Friday, 29 December 2023

कविता. ५०३५. आवाज कोई मुस्कान का।

                           आवाज कोई मुस्कान का।

आवाज कोई मुस्कान का इशारा देती है लम्हों को एहसासों की सौगात देती है जज्बातों की उड़ान को अंदाजों की समझ अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का तराना देती है कदमों को अदाओं की तलाश देती है किनारों की पुकार को सपनों की सुबह अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का अंदाज देती है नजारों को दिशाओं की उम्मीद देती है खयालों की आहट को इशारों की कोशिश अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का नजारा देती है अरमानों को राहों की रोशनी देती है इशारों की तलाश को दास्तानों की परख अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का किनारा देती है लहरों को कदमों की पुकार देती है बदलावों की सौगात को उजालों की पहचान अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का एहसास देती है अल्फाजों को सपनों की दास्तान देती है लम्हों की कोशिश को अंदाजों की आस अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का सपना देती है किनारों को तरानों की उम्मीद देती है अंदाजों की परख को बदलावों की सोच अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का नजराना देती है सपनों को इरादों की पहचान देती है आशाओं की आस को अरमानों की पुकार अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का इरादा देती है खयालों को दिशाओं की सरगम देती है उजालों की सुबह को दास्तानों की सुबह अफसाना देती है।

आवाज कोई मुस्कान का अल्फाज देती है कदमों को उजालों की सोच देती है किनारों की आहट को जज्बातों की लहर अफसाना देती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...