Wednesday, 25 December 2024

कविता. ५३६७. किनारों को सपनों की।

                             किनारों को सपनों की।

किनारों को सपनों की आहट अफसाना दिलाती है तरानों को अरमानों की पुकार जज्बात सुनाती है दिशाओं संग आशाओं का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की रोशनी आवाज दिलाती है उजालों को बदलावों की सुबह अल्फाज सुनाती है नजारों संग खयालों का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की सोच खयाल दिलाती है लहरों को इशारों की कहानी कोशिश सुनाती है तरानों संग उम्मीदों का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की राह तलाश दिलाती है कदमों को अदाओं की परख आवाज सुनाती है लहरों संग इरादों का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की उमंग सरगम दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की सोच अफसाना सुनाती है आवाजों संग धाराओं का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की उड़ान मुस्कान दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की समझ धाराएं सुनाती है अंदाजों संग जज्बातों का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की समझ अल्फाज दिलाती है बदलावों को इरादों की सौगात इशारा सुनाती है खयालों संग कदमों का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की उम्मीद पुकार दिलाती है आशाओं को जज्बातों की कहानी सरगम सुनाती है तरानों संग अरमानों का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की आस उजाला दिलाती है दास्तानों को राहों की सौगात तलाश सुनाती है आवाजों संग अंदाजों का एहसास दिलाती है।

किनारों को सपनों की कोशिश राह दिलाती है नजारों को कदमों की अदा मुस्कान सुनाती है लम्हों संग उमंगों का एहसास दिलाती है।

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