Thursday, 13 February 2025

कविता. ५४१७. आशाओं की धारा सुनाकर।

                      आशाओं की धारा सुनाकर।

आशाओं की धारा सुनाकर एहसास की समझ इशारा देती है खयालों की सरगम अक्सर अफसाना देती है तरानों की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर अंदाज की आस दास्तान देती है कदमों की पहचान अक्सर आवाज देती है आवाजों की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर उम्मीद की सौगात तलाश देती है लहरों की पुकार अक्सर खयाल देती है नजारों की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर मुस्कान की समझ उजाला देती है अरमानों की सोच अक्सर बदलाव देती है किनारों की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर रोशनी की परख सौगात देती है लम्हों की अहमियत अक्सर पहचान देती है अदाओं की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर आहट की सोच इरादा देती है नजारों की सौगात अक्सर अफसाना देती है एहसासों की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर लहर की कोशिश सहारा देती है इशारों की आस अक्सर आवाज देती है अंदाजों की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर उमंग की सुबह उम्मीद देती है अफसानों की राह अक्सर तलाश देती है दिशाओं की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर लहर की पुकार सरगम देती है खयालों की सोच अक्सर दास्तान देती है कदमों की सुबह देती है।

आशाओं की धारा सुनाकर परख की सोच आहट देती है अंदाजों की सौगात अक्सर तराना देती है उजालों की सुबह देती है।


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