Friday 28 June 2024

कविता. ५२१७. एहसास अक्सर।

                              एहसास अक्सर।                                 

एहसास अक्सर दास्तानों की कोशिश संग अरमान जगाते है किनारों को सपनों से आस तलाश दिलाती है अफसानों की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर दिशाओं की कहानी संग सरगम जगाते है अंदाजों को बदलावों से उमंग लहर दिलाती है लम्हों की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर आवाजों की धून संग अहमियत जगाते है तरानों को उजालों से पहचान मुस्कान दिलाती है राहों की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर जज्बातों की आवाज संग सौगात जगाते है आशाओं को अदाओं से समझ खयाल दिलाती है दिशाओं की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर अंदाजों की आस संग मुस्कान जगाते है खयालों को इशारों से सोच उम्मीद दिलाती है लहरों की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर नजारों की परख संग पहचान जगाते है जज्बातों को कदमों से सौगात तराना दिलाती है इरादों की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर लहरों की सुबह संग बदलाव जगाते है अदाओं को राहों से सरगम पुकार दिलाती है नजारों की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर खयालों की सोच संग इरादा जगाते है अरमानों को दिशाओं से रोशनी अंदाज दिलाती है सपनों की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर अदाओं की उमंग संग अफसाना जगाते है आवाजों को बदलावों से पुकार सरगम दिलाती है आशाओं की आहट देकर जाती है।

एहसास अक्सर अरमानों की सुबह संग कोशिश जगाते है सपनों को दास्तानों से पहचान मुस्कान दिलाती है अदाओं की आहट देकर जाती है।

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