Sunday 16 June 2024

कविता. ५२०५. सपनों को एहसासों की।

                               सपनों को एहसासों की।

सपनों को एहसासों की कहानी कोशिश सुनाकर चलती है राहों को अरमानों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है लहरों को इशारों की परख पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की आहट सरगम सुनाकर चलती है जज्बातों को दिशाओं की आस आवाज दिलाती है राहों को अंदाजों की पुकार पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की उमंग सौगात सुनाकर चलती है दास्तानों को अदाओं की रोशनी अरमान दिलाती है खयालों को इरादों की सोच पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की सुबह तराना सुनाकर चलती है कदमों को उजालों की कोशिश अफसाना दिलाती है लहरों को नजारों की समझ पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की आवाज आस सुनाकर चलती है दिशाओं को बदलावों की अंदाज किनारा दिलाती है लम्हों को खयालों की कहानी पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की उम्मीद अरमान सुनाकर चलती है जज्बातों को इशारों की समझ सरगम दिलाती है दास्तानों को अदाओं की कोशिश पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की राह अफसाना सुनाकर चलती है आवाजों को दिशाओं की कहानी सहारा दिलाती है अंदाजों को जज्बातों की अल्फाज पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की रोशनी तलाश सुनाकर चलती है आशाओं को किनारों की आहट समझ दिलाती है राहों को अरमानों की आस पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की आहट उमंग सुनाकर चलती है इशारों को लहरों की अहमियत आवाज दिलाती है नजारों को आवाजों की धून पहचान सुनाती है।

सपनों को एहसासों की परख उम्मीद सुनाकर चलती है उजालों को बदलावों की कोशिश अंदाज दिलाती है दास्तानों को लम्हों की आहट पहचान सुनाती है।




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