Friday, 29 November 2024

कविता. ५३४१. नजारों को दिशाओं की।

                           नजारों को दिशाओं की।

नजारों को दिशाओं की सरगम एहसास दिलाती है आशाओं से जज्बातों की आस तलाश दिलाती है किनारों को सपनों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की पहचान दास्तान दिलाती है तरानों को उम्मीदों की उमंग खयाल दिलाती है लहरों को आवाजों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की कहानी अरमान दिलाती है राहों को अंदाजों की समझ सहारा दिलाती है उजालों को बदलावों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की रोशनी लहर दिलाती है लम्हों को किनारों की पुकार सोच दिलाती है अफसानों को कदमों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की आस अंदाज दिलाती है तरानों को उम्मीदों की कहानी मुस्कान दिलाती है आशाओं को अदाओं की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की कोशिश उजाला दिलाती है किनारों को अल्फाजों की परख अंदाज दिलाती है एहसासों को अरमानों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की सोच अफसाना दिलाती है लहरों को इशारों की सौगात राह दिलाती है अंदाजों को अल्फाजों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की आवाज पुकार दिलाती है खयालों को आशाओं की मुस्कान लम्हा दिलाती है अदाओं को दास्तानों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की परख पहचान दिलाती है अंदाजों को अफसानों की सोच अहमियत दिलाती है उजालों को किनारों की सुबह दिलाती है।

नजारों को दिशाओं की आस कहानी दिलाती है उम्मीदों को किनारों की कहानी एहसास दिलाती है इरादों को अल्फाजों की सुबह दिलाती है।


No comments:

Post a Comment

कविता. ५५५४. आशाओं की सरगम संग।

                          आशाओं की सरगम संग। आशाओं की सरगम संग खयालों की पहचान इशारा सुनाती है कदमों की सौगात अक्सर लम्हों की महफिल देकर जात...