Tuesday, 31 January 2023

कविता. ४७०३. उम्मीद से दिशाओं कि।

                                       उम्मीद से दिशाओं कि।

उम्मीद से दिशाओं कि कहानी पहचान देकर जाती है जज्बातों को कदमों कि समझ सपना दिलाती है लम्हों को खयालों कि सोच इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि कोशिश अरमान देकर जाती है नजारों को किनारों कि सोच रोशनी दिलाती है लहरों को अंदाजों कि आस इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि समझ सरगम देकर जाती है तरानों को अफसानों कि कहानी सुबह दिलाती है नजारों को दास्तानों कि राह इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि सोच किनारा देकर जाती है अदाओं को कदमों कि आहट पहचान दिलाती है अदाओं को किनारों कि मुस्कान इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि आस सुबह देकर जाती है तरानों को अरमानों कि परख सपना दिलाती है लहरों को अल्फाजों कि सौगात इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि पुकार उजाला देकर जाती है राहों को अफसानों कि समझ खयाल दिलाती है सपनों को अरमानों कि तलाश इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि आवाज आस देकर जाती है किनारों को अल्फाजों कि सोच अफसाना दिलाती है इरादों को आशाओं कि सुबह इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि उमंग पहचान देकर जाती है आवाजों को राहों कि मुस्कान किनारा दिलाती है लहरों को अंदाजों कि आस इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि अदा परख देकर जाती है अंदाजों को बदलावों कि सरगम आस दिलाती है लम्हों को दास्तानों कि तलाश इशारा देती है।

उम्मीद से दिशाओं कि रोशनी बदलाव देकर जाती है जज्बातों को कदमों कि आहट सहारा दिलाती है तरानों को अरमानों कि सौगात इशारा देती है।

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