Wednesday, 30 April 2025

कविता. ५४९३. लहरों को अंदाजों की।

                              लहरों को अंदाजों की।

लहरों को अंदाजों की सुबह कोशिश दिलाती है आवाजों को धाराओं की समझ उजाला देकर जाती है किनारों को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की उमंग अफसाना दिलाती है दिशाओं को तरानों की पहचान दास्तान देकर जाती है जज्बातों को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की पुकार इशारा दिलाती है अफसानों को कदमों की आस रोशनी देकर जाती है इरादों को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की राह अरमान दिलाती है उम्मीदों को अल्फाजों की दुनिया बदलाव देकर जाती है नजारों को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की सोच किनारा दिलाती है आशाओं को एहसासों की परख अरमान देकर जाती है लम्हों को मुस्कान दिलाती‌ है।

लहरों को अंदाजों की आहट तलाश दिलाती है खयालों को नजारों की उमंग सरगम देकर जाती है उजालों को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की दुनिया इरादा दिलाती है बदलावों को सपनों की उम्मीद तराना देकर जाती है कदमों को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की रोशनी उमंग दिलाती है अफसानों को दिशाओं की सोच नजारा देकर जाती है तरानों को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की सौगात खयाल दिलाती है अदाओं को अरमानों की रोशनी इशारा देकर जाती है आशाओं को मुस्कान दिलाती है।

लहरों को अंदाजों की पहचान उम्मीद दिलाती है दास्तानों को नजारों की उमंग अदा देकर जाती है अल्फाजों को मुस्कान दिलाती है।

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कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...