Tuesday 4 June 2024

कविता. ५१९३. कदमों को अल्फाजों की।

                              कदमों को अल्फाजों की।

कदमों को अल्फाजों की सरगम इरादा दिलाती है लम्हों को दास्तानों संग आस खयाल दिलाती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को अल्फाजों की सौगात तराना दिलाती है किनारों को सपनों संग राह आवाज दिलाती है इशारों को अफसानों की मुस्कान सुनाती है।

कदमों को अल्फाजों की सोच कोशिश दिलाती है अरमानों को दिशाओं संग सुबह अरमान दिलाती है तरानों को उम्मीदों की मुस्कान दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की समझ पुकार दिलाती है लहरों को एहसासों संग उम्मीद अल्फाज दिलाती है राहों को अंदाजों की मुस्कान दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की रोशनी आस दिलाती है नजारों को इरादों संग लहर जज्बात दिलाती है उजालों को खयालों की मुस्कान दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की तलाश सहारा दिलाती है अदाओं को तरानों संग कोशिश उजाला दिलाती है अफसानों को राहों की मुस्कान दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की परख अदा दिलाती है इशारों को लम्हों संग पहचान आवाज दिलाती है नजारों को दिशाओं की मुस्कान दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की पहचान उमंग दिलाती है एहसासों को सपनों संग धून पुकार दिलाती है अदाओं को लहरों की मुस्कान दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की लहर दास्तान दिलाती है अंदाजों को इरादों संग तलाश पहचान दिलाती है उम्मीदों को कदमों की मुस्कान दिलाती है।

कदमों को अल्फाजों की राह तराना दिलाती है राहों को खयालों संग समझ कोशिश दिलाती है अरमानों को सपनों की मुस्कान दिलाती है।



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