Friday 5 July 2024

कविता. ५२२४. अफसानों को दिशाओं की।

                          अफसानों को दिशाओं की।

अफसानों को दिशाओं की कहानी सरगम सुनाती है अरमानों को दास्तानों से अदाओं की पहचान सुबह दिलाती है इशारों को लम्हों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की उमंग उजाला दिलाती है लहरों को कदमों से आशाओं की पुकार अहमियत दिलाती है तरानों को राहों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की आस खयाल सुनाती है किनारों को सपनों से अंदाजों की कोशिश आस दिलाती है जज्बातों को अंदाजों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की सौगात तलाश सुनाती है आवाजों को अदाओं से बदलावों की सोच समझ दिलाती है खयालों को इशारों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की परख दास्तान सुनाती है उजालों को एहसासों से उम्मीदों की तलाश अरमान दिलाती है सपनों को बदलावों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की मुस्कान लहर सुनाती है खयालों को इशारों से आवाजों की धून अफसाना दिलाती है नजारों को इरादों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की कोशिश उम्मीद सुनाती है लम्हों को अरमानों से खयालों की मुस्कान उजाला दिलाती है दास्तानों को एहसासों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की सोच किनारा दिलाती है उम्मीदों को किनारों से आशाओं की धून लहर दिलाती है बदलावों को नजारों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की उमंग तराना दिलाती है जज्बातों को अंदाजों से इशारों की समझ कोशिश दिलाती है उजालों को सपनों की आहट सुनाती है।

अफसानों को दिशाओं की पुकार सरगम दिलाती है कदमों को दास्तानों से आवाजों की धून अल्फाज दिलाती है इरादों को उम्मीदों की आहट सुनाती है।

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