Wednesday, 8 February 2023

कविता. ४७११. नजारों संग आशाओं कि।

                                   नजारों संग आशाओं कि।

नजारों संग आशाओं कि लहर इशारे देती है कदमों को अदाओं कि सौगात उजाला दिलाती है जज्बातों कि सोच अक्सर मुस्कान कि तलाश देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि सरगम उम्मीद देती है तरानों को एहसासों कि राह सौगात दिलाती है लहरों कि सुबह अक्सर आस कि कोशिश देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि तलाश आवाज देती है लम्हों को खयालों कि समझ नजारा दिलाती है इशारों कि उमंग अक्सर आवाजों कि धून देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि अदा रोशनी देती है जज्बातों को कदमों कि आहट खयाल दिलाती है अंदाजों कि आस अक्सर दास्तानों कि परख देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि सुबह कोशिश देती है बदलावों को लम्हों कि रोशनी इरादा दिलाती है दिशाओं कि समझ अक्सर बदलावों कि सोच देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि आस खयाल देती है किनारों को बदलावों कि सौगात कोशिश दिलाती है अदाओं कि परख अक्सर अंदाजों कि रोशनी देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि राह किनारा देती है उजालों को आवाजों कि आस सरगम दिलाती है खयालों कि समझ अक्सर उजालों कि पुकार देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि रोशनी अंदाज देती है इरादों को खयालों कि राह किनारा दिलाती है अफसानों कि मुस्कान अक्सर तरानों कि सुबह देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि सौगात तराना देती है कदमों को अदाओं कि पहचान इशारा दिलाती है लहरों कि सरगम अक्सर बदलावों कि धारा देकर जाती है।

नजारों संग आशाओं कि परख किनारा देती है जज्बातों को दिशाओं कि कहानी आवाज दिलाती है लम्हों कि पुकार अक्सर उम्मीदों कि समझ देकर जाती है।

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