Thursday 9 May 2024

कविता. ५१६७. राहों की रोशनी संग।

                               राहों की रोशनी संग।

राहों की रोशनी संग सुबह अरमान जगाती है अदाओं को तरानों की सौगात खयाल सुनाती है नजारों को दिशाओं संग पुकार अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग आस अल्फाज जगाती है इरादों को आशाओं की मुस्कान कोशिश सुनाती है लम्हों को खयालों संग सरगम अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग सोच पहचान जगाती है दास्तानों को एहसासों की कहानी सौगात सुनाती है उजालों को बदलावों संग सोच अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग आहट एहसास जगाती है कदमों को सपनों की अहमियत लहर सुनाती है अरमानों को जज्बातों संग कोशिश अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग परख बदलाव जगाती है लहरों को नजारों की सरगम इशारा सुनाती है अफसानों को अंदाजों संग आस अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग समझ तराना जगाती है किनारों को दिशाओं की सुबह अरमान सुनाती है आशाओं को इरादों संग परख अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग उमंग बदलाव जगाती है उम्मीदों को दास्तानों की पुकार कोशिश सुनाती है लहरों को इशारों संग आवाज अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग सरगम खयाल जगाती है इशारों को लम्हों की आहट एहसास सुनाती है कदमों को आवाजों संग धून अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग अदा पुकार जगाती है अरमानों को तरानों की आस दास्तान सुनाती है किनारों को अल्फाजों संग मुस्कान अफसाना देती है।

राहों की रोशनी संग लहर जज्बात जगाती है एहसासों को आशाओं की आवाज तलाश सुनाती है अदाओं को बदलावों संग आस अफसाना देती है।

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                              किनारों की आहट अक्सर। किनारों की आहट अक्सर अरमानों संग पुकार दिलाती है लहरों को इशारों से आवाजों की धून एहसास ...