Monday, 3 June 2024

कविता. ५१९२. खयालों को अंदाजों की।

                             खयालों को अंदाजों की।

खयालों को अंदाजों की परख पुकार सुनाती है आवाजों की धून अक्सर कोशिश दिलाती है उजालों को सपनों की पहचान सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की रोशनी सरगम सुनाती है लम्हों की पहचान अक्सर आवाज दिलाती है लहरों को इरादों की कहानी सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की समझ सौगात सुनाती है कदमों की उमंग अक्सर पहचान दिलाती है तरानों को उम्मीदों की राह सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की एहसास सोच सुनाती है दिशाओं की कहानी अक्सर दास्तान दिलाती है उजालों को सपनों की सुबह सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की आहट आस सुनाती है लहरों की मुस्कान अक्सर तलाश दिलाती है किनारों को अल्फाजों की राह सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की उम्मीद कोशिश सुनाती है दास्तानों की कोशिश अक्सर आवाज दिलाती है जज्बातों को नजारों की सोच सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की कहानी पहचान सुनाती है आशाओं की उमंग अक्सर अहमियत दिलाती है अफसानों को कदमों की आहट सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की तलाश इशारा सुनाती है तरानों की आस अक्सर पुकार दिलाती है लम्हों को अरमानों की लहर सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की उमंग आवाज सुनाती है एहसासों की सरगम अक्सर आहट दिलाती है इरादों को उम्मीदों की सौगात सहारा देती है।

खयालों को अंदाजों की पहचान नजारा सुनाती है किनारों की सुबह अक्सर अल्फाज दिलाती है दास्तानों को उजालों की मुस्कान सहारा देती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५६०८. अरमानों के एहसासों की।

                       अरमानों के एहसासों की। अरमानों के एहसासों की पुकार इरादा देकर जाती है खयालों को सपनों की कोशिश तलाश दिलाती है उजालों ...