Thursday, 7 November 2024

कविता. ५३१९. कदमों को अफसानों की।

                          कदमों को अफसानों की।

कदमों को अफसानों की आस अफसाना दिलाती है तरानों को अरमानों की सुबह पहचान सुनाती है नजारों को दिशाओं की कहानी समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की उमंग उजाला दिलाती है जज्बातों को आशाओं की मुस्कान अरमान सुनाती है तरानों को उम्मीदों की कोशिश समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की सौगात लहर दिलाती है इशारों को दास्तानों की परख अहमियत सुनाती है खयालों को अंदाजों की पुकार समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की सोच आवाज दिलाती है बदलावों को दिशाओं की कोशिश एहसास सुनाती है लम्हों को उम्मीदों की आहट समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की सरगम तलाश दिलाती है नजारों को खयालों की आहट उम्मीद सुनाती है किनारों को बदलावों की सौगात समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की परख मुस्कान दिलाती है अंदाजों को इरादों की कहानी तराना सुनाती है दास्तानों को एहसासों की रोशनी समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की लहर बदलाव दिलाती है उम्मीदों को अल्फाजों की सोच पुकार सुनाती है आवाजों को राहों की आहट समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की सरगम अदा दिलाती है एहसासों को नजारों की आहट खयाल सुनाती है बदलावों को इरादों की मुस्कान समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की पहचान इरादा दिलाती है राहों को अंदाजों की परख सपना सुनाती है जज्बातों को दिशाओं की सोच समझ दिलाती है।

कदमों को अफसानों की मुस्कान उमंग दिलाती है खयालों को किनारों की पुकार बदलाव सुनाती है आशाओं को इरादों की सरगम समझ दिलाती है।

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