Monday, 29 January 2024

कविता. ५०६६. उम्मीदों को इशारों की।

                                उम्मीदों को इशारों की।

उम्मीदों को इशारों की समझ सरगम सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की कहानी एहसास दिलाती है दास्तानों को अदाओं की पुकार सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की कहानी कोशिश सुनाती है उजालों को सपनों की समझ अहमियत दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की सोच अफसाना सुनाती है तरानों को किनारों की आहट कोशिश दिलाती है लहरों को इशारों की उमंग सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की सुबह तलाश सुनाती है नजारों को दिशाओं की सोच अफसाना दिलाती है उजालों को सपनों की कहानी सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की उमंग खयाल सुनाती है अल्फाजों को लम्हों की पहचान परख दिलाती है राहों को बदलावों की सौगात सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की आस तराना सुनाती है अदाओं को उजालों की सोच उमंग दिलाती है किनारों को अल्फाजों की कोशिश सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की लहर एहसास सुनाती है आशाओं को अल्फाजों की मुस्कान सुबह दिलाती है नजारों को दिशाओं की सोच सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की सरगम आस सुनाती है खयालों को इशारों की समझ उमंग दिलाती है कदमों को एहसासों की रोशनी सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की आहट पुकार सुनाती है अंदाजों को इरादों की कहानी दास्तान दिलाती है जज्बातों को अफसानों की सुबह सहारा देती है।

उम्मीदों को इशारों की समझ सौगात सुनाती है आवाजों को राहों की सोच अफसाना दिलाती है अदाओं को आशाओं की पुकार सहारा देती है।

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