Sunday, 18 June 2023

कविता. ४८४१. एहसास कोई इशारों से।

                                        एहसास कोई इशारों से। 

एहसास कोई इशारों से आशाओं की कहानी कह जाता है दास्तानों को अदाओं की पुकार पहचान दिलाती है कदमों की सोच अक्सर आस दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से अंदाजों की सरगम कह जाता है जज्बातों को खयालों की मुस्कान तराना दिलाती है लम्हों की पुकार अक्सर आवाज दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से कदमों की आहट कह जाता है किनारों को अल्फाजों की कोशिश सौगात दिलाती है उजालों की सुबह अक्सर किनारा दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से दिशाओं की राह कह जाता है लहरों को बदलावों की अल्फाज इरादा दिलाती है आवाजों की धून अक्सर अहमियत दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से अल्फाजों की आस कह जाता है उम्मीदों को दिशाओं की समझ सपना दिलाती है लहरों की सौगात अक्सर उजाला दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से जज्बातों की अदा कह जाता है दास्तानों को कदमों की आहट उमंग दिलाती है नजारों की सोच अक्सर बदलाव दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से अंदाजों की कोशिश कह जाता है किनारों को आशाओं की सोच अफसाना दिलाती है खयालों की आहट अक्सर तलाश दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से दास्तानों की परख कह जाता है नजारों को लम्हों की पहचान अहमियत दिलाती है उजालों की सुबह अक्सर कोशिश दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से लहरों की सोच कह जाता है तरानों को उम्मीदों की समझ पुकार दिलाती है अरमानों की सरगम अक्सर उमंग दिलाती है।

एहसास कोई इशारों से किनारों की मुस्कान कह जाता है कदमों को अदाओं की परख दिलाती है इरादों की आस अक्सर खयाल दिलाती है।

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