Tuesday 11 July 2023

कविता. ४८६४. कदमों को उजालों की।

                                       कदमों को उजालों की।

कदमों को उजालों की कोशिश तलाश दिलाती है तरानों संग आशाओं से अरमानों की राह सपना दिलाती है नजारों की पहचान पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की परख खयाल दिलाती है जज्बातों संग आवाजों से किनारों की आहट कोशिश दिलाती है इशारों की सुबह पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की आस एहसास दिलाती है लम्हों संग खयालों से अल्फाजों की मुस्कान सरगम दिलाती है आशाओं की रोशनी पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की सौगात आहट दिलाती है राहों संग एहसासों से खयालों की आस किनारा दिलाती है अंदाजों की आस पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की दास्तान लहर दिलाती है नजारों संग उम्मीदों से धाराओं की सोच अफसाना दिलाती है सपनों की कोशिश पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की पहचान सरगम दिलाती है आशाओं संग नजारों से इरादों की सरगम आवाज दिलाती है लम्हों की आहट पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की सोच अफसाना दिलाती है इशारों संग आवाजों से एहसासों की रोशनी बदलाव दिलाती है धाराओं की कहानी पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की सुबह अरमान दिलाती है अंदाजों संग किनारों से अल्फाजों की कहानी मुस्कान दिलाती है राहों की सौगात पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की राह दास्तान दिलाती है दिशाओं संग आशाओं से जज्बातों की सौगात सरगम दिलाती है आशाओं की सोच पुकार दिलाती है।

कदमों को उजालों की आस सोच दिलाती है लहरों संग अफसानों से दास्तानों की परख कोशिश दिलाती है राहों की पहचान पुकार दिलाती है।

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