Sunday, 1 May 2016

कविता ६५२. कह देने कि जरुरत

                                            कह देने कि जरुरत
हम कह तो देते मन कि बात पर उसे कहना आसान नही होता है क्योंकि हर बात कि सौ बाते जीवन मे बन जाती है दुनिया बदल जाती है
हम कह तो देते दिल से अपनी सोच को पर वह किनारा बदल देती है जीवन का हर एक इशारा बदल देती है पर फिर भी सोच लेते है उसे कहना ही सही होता है
हम कह तो देते है हर बात को लेकिन उस बात को समझ लेना जरुरी होता है हर कही बात कि अहमियत ही तो जिन्दगी को हर बार अलग रंग दे देती है
कहना हर बार जीवन कि अहम जरुरत होती है जो रोशनी देकर आगे चली जाती है क्योंकि बिना कहे जीवन कि कोई बात आगे नही बढती है
कह देना किसी बात को समझकर आगे बढते रहना हर पल जीवन कि जरुरत होती है जो जीवन को बदल दे तो जीवन को एहसास अलग देती है मुश्किल खडी कर जाती है
पर फिर भी मन कि बात कह देना ही जीवन मे हर बार बात सही लगती है जो जीवन मे मुश्किल पैदा करती रहती है जिसे समझ लेने कि जरुरत हर पल अहम लगती है
बात को समझकर जीवन कि जरुरत हर पल समझ लेने कि चाहत मन को होती है कहानी को समझकर कहने कि जरुरत हर बात मे अक्सर होती है
कह देना बात को जिसे समझकर आगे जाने कि जरुरत हर बार होती है हमने तो जीवन मे यही बात सिखी है बात छुपाना जीवन के लिए सही बात नही होती है
कह देना ही हर बार बात कि जरुरत होती है उस कहे बिना जीवन कि कोई बात नही बनती है जीवन कि कहानी आगे नही बढ पाती है
तो कह दो बात को वरना जिन्दगी मे साथ नही मिल पाता है जब तक हम सच नही कहते है जिन्दगी को अक्सर आवाज नही मिल पाता है

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