Monday, 4 November 2024

कविता. ५३१६. आशाओं की लहर को।

                            आशाओं की लहर को।

आशाओं की लहर को सपनों संग एहसास दिलाती है कदमों को उजालों की कोशिश तलाश सुनाती है अफसानों को लम्हों की आहट अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को उम्मीदों संग खयाल दिलाती है सपनों को एहसासों की रोशनी सरगम सुनाती है नजारों को राहों की सौगात अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को बदलावों संग आवाज दिलाती है उम्मीदों को अंदाजों की आहट पहचान सुनाती है तरानों को अरमानों की पुकार अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को अरमानों संग आस दिलाती है उजालों को दिशाओं की कहानी अल्फाज सुनाती है एहसासों को अदाओं की कोशिश अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को दास्तानों संग अंदाज दिलाती है राहों को अरमानों की मुस्कान इरादा सुनाती है जज्बातों को किनारों की सोच अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को किनारों संग बदलाव दिलाती है तरानों को उम्मीदों की सोच परख सुनाती है इशारों को खयालों की रोशनी अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को उजालों संग तलाश दिलाती है किनारों को इरादों की सौगात अंदाज सुनाती है दास्तानों को एहसासों की कहानी अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को अदाओं संग पहचान दिलाती है आवाजों को बदलावों की समझ आस सुनाती है दिशाओं को तरानों की उम्मीद अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को एहसासों संग समझ दिलाती है इरादों को कदमों की उमंग सहारा सुनाती है लम्हों को अल्फाजों की परख अफसाना सुनाती है।

आशाओं की लहर को आवाजों संग धून दिलाती है नजारों को इरादों की कहानी सरगम सुनाती है बदलावों को राहों की मुस्कान अफसाना सुनाती है।

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