Monday, 28 April 2025

कविता. ५४९१. आशाओं को अंदाजों संग।

                       आशाओं को अंदाजों संग।

आशाओं को अंदाजों संग मुस्कान पहचान दिलाती है लम्हों को एहसासों की कोशिश खयाल दिलाती है कदमों की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग आस अहमियत दिलाती है तरानों को बदलावों की रोशनी इशारा दिलाती है दिशाओं की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग समझ एहसास दिलाती है कदमों को अल्फाजों की दुनिया तलाश दिलाती है आवाजों की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग लहर अफसाना दिलाती है धाराओं को अरमानों की पुकार बदलाव दिलाती है नजारों की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग राह दास्तान दिलाती है किनारों को इशारों की सौगात आस दिलाती है जज्बातों की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग उमंग तलाश दिलाती है इरादों को अफसानों की सोच पहचान दिलाती है राहों की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग उम्मीद सुबह दिलाती है आवाजों को कदमों की अदा उजाला दिलाती है लम्हों की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग परख मुस्कान दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह पुकार दिलाती है खयालों की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग आहट उम्मीद दिलाती है नजारों को राहों की रोशनी सहारा दिलाती है अदाओं की सरगम दिलाती है।

आशाओं को अंदाजों संग पुकार कोशिश दिलाती है दास्तानों को उम्मीदों की सोच तलाश दिलाती है इशारों की सरगम दिलाती है।


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