Saturday 8 June 2024

कविता. ५१९७. नजारों को खयालों की।

                              नजारों को खयालों की।

नजारों को खयालों की मुस्कान इशारा देती है दास्तानों को एहसासों की समझ तराना देती है अरमानों को दिशाओं की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की कोशिश इरादा देती है किनारों को सपनों की सुबह अल्फाज देती है जज्बातों को अंदाजों की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की उमंग आवाज देती है तरानों को उजालों की सौगात तलाश देती है आशाओं को बदलावों की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की आहट बदलाव देती है धाराओं को राहों की सरगम दास्तान देती है लहरों को अफसानों की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की आस एहसास देती है आवाजों को अदाओं की परख सोच देती है कदमों को किनारों की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की रोशनी किनारा देती है जज्बातों को कदमों की कोशिश सहारा देती है लहरों को अफसानों की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की उम्मीद अंदाज देती है बदलावों को आशाओं की सोच कहानी देती है जज्बातों को दिशाओं की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की सोच उमंग देती है अफसानों को दिशाओं की आहट तराना देती है दास्तानों को आवाजों की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की सौगात तलाश देती है इरादों को लहरों की अहमियत एहसास देती है कदमों को उजालों की पहचान देती है।

नजारों को खयालों की समझ सरगम देती है लम्हों को दास्तानों की कोशिश अफसाना देती है अरमानों को सपनों की पहचान देती है।

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कविता. ५२७०. उजालों से अरमानों की।

                               उजालों से अरमानों की। उजालों से अरमानों की मुस्कान एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अहमियत देकर जाती है...