Friday, 1 November 2024

कविता. ५३१३. उमंग को तरानों की।

                                  उमंग को तरानों की।

उमंग को तरानों की सौगात दास्तान सुनाती है सपनों की सुबह अक्सर आवाज दिलाती है एहसासों को अंदाजों की पुकार पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की कोशिश सहारा सुनाती है नजारों की कहानी अक्सर सरगम दिलाती है किनारों को अल्फाजों की सोच पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की समझ उम्मीद सुनाती है अरमानों की आहट अक्सर सौगात दिलाती है लम्हों को दास्तानों की परख पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की आस अफसाना सुनाती है खयालों की मुस्कान अक्सर अंदाज दिलाती है इशारों को लहरों की सुबह पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की अल्फाज अरमान सुनाती है आशाओं की अदा अक्सर बदलाव दिलाती है उजालों को सपनों की सोच पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की सुबह खयाल सुनाती है आवाजों की धून अक्सर किनारा दिलाती है जज्बातों को अफसानों की रोशनी पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की सरगम तलाश सुनाती है राहों की कहानी अक्सर तलाश दिलाती है आशाओं को एहसासों की कहानी पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की सोच अंदाज सुनाती है लहरों की सुबह अक्सर नजारा दिलाती है दास्तानों को खयालों की मुस्कान पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की पुकार आवाज सुनाती है जज्बातों की पुकार अक्सर इशारा दिलाती है अल्फाजों को किनारों की सौगात पहचान दिलाती है।

उमंग को तरानों की उम्मीद किनारा सुनाती है बदलावों की सौगात अक्सर सपना दिलाती है लम्हों को उजालों की लहर पहचान दिलाती है।

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कविता. ५५५४. आशाओं की सरगम संग।

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