Friday 21 July 2023

कविता. ४८७४. उमंग को सपनों की।

                                    उमंग को सपनों की।

उमंग को सपनों की सुबह पहचान दिलाती है लम्हों से दास्तानों की परख अहमियत दिलाती है तरानों को अरमानों की आहट पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की सोच अफसाना दिलाती है अल्फाजों से इशारों की समझ सरगम दिलाती है नजारों को खयालों की मुस्कान पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की कोशिश आस दिलाती है आवाजों से एहसासों की कहानी तलाश दिलाती है उजालों को बदलावों की सोच पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की लहर एहसास‌ दिलाती है आशाओं से कदमों की सौगात बदलाव दिलाती है जज्बातों को किनारों की राह पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की सौगात अरमान दिलाती है उजालों से एहसासों की कहानी राह दिलाती है अफसानों को अल्फाजों की लहर पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की आस खयाल दिलाती है जज्बातों से आवाजों की धून अफसाना दिलाती है एहसासों को उम्मीदों की कहानी पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की राह सौगात दिलाती है तरानों से दिशाओं की समझ अरमान दिलाती है दास्तानों को बदलावों की उम्मीद पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की परख पहचान दिलाती है अदाओं से खयालों की मुस्कान पहचान दिलाती है इरादों को आशाओं की परख पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की‌ आवाज तलाश दिलाती है जज्बातों से बदलावों की राह आवाज दिलाती है लहरों को कदमों की आहट पुकार सुनाती है।

उमंग को सपनों की रोशनी एहसास दिलाती है किनारों से अल्फाजों की कोशिश खयाल दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी पुकार सुनाती है।

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