Friday, 3 June 2022

कविता. ४४६१. इशारों को अरमानों कि।

                           इशारों को अरमानों कि।

इशारों को अरमानों कि धाराएं सपने सुनाती है तरानों को अंदाजों कि राह खयाल दिलाती है लम्हों कि सरगम से जुड़कर आशाएं तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि सुबह एहसास सुनाती है नजारों को आवाजों कि धून सौगात दिलाती है जज्बातों कि लहर से जुड़कर आस तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि सरगम कोशिश सुनाती है राहों को दिशाओं कि उमंग सोच दिलाती है नजारों कि सौगात से जुड़कर परख तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि समझ जज्बात सुनाती है आशाओं को अदाओं कि समझ कोशिश दिलाती है इरादों कि मुस्कान से जुड़कर आवाज तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि सौगात पुकार सुनाती है बदलावों को उम्मीदों कि सुबह किनारा दिलाती है दास्तानों कि सोच से जुड़कर कोशिश तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि उमंग आवाज सुनाती है तरानों को अंदाजों कि मुस्कान रोशनी दिलाती है इशारों कि पहचान से जुड़कर लहर तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि धाराएं अफसाना सुनाती है राहों को किनारों कि सोच इरादा दिलाती है अंदाजों कि मुस्कान से जुड़कर आस तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि सरगम सुबह सुनाती है दिशाओं को उजालों कि परख पहचान दिलाती है उमंग कि उड़ान से जुड़कर सौगात तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि आस अदाएं सुनाती है नजारों को आवाजों कि धून मुस्कान दिलाती है लम्हों कि कहानी से जुड़कर पुकार तलाश देकर जाती है।

इशारों को अरमानों कि समझ खयाल सुनाती है राहों को कोशिश कि सोच इरादा दिलाती है किनारों कि पुकार से जुड़कर अल्फाज तलाश देकर जाती है।

 

No comments:

Post a Comment

कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...