Thursday, 27 July 2023

कविता. ४८८०. उमंग को सपनों की।

                                        उमंग को सपनों की।

उमंग को सपनों की सुबह पहचान दिलाती है आशाओं संग आसमान मे तराने देकर जाती है जज्बातों को कदमों की सरगम पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की कोशिश परख दिलाती है लहरों संग अफसानों मे नजारे देकर जाती है अल्फाजों को उजालों की सोच पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की सरगम किनारा दिलाती है लम्हों संग खयालों मे दास्ताने देकर जाती है अरमानों को दिशाओं की कहानी पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की आस एहसास दिलाती है लहरों संग अल्फाजों मे इशारे देकर जाती है कदमों को अदाओं की समझ पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की रोशनी तलाश दिलाती है नजारों संग अंदाजों मे अफसाने देकर जाती है बदलावों को दिशाओं की आस पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की आवाज आस दिलाती है जज्बातों संग लहरों मे उजाले देकर जाती है खयालों को एहसासों की रोशनी पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की सोच तराना दिलाती है अंदाजों संग कदमों मे इरादे देकर जाती है आशाओं को किनारों की अहमियत पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की अदा सहारा दिलाती है अल्फाजों संग आशाओं मे रोशनी देकर जाती है इरादों को अदाओं की समझ पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की राह सरगम दिलाती है उम्मीदों संग मुस्कान मे एहसास देकर जाती है अंदाजों को दास्तानों की सौगात पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की लहर बदलाव दिलाती है खयालों संग अदाओं मे कोशिश देकर जाती है जज्बातों को अंदाजों की आहट पुकार सुनाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...