Sunday, 30 March 2025

कविता. ५४६२. उम्मीद को अल्फाजों की।

                            उम्मीद को अल्फाजों की।

उम्मीद को अल्फाजों की दुनिया सरगम सुनाती है नजारों की आहट अक्सर पहचान दिलाती है लम्हों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की आस पुकार सुनाती है इशारों की दुनिया अक्सर बदलाव दिलाती है एहसासों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की समझ अफसाना सुनाती है राहों की रोशनी अक्सर खयाल दिलाती है लहरों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की सोच कोशिश सुनाती है अंदाजों की पुकार अक्सर आवाज दिलाती है जज्बातों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की सुबह दास्तान सुनाती है दिशाओं की कोशिश अक्सर तलाश दिलाती है इरादों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की रोशनी पहचान सुनाती है तरानों की सौगात अक्सर आस दिलाती है खयालों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की राह सौगात सुनाती है एहसासों की अदा अक्सर लहर दिलाती है किनारों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की कोशिश इरादा सुनाती है जज्बातों की तलाश अक्सर खयाल दिलाती है राहों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की लहर मुस्कान सुनाती है तरानों की दुनिया अक्सर बदलाव दिलाती है कदमों की अहमियत दिलाती है।

उम्मीद को अल्फाजों की परख अरमान सुनाती है इरादों की तलाश अक्सर तराना दिलाती है अरमानों की अहमियत दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५५५४. आशाओं की सरगम संग।

                          आशाओं की सरगम संग। आशाओं की सरगम संग खयालों की पहचान इशारा सुनाती है कदमों की सौगात अक्सर लम्हों की महफिल देकर जात...