Sunday, 23 March 2025

कविता. ५४५५. राहों की रोशनी अक्सर।

                           राहों की रोशनी अक्सर।

राहों की रोशनी अक्सर अफसाना सुनाती है उजालों को सपनों की आहट कोशिश दिलाती है किनारों से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर अरमान सुनाती है एहसासों को कदमों की सौगात खयाल दिलाती है तरानों से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर बदलाव सुनाती है लहरों को अरमानों की सोच सरगम दिलाती है कदमों से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर मुस्कान सुनाती है किनारों को अंदाजों की अहमियत दास्तान दिलाती है आशाओं से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर सौगात सुनाती है अरमानों को लम्हों की आवाज कोशिश दिलाती है दिशाओं से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर जज्बात सुनाती है दास्तानों को लहरों की पुकार अल्फाज दिलाती है एहसासों से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर तराना सुनाती है उम्मीदों को किनारों की मुस्कान इशारा दिलाती है बदलावों से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर आहट सुनाती है आशाओं को जज्बातों की पहचान अदा दिलाती है नजारों से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर सपना सुनाती है दिशाओं को धाराओं की समझ एहसास दिलाती है अंदाजों से उमंग दिलाती है।

राहों की रोशनी अक्सर लहर सुनाती है आवाजों को इरादों की आवाज पुकार दिलाती है लम्हों से उमंग दिलाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...