Saturday 20 July 2024

कविता. ५२३९. आवाज किसी।

                                    आवाज किसी।

आवाज किसी एहसास की पुकार सुनाती है नजारों को सपनों की आहट दिलाती है लम्हों को खयालों की कहानी पहचान देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी उम्मीद की तलाश सुनाती है अदाओं को दिशाओं की कहानी दिलाती है लहरों को इशारों की मुस्कान देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी लहर की कोशिश सुनाती है जज्बातों को कदमों की सरगम दिलाती है किनारों को अल्फाजों की सुबह देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी सोच की समझ सुनाती है अंदाजों को राहों की कोशिश दिलाती है अफसानों को आशाओं की रोशनी देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी परख की अरमान सुनाती है खयालों को उजालों की सौगात दिलाती है दिशाओं को बदलावों की तराना देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी अदा की मुस्कान सुनाती है दास्तानों को राहों की अल्फाज दिलाती है कदमों को जज्बातों की आस देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी राह की पहचान सुनाती है लम्हों को किनारों की आस पहचान दिलाती है लहरों को नजारों की कोशिश देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी रोशनी की समझ सुनाती है उम्मीदों को अदाओं की परख अल्फाज दिलाती है अफसानों को लहरों की सुबह देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी लहर की सौगात सुनाती है सपनों को एहसासों की कहानी सरगम दिलाती है अदाओं को दास्तानों की पुकार देकर आगे बढती जाती है।

आवाज किसी रोशनी की आस सुनाती है नजारों को खयालों की मुस्कान कोशिश दिलाती है इशारों को अरमानों की सौगात देकर आगे बढती जाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५२७१. किनारों की आहट अक्सर।

                              किनारों की आहट अक्सर। किनारों की आहट अक्सर अरमानों संग पुकार दिलाती है लहरों को इशारों से आवाजों की धून एहसास ...