Saturday 15 June 2024

कविता. ५२०४. किनारों को आवाजों की।

                           किनारों को आवाजों की।

किनारों को आवाजों की उम्मीद तराना देती है इशारों को लम्हों की पहचान अफसाना देती है नजारों को दिशाओं की कहानी सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की धून अरमान देती है अल्फाजों को राहों की अहमियत कोशिश देती है जज्बातों को अंदाजों की आस सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की उमंग पहचान देती है दिशाओं को नजारों की सुबह पुकार देती है खयालों को सपनों की समझ सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की सोच कोशिश देती है दास्तानों को एहसासों की आहट अरमान देती है आशाओं को अदाओं की उम्मीद सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की रोशनी सपना देती है अफसानों को लहरों की मुस्कान अल्फाज देती है उजालों को इरादों की कोशिश सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की सौगात तराना देती है अरमानों को अदाओं की आहट खयाल देती है सपनों को धाराओं की आस सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की अदा जज्बात देती है तरानों को खयालों की राह दास्तान देती है अल्फाजों को लहरों की मुस्कान सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की परख उमंग देती है बदलावों को सपनों की तलाश अफसाना देती है कदमों को दिशाओं की सौगात सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की पुकार इरादा देती है खयालों को लम्हों की आहट सोच देती है बदलावों को अफसानों की पहचान सरगम देती है।

किनारों को आवाजों की समझ राह देती है कदमों को इशारों की सुबह एहसास देती है नजारों को उम्मीदों की अहमियत सरगम देती है।

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                               अरमानों को राहों की। अरमानों को राहों की कहानी समझ दिलाती है दास्तानों को एहसासों की उमंग सहारा देती है कदमों...