Tuesday 25 June 2024

कविता. ५२१४. अरमानों को राहों की।

                               अरमानों को राहों की।

अरमानों को राहों की कहानी समझ दिलाती है दास्तानों को एहसासों की उमंग सहारा देती है कदमों को उजालों की कोशिश लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की उम्मीद मुस्कान दिलाती है तरानों को आवाजों की धून अफसाना देती है किनारों को सपनों की कहानी लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की आस सपना दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की कोशिश सरगम देती है नजारों को खयालों की रोशनी लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की सुबह तलाश दिलाती है लम्हों को अल्फाजों की सोच बदलाव देती है जज्बातों को कदमों की आहट लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की कोशिश धून दिलाती है आवाजों को किनारों की कहानी पहचान देती है इशारों को आशाओं की मुस्कान लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की सौगात तराना दिलाती है नजारों को खयालों की पुकार अहमियत देती है लहरों को अल्फाजों की समझ लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की आवाज सोच दिलाती है अंदाजों को इरादों की कहानी सौगात देती है बदलावों को अफसानों की पुकार लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की अल्फाज सरगम दिलाती है आशाओं को अदाओं की समझ इरादा देती है खयालों को धाराओं की कहानी लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की उमंग कोशिश दिलाती है बदलावों को लम्हों की आहट खयाल देती है किनारों को सपनों की आस लहर दिलाती है।

अरमानों को राहों की सरगम आहट दिलाती है जज्बातों को अफसानों की रोशनी कोशिश देती है कदमों को अदाओं की परख लहर दिलाती है।


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कविता. ५२७०. उजालों से अरमानों की।

                               उजालों से अरमानों की। उजालों से अरमानों की मुस्कान एहसास दिलाती है लहरों को इशारों की समझ अहमियत देकर जाती है...