Monday, 10 February 2025

कविता. ५४१४. अदाओं की धून अक्सर।

                         अदाओं की धून अक्सर।

अदाओं की धून अक्सर आशाओं की सरगम सुनाती है नजारों को अंदाजों की मुस्कान दास्तान दिलाती है लहरों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर बदलावों की सपना सुनाती है जज्बातों को बदलावों की पुकार अहमियत दिलाती है लम्हों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर अरमानों की पहचान सुनाती है इरादों को किनारों की तलाश खयाल दिलाती है उजालों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर अंदाजों की आस‌ सुनाती है राहों को आशाओं की सरगम कोशिश दिलाती है दिशाओं की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर उम्मीदों की पुकार सुनाती है अफसानों को कदमों की आहट परख दिलाती है राहों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर धाराओं की कोशिश सुनाती है अरमानों को बदलावों की आस एहसास दिलाती है नजारों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर दास्तानों की अल्फाज सुनाती है इशारों को जज्बातों की सुबह सौगात दिलाती है अंदाजों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर तरानों की अंदाज सुनाती है अल्फाजों को नजारों की उमंग खयाल दिलाती है आवाजों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर दिशाओं की उमंग सुनाती है लहरों को दिशाओं की सौगात अहमियत दिलाती है इरादों की सोच सुनाती है।

अदाओं की धून अक्सर कदमों की कहानी सुनाती है एहसासों को किनारों की सुबह सरगम दिलाती है खयालों की सोच सुनाती है।

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