Wednesday, 11 May 2016

कविता ६७५. मोड पर बसी दुनिया

                                              मोड पर बसी दुनिया
हर मोड पर कोई अलग चीजे हमने देखी है जो हमारी दुनिया कई रंगों मे बदलती जाती है जो हमे अलग मतलब देकर आगे चलती जाती है
किसी मोड पर हमारी दुनिया अलग तरीके से बसती चली जाती है क्यो रोके किसी मोड पर जीवन को जब वह हर बार अलग एहसास दे जाता है
उस मोड पर जीवन कि कहानी अलग अलग ढंगों से जिन्दा हर पल होती है जिसमे ही तो जीवन कि नई सौगाद छुपी होती है
किसी मोड पर हमारी किस्मत बनती है जब उस मोड पर दुनिया बडी खुशी से खडी हमे अक्सर नजर आती है जो रोशनी देकर जाती है
जीवन कि कहानी उस हर पल नई सोच देती चली जाती है नई उम्मीद बनकर जिन्दा रहती है क्योंकि उसमे ही तो दुनिया रहती है
उस मोड कि चाहत मे ही तो दुनिया जिन्दा रहती है जीवन कि साँसे उस मोड पर खडी दुनिया मे अक्सर दिखती है
किसी मोड को परखकर ही तो दुनिया कि हर चीज बनती रहती है जो रोशनी देकर जाती है क्योंकि दुनिया उस मोड पर ही जिन्दा रहती है
उस मोड पर दुनिया हमेशा रहती है जो हमे चुपके से आगे जा कर ताकद देंती है क्योंकि उस मोड मे जीवन के सपनों से ही तो दुनिया आगे चलती है
शायद उस मोड पर इन्तजार कि जरुरत हमे हर बार होती है क्योंकि उस मोड पर ही तो हमारी  दुनिया रहती है
जिस मोड के हर कोने मे जिन्दगी कि खुशियाँ हर पल छुपी रहती है जो हमारी किस्मत बदलती है क्योंकि जीवन मे दुनिया बसनी ही तो सिर्फ जरुरी होती है
पर अक्सर लोगों कि आदत होती है जो हमारी किस्मत बदल देती है उन्हे अपनी दुनिया से ज्यादा दूसरे कि दुनिया उजाड लेने कि जरुरत होती है

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