Monday 3 July 2023

कविता. ४८५६. रोशनी को लहरों की।

                                         रोशनी को लहरों की।

रोशनी को लहरों की आस कोशिश देती है जज्बातों को अंदाजों की सरगम सुबह देती है किनारों से एहसासों की राह खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की सोच परख देती है उजालों को सपनों की समझ दास्तान‌ देती है अरमानों से आशाओं की‌ कोशिश खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की सौगात तलाश देती है अंदाजों को बदलावों की मुस्कान उमंग देती है अल्फाजों से इशारों की सुबह खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की सुबह पहचान देती है कदमों को लम्हों की पहचान आवाज देती है राहों से अफसानों की सौगात खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की उमंग सपना देती है किनारों को लहरों की कहानी अल्फाज देती है कदमों से इरादों की पहचान खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की मुस्कान कहानी देती है अरमानों को दिशाओं की आहट नजारा देती है आवाजों से एहसासों की अदा खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की आहट इशारा देती है आशाओं को बदलावों की सोच सपना देती है अंदाजों से नजारों की सुबह खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की परख उम्मीद देती है उजालों को सपनों की समझ कोशिश देती है इरादों से कदमों की आवाज खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की पुकार अल्फाज देती है कदमों को राहों की मुस्कान अंदाज देती है जज्बातों से बदलावों की पुकार खयाल सुनाती है।

रोशनी को लहरों की अदा सहारा देती है अफसानों को दिशाओं की कहानी उम्मीद देती है इशारों से अरमानों की अहमियत खयाल सुनाती है।

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कविता. ५२७०. उजालों से अरमानों की।

                               उजालों से अरमानों की। उजालों से अरमानों की मुस्कान एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अहमियत देकर जाती है...