Tuesday, 12 November 2024

कविता. ५३२४. उजालों की सुबह अक्सर।

                             उजालों की सुबह अक्सर।

उजालों की सुबह अक्सर अफसाना सुनाती है अल्फाजों संग नजारों की कहानी अरमान जगाती है दिशाओं को एहसासों की तलाश इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर आवाज सुनाती है बदलावों संग दिशाओं की समझ सरगम जगाती है कदमों को अफसानों की पुकार इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर कोशिश सुनाती है दास्तानों संग आशाओं की मुस्कान पहचान जगाती है तरानों को उम्मीदों की रोशनी इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर परख सुनाती है अरमानों संग सपनों की आस अंदाज जगाती है खयालों को बदलावों की मुस्कान इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर सौगात सुनाती है अंदाजों संग जज्बातों की अदा लहर जगाती है नजारों को राहों की सरगम इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर आहट सुनाती है आशाओं संग एहसासों की आस तलाश जगाती है जज्बातों को कदमों की सौगात इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर खयाल सुनाती है लम्हों संग अरमानों की कहानी सपना जगाती है इशारों को लहरों की कोशिश इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर पुकार सुनाती है अदाओं संग लम्हों की समझ मुस्कान जगाती है आवाजों को किनारों की रोशनी इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर उमंग सुनाती है राहों संग जज्बातों की रोशनी लहर जगाती है उम्मीदों को एहसासों की आहट इरादा दिलाती है।

उजालों की सुबह अक्सर तलाश सुनाती है दिशाओं संग बदलावों की सौगात कोशिश जगाती है अंदाजों को आवाजों की कहानी इरादा दिलाती है।

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कविता. ५३२५. सपनों की आहट संग।

                            सपनों की आहट संग। सपनों की आहट संग जज्बातों की सुबह दिलाती है उम्मीदों को कदमों की पहचान लहर दिलाती है आवाजों को...