Thursday, 21 November 2024

कविता. ५३३३. एक लहर अदाओं संग।

                              एक लहर अदाओं संग।

एक लहर अदाओं संग एहसास को पुकार दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग अफसानों को उमंग दिलाती है राहों को उम्मीदों की सोच अरमान दिलाती है आशाओं को बदलावों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग आवाज को आस दिलाती है तरानों को जज्बातों की कहानी पहचान दिलाती है अंदाजों को इरादों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग खयाल को लहर दिलाती है नजारों को दिशाओं की समझ सौगात दिलाती है आवाजों को कदमों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग उमंग को सरगम दिलाती है जज्बातों को कदमों की आहट तलाश दिलाती है लम्हों को नजारों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग परख को दास्तान दिलाती है आशाओं को बदलावों की पुकार इरादा दिलाती है उम्मीदों को खयालों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग अंदाज को आवाज दिलाती है दिशाओं को तरानों की सौगात आस दिलाती है इशारों को दास्तानों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग सोच को पहचान दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की राह अल्फाज दिलाती है लहरों को अरमानों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग तरानों को सपना दिलाती है राहों को आवाजों की धून अहमियत दिलाती है किनारों को इशारों की सुबह दिलाती है।

एक लहर अदाओं संग नजारों को समझ दिलाती है कदमों को उजालों की पहचान उमंग दिलाती है एहसासों को सपनों की सुबह दिलाती है।


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