Sunday 9 June 2024

कविता. ५१९८. लहरों को जज्बातों की।

                             लहरों को जज्बातों की।

लहरों को जज्बातों की पुकार सरगम देती है कदमों को अदाओं की कहानी अफसाना देती है किनारों को अल्फाजों की तलाश कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की उमंग खयाल देती है किनारों को सपनों की सुबह एहसास देती है अफसानों को आशाओं की मुस्कान कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की रोशनी पहचान देती है उजालों को राहों की उमंग आवाज देती है कदमों को इशारों की अहमियत कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की सौगात सपना देती है एहसासों को उम्मीदों की तलाश लम्हा देती है अदाओं को दिशाओं की राह कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की आस अफसाना देती है अरमानों को अंदाजों की मुस्कान तराना देती है दास्तानों को बदलावों की सौगात कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की परख सुबह देती है आवाजों को उजालों की आहट सहारा देती है तरानों को इरादों की सोच कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की कहानी सोच देती है उम्मीदों को किनारों की समझ अरमान देती है अंदाजों को आशाओं की रोशनी कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की पहचान इशारा देती है अंदाजों को बदलावों की सोच सहारा देती है कदमों को उजालों की धारा कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की उम्मीद तलाश देती है इरादों को लम्हों की कहानी अरमान देती है अल्फाजों को राहों की पहचान कोशिश देती है।

लहरों को जज्बातों की तलाश तराना देती है अफसानों को खयालों की सुबह परख देती है दास्तानों को धाराओं की उमंग कोशिश देती है।

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कविता. ५२७०. उजालों से अरमानों की।

                               उजालों से अरमानों की। उजालों से अरमानों की मुस्कान एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अहमियत देकर जाती है...