Sunday 2 July 2023

कविता. ४८५५. कदमों को खयालों की।

                                     कदमों को खयालों की।

कदमों को खयालों की तलाश दिशाएं देती है आशाओं को अरमानों की आहट इशारे देती है किनारों को सपनों की समझ रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की उमंग मुस्कान देती है दास्तानों को एहसासों की राह कोशिश देती है अफसानों को अल्फाजों की आस रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की परख अल्फाज देती है किनारों को सपनों की सुबह नजारे देती है जज्बातों को अंदाजों की पहचान रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की पहचान सहारा देती है लहरों को आवाजों की धून सरगम देती है दास्तानों को अदाओं की पुकार रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की सौगात समझ देती है तरानों को उम्मीदों की कहानी बदलाव देती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की सुबह लम्हा देती है अल्फाजों को राहों की पहचान आस देती है लहरों को दास्तानों की अहमियत रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की राह अफसाना देती है उम्मीदों को दिशाओं की पुकार तराने देती है आवाजों को आशाओं की सौगात रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की आस एहसास देती है इशारों को लम्हों की कोशिश अफसाना देती है बदलावों को लम्हों की‌ आवाज रोशनी देती है।

कदमों को खयालों की सरगम तराना देती है अल्फाजों को लहरों की पुकार मुस्कान देती है इशारों को अरमानों की आहट रोशनी देती है।

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