Saturday 11 May 2024

कविता. ५१६९. खयालों की मुस्कान से।

                             खयालों की मुस्कान से।

खयालों की मुस्कान से अदाओं की पहचान सहारा देती है दास्तानों को एहसासों की कहानी इशारा देती है लहरों को नजारों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से अंदाजों की परख कोशिश देती है किनारों को सपनों की रोशनी अरमान देती है लम्हों को अरमानों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से नजारों की कहानी सरगम देती है इरादों को आशाओं की सोच अहमियत देती है उजालों को बदलावों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से जज्बातों की आवाज आस देती है राहों को कदमों की समझ अल्फाज देती है इशारों को उम्मीदों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से अरमानों की समझ नजारा देती है बदलावों को अंदाजों की परख उमंग देती है किनारों को सपनों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से आवाजों की धून सपना देती है अरमानों को दिशाओं की पहचान सहारा देती है इशारों को अफसानों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से दिशाओं की समझ पुकार देती है जज्बातों को नजारों की कहानी सरगम देती है अंदाजों को कदमों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से अल्फाजों की धून इशारा देती है कदमों को उजालों की सुबह अरमान देती है एहसासों को दास्तानों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से किनारों की सोच अफसाना देती है आशाओं को इरादों की कहानी सौगात देती है कदमों को आवाजों की धारा देती है।

खयालों की मुस्कान से बदलावों की उम्मीद तलाश देती है अरमानों को आशाओं की सोच दास्तान देती है अल्फाजों को एहसासों की धारा देती है।

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