Thursday, 9 June 2016

कविता ७३३. सीधी और टेढी बात

                                                सीधी और टेढी बात
कोई बात जो जीवन मे सीधी लगती है वह बात अक्सर सीधी नही होती है उस बात को परख लेने कि जरुरत हर मोड पे होती है
जीवन मे बातों को परख लेने कि एक कोशिश काफी नही होती है वह हर पल जीवन कि बातों को अलग अलग ढंग से परखती रहती है
सीधी बात को परखकर आगे चलने कि जरुरत हर पल जीवन मे होती रहती है जो जीवन को हर पल अलग सोच देती है
सीधी कोशिश को समझकर आगे जाने कि जरुरत जीवन को हर बार होती है जो जीवन को नई उम्मीदे और नई सोच हर पल देती है
सीधी और टेढी बाते हर बार जीवन मे होती है बातों को समझकर आगे बढते रहने कि जरुरत हर मोड पर दिखती रहती है
बातों को समझकर आगे चलने कि जरुरत हर पल जीवन मे होती है जिन्हे समझ लेने कि अहमियत हर पल होती रहती है
बातों को समझकर जीवन मे परख लेने कि सोच तो होती है पर कौनसी बात सीधी है कौनसी टेढी है उसे समझ लेने मे मुश्किल होती है
पल को समझकर जीवन मे आगे बढने कि सीधी और टेढी बाते समझ लेने कि जरुरत जीवन मे हर बार होती है
क्योंकि सिर्फ सीधी या फिर टेढी बात काफी नही होती है दोनों बातों कि जरुरत जीवन मे हर बार होती है जो जीवन को आगे ले जाती है
जीवन को सीधी और टेढी बात समझकर आगे बढने कि जरुरत हर मौके पर हमेशा हमे जीवन मे हर बार होती है

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