Friday, 25 April 2025

कविता. ५४८८. अदाओं की धून संग।

                            अदाओं की धून संग।

अदाओं की धून संग आशाओं को बदलावों की तलाश दिलाती है लहरों संग किनारों की मुस्कान अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग बदलावों को धाराओं की समझ दिलाती है लम्हों संग एहसासों की उमंग अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग जज्बातों को इशारों की पहचान दिलाती है अफसानों संग कदमों की आस अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग दिशाओं को किनारों की सुबह दिलाती है खयालों संग उजालों की कोशिश अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग आवाजों को दास्तानों की सोच दिलाती है धाराओं संग लम्हों की अहमियत अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग तरानों को अफसानों की कोशिश दिलाती है इरादों संग नजारों की तलाश अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग अंदाजों को सपनों की पुकार दिलाती है उम्मीदों संग खयालों की रोशनी अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग दिशाओं को लहरों की कहानी दिलाती है आशाओं संग इरादों की सौगात अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग लहरों को कदमों की आवाज दिलाती है दिशाओं संग किनारों की सुबह अरमान जगाती है।

अदाओं की धून संग अल्फाजों को खयालों की कोशिश दिलाती है धाराओं संग नजारों की सोच अरमान जगाती है।

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