Friday 7 June 2024

कविता. ५१९६. खयालों को अरमानों की।

                           खयालों को अरमानों की।

खयालों को अरमानों की पुकार सहारा देती है कदमों को उजालों की आहट इशारा देती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की उमंग सरगम देती है दिशाओं को बदलावों की मुस्कान आवाज देती है राहों को अंदाजों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की सोच अफसाना देती है तरानों को जज्बातों की कहानी कोशिश देती है दास्तानों को लहरों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की सुबह नजारा देती है अफसानों को आशाओं की सोच सरगम देती है किनारों को सपनों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की राह सौगात देती है लम्हों को अफसानों की समझ अल्फाज देती है नजारों को राहों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की आस आवाज देती है आवाजों को एहसासों की कहानी रोशनी देती है उजालों को बदलावों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की उम्मीद अदा देती है किनारों को अंदाजों की परख अफसाना देती है इशारों को कदमों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की रोशनी आहट देती है इरादों को दिशाओं की आस नजारा देती है अफसानों को जज्बातों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की परख अल्फाज देती है दास्तानों को किनारों की पुकार पहचान देती है बदलावों को इरादों की तलाश देती है।

खयालों को अरमानों की अंदाज मुस्कान देती है अफसानों को नजारों की सोच सरगम देती है जज्बातों को अल्फाजों की तलाश देती है।

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कविता. ५२७८. खयालों को अंदाजों की।

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