Monday, 13 May 2024

कविता. ५१७१. आशाओं को एहसासों की!

                            आशाओं को एहसासों की।

आशाओं को एहसासों की कहानी सुबह देती है कदमों को अदाओं की निशानी इशारा देती है दास्तानों को जज्बातों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की उम्मीद मुस्कान देती है तरानों को अरमानों की उमंग कोशिश देती है इशारों को उजालों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की आहट बदलाव देती है लहरों को नजारों की कहानी अल्फाज देती है उम्मीदों को किनारों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की कोशिश समझ देती है नजारों को दिशाओं की आस सरगम देती है इरादों को लम्हों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की तलाश तराना देती है सपनों को अंदाजों की परख अहमियत देती है आवाजों को राहों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की सोच पुकार देती है अफसानों को लहरों की सुबह पहचान देती है अदाओं को अल्फाजों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की आस सौगात देती है दिशाओं को बदलावों की मुस्कान नजारा देती है अंदाजों को सपनों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की समझ अदा देती है आवाजों को दास्तानों की परख सहारा देती है उजालों को अफसानों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की पहचान उम्मीद देती है तरानों को उजालों की समझ सरगम देती है तरानों को जज्बातों का खयाल देकर जाती है।

आशाओं को एहसासों की रोशनी दास्तान देती है अंदाजों को राहों की तलाश अफसाना देती है किनारों को दिशाओं का खयाल देकर जाती है।

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