँटनेवाला खोता नहीं है हर पल कुछ तो पाता है यह नज़र ना आये पर फिर भी यह सच होता है तो बाँटो अपनी ख़ुशियों को क्योंकि उनसे ही तो दुनिया हमारी हर पल संभलनी है
ख़ुशियों को जो जीवन में बाँटे बस उसकी दुनिया है उसको ही हमेशा ख़ुशियाँ मन से पानी है क्योंकि ख़ुशियों को समजो उनसे ही इस जीवन की कहानी है
क्योंकि जीवन में ख़ुशियों के गमों की भी कहानी है जो हर पल समजनी है इसीलिए तो हर पल अपनी ख़ुशियाँ सिर्फ़ अपनी ख़ुशी के ख़ातिर जीवन मे बाँटनी है
क्योंकि जीवन सिर्फ़ ख़ुशियाँ मिल के बनाने की कहानी है जो ग़म बाँटता है उसके लिए सिर्फ़ गमों की हर बार बढ़ती हुई कहानी होती है जीवन यही एक धुन समजनी होती है

कविता १८१. एक दावा

                                       एक दावा
कुछ ऐसी बातें है कुछ ऐसे क़िस्से है जिन्हें हर बार समज के भी हम अनदेखा करते है उन किस्सों में भी कुछ ऐसे हिस्से है जिन्हें भूल नहीं सके हम पर दावा करते है
वह बातें जिनमें हम जिन्दगी बिता देते है वह गलतफैमी है जिसमें हम जीवन आगे बढाते है क्योंकि हम तो अक्सर दावा करते है हम किसी की गलती भुला चुके है
तो फिर हम उसको कैसे दोहराते है हम सबकुछ याद रखते है पर भूलने का दावा करते रहते है हर बार जीवन में हम कुछ तो नया पाते है जो हमने नहीं भूला उसे भूलने का दावा करते है
जिन्दगी के साथ हम आगे बढ़ते है दावों के अंदर हम सच्चाई भुला देते है बार बार जीवन में हम ख़ुशियाँ लाते है पर अगर झूठे दावों से हो तो हम बस उधार कि ख़ुशियाँ लाते है
उन ख़ुशियों से हम कुछ नहीं पाते है हर बार जीवन से उन्हें छिन ले जाते है झूठे दावे तो मन को तसल्ली दे जाते है पर बाद में कुछ इस तरह से रुलाते है की ख़ुशियाँ दे जाते है
दावा तो वह होता है जो जीवन को आगे ले जाये पर सच्चा दावा ही एक चीज़ है जो जीवन को आगे ले जाता है जीवन को वह यह समजाता है की ख़ुशियाँ वही लाता है
जब जब दावा करते है अंदर से कुछ तो असर ज़रूर होता है कभी झूठा बनकर तो कभी सच्चा बनकर जीवन में साफ़ असर दिखाता है पर दावा तो वह होता है
जो जीवन को सही दिशा देता है जिस पल दावे का परखो जीवन में असर दिखता है  दावा तो वह होता है जो सही ग़लत समजना चाहता है दावा एक आइना है
जो जीवन को समजाता है हर बार असर कर जाता है दावा तो होता है जो दुनिया अलग तरीक़े से दिखाता है दावे को कम ना समजो वह जीवन को बनाता है
क्योंकि दावा ही एक चीज़ है जो दुनिया को हर बार सच साफ़ दिखाता है जीवन को हर बार अच्छे से समजता है और जीवन के हर बातों को खोलकर सबकुछ साफ़ दिखता है

Sunday 6 September 2015

कविता १८०. कहानी को दोहराना

                                                               कहानी को दोहराना
जीवन में जो कहते है बात असर तो करतीं रही चाहे पुरानी हो या जीवन में बात नयी हो पर हर बार वह बात तो जीवन में हमारे लिए लगती है नयी क्योंकि उस वक्त हमने नये तरीक़े से है कही
चाहे कुछ भी हो जाये पर बात जीवन में असर करती रही क्योंकि हमारे लिए हर पल वह बात लगती है अनोखी और हर पल नयी जब कोई दोहराता है या कोई बात फिर से है कही
समज लेना ज़रूरी है जीवन में कि बात पुरानी नहीं होती जब हम फिर से उसे दोहराते है उसके अंदर नयी कहानी होती है जब जब हम आगे बढ़ते है हर पुरानी कहानी जिन्दा होती है
क्युकी जब दोहराते है तो वह पुरानी नहीं होती है जब जब कोई चीज जीवन में ले आते है तो जीवन की नयी कहानी बनती है नयी सोच भी बनती है
हम जीवन को तो समज लेते है उस बात से जीवन की नयी निशानी बनती है पुरानी कहानी में भी जीवन जिन्दा होता है और नयी निशानी देता है
अगर हम समजे जीवन को तो उस सोच में भी एक नयी कहानी बनती है हर सोच को अगर आप समजो तो जिसे आप दोहराते हो वह कभी पुरानी होती नहीं है
अगर सही सोच से आगे बढ़ना चाहो तो उसकी कोई निशानी पुरानी लगती नहीं वह हरकत तो लोग जीवन में अक्सर दोहराते रहते है तो फिर वह कहानी पुरानी बनती नहीं है
जीवन के हर मोड को आप समजो तो उस जीवन में कोई हरकत नयी लगती नहीं वही हरकत है जो पुश्तों मे सही थी तो कैसे बने कोई कहानी नयी इसीलिए कोई नयी कहानी बनती नहीं है
हर बार पुरानी जंग ही लढते है पर फिर भी उस जंग से बेहतर जंग कही भी दिखती नहीं है हर बार जो हम कुछ सही सोचे तो जीवन की सही कहानी बन जाती है
तो पुरानी कहानी को ही समजो क्युकी पुरानी कहानी जब नये मंच पे आये तो उस कहानी से बेहतर कहानी कभी दिखती और समजती नहीं है 

कविता १७९. सच्चाई

                                                                     सच्चाई
सूरज की किरणों से पूछा तो कोई बहाना नहीं मिला सच से भागने का जीवन में कोई तराना नहीं मिला नहीं मिला जीवन रुकने को कोई बहाना क्युकी कोई बहाना बना नहीं है
सच से भागने की चाहत का फ़साना हमेशा गलत रहा सच से जब जब भागे मन से खुशियों का तराना चला गया हर बार खुशियों को जो समजे जीवन को समजना बाकी रह गया
सच तो बस वह ताकद है जिस से दूर रहना मुमकिन होता नहीं है सारी चीजों के अंदर उसे खो देते है पर फिर भी सच्चाई वह चीज़ है जो लौट के ज़रूर जीवन मे वापस आ जाती है
सच्चाई कि ताकद हम कई बार नहीं समजते क्योंकि सच्चाई कई बार एक कोने में चुपचाप बैठ कर सही मौक़े का इंतज़ार करती है सच्चाई छुपती नहीं वह सिर्फ़ अलग राहसे हमारे सामने आती है
सच्चाई तो वह सोच है जो जीवन पर असर कर जाती है सच्चाई तो वह ख़याल है जो जीवन का मतलब बनाती है सच्चाई से समजे तो वह जीवन मे उम्मीदें देती है पर उसे अनदेखा कर दे तो काटे चुभा देती है
सच्चाई को अपना लो तो ही जीवन में ख़ुशियाँ आती है मुश्किल लगती है पर सच्चाई हमारा सबसे बड़ा साथी है जिसे अगर मजधार पे भी छोड़ा तो साथ निभाती है
सच्चाई से बेहतर ना कोई था ना कोई होगा हमारा साथी है सच्चाई के साथ जीवन पे कुछ तो असर होता है सच्चाई का जीवन पर हर बार कोई तो असर अक्सर होता है
जीवन में सच्चाई का कोई तो अहसास होता है जीवन के अंदर सच्ची बातों का उम्मीद से सीधा असर हमेशा होता रहता है सच्चाई तो मन को हर बार उजाला दिखाती है
वह रोशनी तो सच्चाई है जो जीवन में उजाला लाती है साथी मान लो तो अच्छा है क्योंकि वह तो साथ ज़रूर निभाती है तो हम माने या ना माने पर वह जीवन मे तो आती ही है
अपनाओ सच्चाई को क्योंकि वह सबसे बेहतर साथी है वह साथ तो अपना रहेगा ज़रूर आप ख़ुशी से अपना मानो या नफ़रत से उस से आपकी किस्मत ही तय हो पाती है

Saturday 5 September 2015

कविता १७८. हर कदम

                                         हर कदम
हर कदम जीवन में कुछ तो अलग असर दिखाते है हर कदम जीवन में प्यारी उम्मीदें ले आते है कदमों के अंदर दुसरा असर हमेशा होता है हर बार कदम पे कुछ तो अच्छा असर होता है
हर एक कदम में कई चीज़े हमें जीवन दे जाती है उसी कदम के अंदर कई तरह कि बातें हमेशा रहती है हर कदम के बीच कोई तो असर होता है हर कदम के अंदर कुछ तो असर होता है
हर कदम मे कुछ ना कुछ छुपा है क़दमों के अंदर कोई असर हमेशा होता है क़दमों में कई तरीके का जीवन बसता है आगे बढ़ के चुनो उन क़दमों को जिनमें आपका जीवन बसता है
पर अफ़सोस तो है जब चुनते है हम अपने कदम तो वह आपको काँटों सा क्यूँ चुभता है आपने अपनी राह चुनी तो हमे भी चुनने देते हमने अक्सर देखा है
लोग अपनी राह तो चुनते है पर दूसरों की राह चुनना उन्हें मुश्किलसा लगता है आजादी तो जीवन में सबको अपने लिए एक चाहत है हर बार उन्हें गैरों के लिए देना मुश्किल होता है
क़दमों के बीच कोई तो असर हमेशा होता है हर कदम में कोई ना कोई असर तो पड़ता है क़दमों तो हर बार आगे बढ़ते रहते है तो कदम से कुछ तो असर होता है
इसीलिए तो कदम अपनी पसंद होते है तो लोगों का दिल है जलता मत रोको उन क़दमों को जिनसे आवाज़ मिले जीने का कुछ तो अंदाज़ मिले कदमों के अंदर ही नई दुनिया मिलती है
उन्हें मत रोको बस इसलिए दुनिया की बातें भी कभी कभी अनसुनी करनी है अगर हर बार हमे आगे जाना है तो राह सही चुननी है चलते रहना है
उस कदम पर भरोसा रखो तो जीत आपकी होगी इसीलिए ही तो उस कदम से दुनिया है आगे ज़रूर है बढ़ती बार बार कदम के बाद कदम हर बार आगे बढ़ते है
कदम तो वह होते है जो हर बार कोई तो असर देते है पर उन क़दमों के अंदर कोई तो ताकद होती है क्योंकि कदम के अंदर कोई तो मतलब होता है वरना कोई क्यूँ हमे रोकता है

कविता१७७. छोटी बातें

                                  छोटी बातें
छोटी छोटी बातों के जाने क्यूँ फसाने बनते है हम जानते है जीवन मे हर पल हंगामे होते है जो आसानी से ना समजे ऐसे भी फसाने होते है हर पल जिनको पा ले हम उनके लिए भी क़िस्से होते है
जब जब जीवन मे हम साँसें ले उनके अंदर तराने होते है हर हासिल कि हुई चीज़ को समजने के बहाने होते है जीवन तो धीरे बहनेवाली एक नदियाँ है उसमें हम ही तूफ़ान भरते है
अगर हम जीवन को समजे तो आसान तरीक़े से भी जीवन को आगे बढनें के फसाने होते है पर उस हर बात जो मुश्किलों से भरते उनसे अक्सर जीवन के ज़रूरी पल होते है
जब जब जीवन के अंदर छोटीसी बातें हमे ख़ुशियाँ दे सकती है हम उनके अंदर छोटे से ग़म भी भरे तो जीवन को ख़ुशियाँ हम आसानी से खो देते है
जीवन के अंदर हम हर बार छोटी बातें प्यारी हो सकती है अगर हम दुनिया को समजे तो उसमें ख़ुशियाँ हो सकती अगर छोटी बातें हम पर असर प्यारा करती है तो जीवन मे बड़ी ख़ुशियाँ भरती है
छोटी छोटी चीज़ें तो दुनिया पर असर करती है ग़म मे अगर बदल जाये तो पहाडों जैसी लगती है अगर प्यार से हम सुलझाये तो छोटी बातें बड़ी नहीं बनती है
जीवन मे रोशनी हमेशा हमें मिलती है छोटी चीज़ें बातों के अंदर नई दुनिया बनती है हर बार जो जीवन मे हमे ख़ुशियाँ मिलती है छोटीसी शुरूवात से अक्सर बनती है
जो जीवन को समजे उसमें जीवन की घडीयाँ दिखती है हर पल जब जब हम समजे तो उस पल में दुनिया बनती है हर बार जो ग़म में  सहे  तो जीवन में ख़ुशियाँ बनती है
छोटी छोटी बातों में तो जीवन कि मुश्किलों का हर बार असर होता है छोटीसी बातें तो जीवन में हर बार अहम सी लगती है जीवन के अंदर कोई ना कोई असर ज़रूर होता है
छोटी बातों में ही अक्सर जीवन पर अच्छा असर हमे कोई तो फ़र्क़ दिखता है जीवन को समजना मुश्किलसा हो जाता है छोटी बातों में अलग असर होता है सही चीज़ का समजना अहम होता है
छोटी बातों मे हँसी ढूँढ़ना हमेशा अहम होता है छोेटी चीज़ें जीवन का सही असर दिखाती है हर बार छोटी बातों को ख़ुशियों की ओर आगे ले आना हर बार अहम होता है

Friday 4 September 2015

कविता १७६. शीशा

                                                                  शीशा
शिशों के अंदर तरह तरह के चेहरे हर बार नज़र आते बिन कुछ बदले शीशा हमे जीवन के सच बताता है शिशों मे देखे तो दुनिया का अलग असर दिखाते है
शिशा अपने अंदर सिर्फ़ चीज़ों को दोहराता है जो सच है वही अक्सर शीशा बताता है शिशे के भीतर कुछ नया नहीं बस वही अपना चेहरा आता है पर शिशे मे देखते है
तो कभी कभी कुछ नहीं कहते हमें पर सच्चाई शीशा दिखता है जीवन का हर हिस्सा उसमें नज़र आता है कभी हमें वही सोच दर्द दे जाती है  और रुलाती है
हर बार जो दर्द जीवन में सच्चाई से होता है शिशों में दिखनेवाली सच्चाई वह मन को दिखलाती है सच्ची राह हमें हमेशा प्यारी नहीं लग पाती है
पर शिशे में हर बार अलग खूबसूरती भाती है शिशे के अंदर सच्चाई हमेशा नज़र आती है जो हम चाहते है वह सारी बाते जीवन में आ जाती है
पर शिशे में ही असली दुनिया हमें हमेशा नज़र आती है शिशे के अंदर कोई बात जो दिख जाये उसका असर हमेशा जीवन पर तो होता है
शिशे के अंदर हर बार कोई ना कोई असर हमेशा होता है शिक्षा तो वह है जो जीवन का हर रंग दिखाता है उस के अंदर आता है जीवन में वह कोई असर कर जाता है
शीशा तो जीवन पर कोई ना कोई सच्चाई तो जरूर दिखाके जाता है पर हम उसे कैसे अपनाये यह हम पर निर्भर होता है शीशे के अंदर सारा सच दिखता है
शीशा तो वह असर कर जाता है शीशा जीवन में सचाई की सोच लाता है शीशा तो वह दिखाता है जो कभी ना कभी हमें अपनाना ही पड़ता है
शीशा तो वह किताब है जो कुछ ना कुछ तो असर जीवन पर कर जाता है शीशे के अंदर सचाई हर बार नज़र आती है जो जीवन को अलग तरीके से दिखाती है
शीशे के अंदर जीवन की कोई सच्चाई तो हमें जरूर भाती है शीशे में सच्चाई का प्रतिबिंब नज़र आता है मानो या ना मानो जीवन पर असर तो होता ही है
तो बेहतर है उसे अपनालो जो जीवन में सच होता है जो शीशे में दिखे उसे समजना अक्सर उचित और सही नज़र आता है 

कविता १७५ . दिल के अंदर

                                                                  दिल के अंदर
जब हवा ने हमे पैगाम दिया किसीने सुना हो या ना हो हमने हर बार सुना जब हवा की आहट मे कहानी थी लिखी किसी को वक्त हो या ना हो हमने हमेशा मन से वह सुनी
क्योंकि सुनने को तो आवाज़ हर बार सुनाई पड़ती है पर उसे सुनने को कभी कभी तकलीफ़ सी होती है क्योंकि वह आवाज़ कई बार मन चाही बात नहीं कहती
वह सच कहती है अल्फाज नहीं बदलती अगर आगे बढ़ जाये तो जीवन के अंदाज़ बदलती है हर कदम पर वह बस सच ही कहती है हवा के अंदाज़ दुनिया नहीं समजती
क्योंकि वह अपने सोच के अलावा कहा किसी को सुनना चाहती है हर बार आँख बंद कर के सोचो तो मन मे सही गलत की बातें अपने आप समजती है पर कभी कभी उन्हें सुनने से मन की दुनिया बदलती है
इसीलिए यह बातें अनसुनी करते है यह लोग क्योंकि बातें अक्सर उन्हें सच्चे हालात दिखती है वक्त नहीं है सच सुनने को जीवन मे क्योंकि सच सुनने से जीवन मे उन्हें उलझने मिलती है
अगर सुनना चाहो तो हवा उसे सुनाती है हर पल जीवन का हर राज वह हमे बताती है सच कहे तो हवा नहीं पर अपना दिल ही वह कहानी बताता है
पर हम नहीं सुनते तो वह हवा बनकर बताता है कैसे आसानी से समज सकते है हम पर जाने क्यूँ मुश्किल बनाते है मन को समजने की जगह उसे ही चुप कर जाते है
हवा के अंदर जो बातें मन समजाता है सच कहे तो उस मन को सही बातों का अनदेखा करना आता है अगर हम समजे तो दिल हर बार नयी बातें समजाता है
हवा की जगह दिल खुद ही वह बात जीवन मे बताता है क्योंकि दिल कई तरह की उम्मीदें जीवन मे ले आता है पर उनसे पहले वह मुश्किलें ही लाता है
पर पार करो उन सबको तो वह कुछ ऐसी दुनिया लाता है जिसमें हमे किसी तरह ग़म नहीं डरा पाता है क्योंकि मन की ताकद ही दुनिया को हर बार आगे ले जाती है

Thursday 3 September 2015

कविता १७४. बस एक मुस्कान

                                                            बस एक मुस्कान
हर बार मुस्कान हमे कुछ इतनी भाँति है की गमों के पार वह उम्मीदें लाती है हम सब कुछ छोड़ सकते है
पर मुस्कान कभी छोड़ी नहीं जाती है वह जीवन के हर अंग को जिन्दा कर जाती है ख़ुशियाँ दे जाती है
मुस्कान तो वह चीज़ है जो जीवन को बनाती है जीवन की वह ताकद है जो जीवन को उम्मीदें दे जाती है
चाहे कोई कुछ भी कह दे पर मुस्कान मे ही दुनिया की ख़ुशियाँ होती है जीवन के अंदर ज़रूरी ज्योति आती है
मुस्कान से नई दुनिया पैदा होती है जीवन के किसी भी ख्वाब के आगे मुस्कान बडीसी लगती है
इसीलिए कोई ख्वाब टूटे तो हम दो पल रो दे पर कुछ ना कुछ ढूँढ़ के जीवन के भीतर मुस्कान पैदा होती है
कोई तो उम्मीद हमेशा जीवन मे होती है यह तो हमारी ग़लत सोच है जो मन को गेहरी चोट देती है
जब हम बस ग़म ही देखे तो चोट ही मिलती है मुस्कान की तिजोरी मे ताला ना लगाए तो उम्मीदें नहीं खोती है
मुस्कान के अंदर अलग किसम की सोच होती है जिसे समजो तो जीवन का सच्चा अर्थ वही समज पाता है
जो मुस्कान के साथ जीता है उसी जीवन को समजा है मुस्कान तो आनी ही है क्योंकि बाकी सबकुछ खो दे पर वही हमारी जिन्दगानी है
मुस्कान तो जीवन को खुशियाँ देती है वही खो जाए तो जीवन हर ग़मों की परछाई है मुस्कान को हर बार हमें खुशियाँ देती है
क्युकी वह तो खुशियाँ जो हमें जीवन दे जाती है वही हमें बस भाती है तो खुशियों को हम ढूँढ़ भी ले तो जीवन में अच्छाई आती है
पर मुस्कान तो वह चीज़ है जीवन में खुशियाँ बिना किसी मेहनत के लाती है मुस्कान ही है जो जीवन को सचमुच जीवन बनाती है
तो सबकुछ खो जाने पर भी कभी कभी तो मुस्कान ही है जो आकर जीवन को एक अनमोल तोफा ग़मों में भी उम्मीदका दे जाती है 

कविता १७३. अनपढ़ी किताब

                                                               अनपढ़ी किताब
हर बात समजना आसान नहीं होता पर काश के लोग हर बार असर करते जब जब जीवन में लोग आगे बढ़ते है हर बार वह बस यही कहते है
हर बात वह समज चुके है जब के वह सोच में कोई ना असर हो जाता है हर बार जीवन में कोई तो सोच हमें जीवन में नये रंग दिखाती है
पर लोग हर बार समजते रहते है की सोच अंदर कोई तो असर कर जाती है फिर भी हम हर बार सोच में अधूरे होते है तो क्यों नहीं हम मानते है
अगर हम नहीं समजते तो जीवन पर कुछ तो असर  कर पाते है हम अलग तरीके से बार बार सोचते रहते पर जब सोच हम पर असर कर जाती है
ना समज पायी बात भी समजी हुई नजर आती है जीवन पर वह असर करती है जिन्दगी कुछ अलग नजर आती है जो जीवन को चोट पहूँचाती है
क्युकी हर बार हम सोच रहे जीवन सही तरह से समजो जरुरी बात यह होती है की बात हमें समज नहीं आयी है बात के अंदर छुपी बाते हम पर क्या असर लाई है
हमने बाते जब नहीं समजी है तो समजने के सोच से जिन्दगी सिर्फ मुश्किल बन जाती है क्युकी कुछ बाते तो असर करती है कुछ आगे बढ़ जाती है
तो कुछ बाते मन को गलत दिशा दिखाती है जब हम सोच रहे है सही दिशा ही जीवन का यह समजना होती है जो जीवन में खुशियाँ लाती है
जीवन के अंदर वह बात कई मुसीबते लाती है जब जीवन में असर नये तरह की सोच जीवन को नया असर दे जाती है जब जब हम जीवन को छू जानेवाली है
आसान चीजे समजना भी मुश्किल है यह जब हम आसानी से समज जाते है तभी जीवन में अलग अलग तरीके के रंग हमारे जीवन का हिस्सा बन जाते है
क्युकी हम तो बस यही चाहते है की बात को हम नहीं समजते यह बात हम सही तरीके से समज जाये तो बाते असर कर जाती है
तो अगर हम समज जाये तो मुश्किल बाते भी आसान हो जाये पर हम नहीं समजते जीवन को क्युकी नहीं समजे है यही हमारी समज ना आये
अनपढ़ी जीवन की किताब को हम पढ़ी हुई किताब समज के जीवन में हर बार हर मोड़ पर जीवन में धीरे धीरे आगे बढ़ते जाते है 

Wednesday 2 September 2015

कविता १७२. जंजीरे

                                                                          जंजीरे
बांध सके हमारी उम्मीदों को ऐसी जंजीरे बनी नहीं जो उम्मीदों के ताकद से आगे बढ़ जाये ऐसी मंज़िले ही है बनी हुई
जो जीवन में चलना सीखे रुकना उसकी फितरत कभी बनी नहीं जो इन्सान तुफानों से लढने की थाने रुकना उसकी मंज़िल नहीं होती
लढ जाये जो गमों से जिन्दगी उसके लिए जन्नत से कम नहीं होती क्योंकि जिन्दगी का मतलब जानने से जिन्दगी कम नहीं होती
हर किताब को पढ़ने से कहानी खत्म नहीं होती वह बार बार दोहराने पर भी फिर से जीवन मे शामिल कुछ इस तरह से है होती
जीवन मे वह कहानी दोहराई सी कभी भी नहीं लगती कितनी बार बांधो जंजिरे खत्म नहीं होती
पर हर बार छूटने की चाहत जीवन मे कम नहीं होती बस उम्मीदों की तलाश होती और उसकी रेहमत से वह कम नहीं होती
जिसे तलाश ने की आदत हो उनके लिए जीवन की ख़ुशियाँ कम नहीं होती उन्हीं के उम्मीदों मे जीवन की राह कभी नहीं रुक सकती
बार बार जीवन के अंदर जंग कर के हक़्क़ माँगने की चाहत खत्म नहीं होती वह अभी भी जिन्दा है वह कम नहीं होती
जीवन मे जो जंजिरे तोड़ने की जो चाहत मन मे जिन्दा होती है वह हक़ माँगे कभी कम नहीं होती
क्योंकि जो एक बार चलना सीख लेते है उनकी चलने की आदत कभी जीवन मे बंद नहीं होती कोई ज़ंजीर उन्हें रोकने के लिए काफ़ी नहीं होती

कविता. ५११५. उजालों से अरमानों की।

                             उजालों से अरमानों की। उजालों से अरमानों की परख सुबह दिलाती है नजारों को किनारों संग अंदाज सहारा देती है दिशाओं ...