Saturday 25 May 2024

कविता. ५१८३. उम्मीदों को आशाओं की।

                          उम्मीदों को आशाओं की।

उम्मीदों को आशाओं की मुस्कान सहारा देती है कदमों की आहट अरमानों का किनारा देती है लम्हों को खयालों की सोच अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की समझ आस देती है तरानों की सौगात अंदाजों का खयाल देती है अरमानों को दिशाओं की कहानी अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की सोच सरगम देती है अंदाजों की तलाश अदाओं का सहारा देती है जज्बातों को कदमों की समझ अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की उमंग तराना देती है किनारों की पुकार लम्हों का इशारा देती है एहसासों को राहों की कोशिश अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की अदा दास्तान देती है खयालों की समझ सपनों का तराना देती है तरानों को उजालों की पहचान अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की सौगात कोशिश देती है अदाओं की परख कदमों का एहसास देती है दास्तानों को उम्मीदों की कहानी अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की पुकार रोशनी देती है सपनों की सुबह दास्तानों का नजारा देती है बदलावों को किनारों की अहमियत अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की सुबह खयाल देती है इशारों की सोच लहरों का बदलाव देती है इरादों को एहसासों की पुकार अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की कहानी आहट देती है दास्तानों की कोशिश इरादों का अल्फाज देती है कदमों को उजालों की परख अफसाना देती है।

उम्मीदों को आशाओं की राह उमंग देती है एहसासों की तलाश दिशाओं का उजाला देती है आवाजों को बदलावों की समझ अफसाना देती है।

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कविता. ५२७१. किनारों की आहट अक्सर।

                              किनारों की आहट अक्सर। किनारों की आहट अक्सर अरमानों संग पुकार दिलाती है लहरों को इशारों से आवाजों की धून एहसास ...