Sunday, 29 May 2016

कविता ७११. हर मौसम के संग

                                      हर मौसम के संग
हर मौसम को समझ लेना हर मौके कि जरुरत होती है दुनिया मे जीवन कि हर चाहत अहम होती है जो जीवन को साँसे देकर चलती है
बदलाव तो जीवन का वह सच है जिस से दुनिया बदलती है जीवन कि हर दिशा को समझ लेेने कि शुरुआत मन से हर बार हुआ करती है
जब दुनिया को समझ लेना चाहते है तो दुनिया मतलब कुछ अलग देकर चलती रहती है जो जीवन को उम्मीदे देकर आगे बढती रहती है
मौसम को उम्मीदे हर पल ताकद दे देती है जिस ताकद को समझ लेते है उसमे ही दुनिया बसती रहती है उम्मीदे आगे बढती है
मौसम को समझकर दुनिया जीवन को उम्मीदे देकर चलती है जिसे परखकर जीवन को आगे दिलचस्प चीजे हर पल दिखती रहती है
जीवन को मौसम के संग साँसे देकर जब चलते है जीवन मे कई किसम कि ताकद हर बार रखते है मौसम के संग हम बदलते रहते है
मौसम के हर आहट मे दुनिया तो बदलती है उस मौसम मे ही तो जीवन कि खुशियाँ मिलती है जीवन कि ताकद बनती है
मौसम को हर बार परख लेते है तो जीवन कि खुशियाँ आगे बढती है जो जीवन कि लकिरों को समझकर आगे बढती है
मौसम मे ही तो कई तरह के तरीकों कि ताकद तो जीवन बना लेती है मौसम को समझकर ही तो दुनिया आगे चलती है
मौसम को उम्मीदे तो जीवन कि सोच ही देती है जो जीवन कि सच्ची ताकद होती है जो बडे उम्मीदों के साथ कई तरीकों से आगे बढती है

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