Tuesday 11 June 2024

कविता. ५२००. उमंग को सपनों की।

                               उमंग को सपनों की।

उमंग को सपनों की सुबह सरगम दिलाती है दास्तानों को एहसासों की कोशिश कहानी सुनाती है लम्हों को खयालों की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की सौगात आस दिलाती है लहरों को इशारों की आहट पुकार सुनाती है एहसासों को उम्मीदों की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की समझ परख दिलाती है खयालों को अंदाजों की राह अदा सुनाती है अफसानों को आशाओं की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की लहर अल्फाज दिलाती है नजारों को दिशाओं की कहानी समझ सुनाती है दास्तानों को जज्बातों की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की आहट तलाश दिलाती है बदलावों को इरादों की आस पहचान सुनाती है राहों को अरमानों की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की सोच इरादा दिलाती है कदमों को उजालों की सुबह अहमियत सुनाती है तरानों को किनारों की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की पुकार सहारा दिलाती है आशाओं को इशारों की आहट किनारा सुनाती है अल्फाजों को राहों की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की रोशनी तराना दिलाती है किनारों को अरमानों की परख आस सुनाती है कदमों को तरानों की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की सरगम अदा दिलाती है उजालों को बदलावों की मुस्कान सौगात सुनाती है इरादों को आशाओं की आवाज दिलाती है।

उमंग को सपनों की अंदाज कोशिश दिलाती है लम्हों को खयालों की आहट अरमान सुनाती है दिशाओं को नजारों की आवाज दिलाती है।


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कविता. ५२७०. उजालों से अरमानों की।

                               उजालों से अरमानों की। उजालों से अरमानों की मुस्कान एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अहमियत देकर जाती है...