Saturday 6 July 2024

कविता. ५२२५. जज्बात कोई सपनों की।

                            जज्बात कोई सपनों की।

जज्बात कोई सपनों की सुबह देकर जाते है दास्तानों को एहसासों की कहानी अरमान देती है इशारों को लम्हों की कोशिश तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की आहट देकर जाते है तरानों को उम्मीदों की सौगात इरादा देती है जज्बातों को अफसानों की समझ तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की परख देकर जाते है अदाओं को कदमों की सोच पहचान देती है उजालों को बदलावों की अहमियत तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की सोच देकर जाते है खयालों को अंदाजों की कोशिश लहर देती है अरमानों को उजालों की सौगात तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की उम्मीद देकर जाते है नजारों को दिशाओं की कहानी पहचान देती है अल्फाजों को अदाओं की उमंग तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की सौगात देकर जाते है इशारों को दास्तानों की सुबह बदलाव देती है लहरों को एहसासों की कहानी तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की अदा देकर जाते है किनारों को आशाओं की मुस्कान इशारा देती है अफसानों को उम्मीदों की आहट तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की पुकार देकर जाते  है एहसासों को उम्मीदों की समझ तराना देती है कदमों को अंदाजों की उमंग तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की रोशनी देकर जाते  है अल्फाजों को नजारों की कहानी आस देती है किनारों को बदलावों की सुबह तलाश देती है।

जज्बात कोई सपनों की कोशिश देकर जाते है उम्मीदों को दिशाओं की अहमियत आहट देती है खयालों को लहरों की आस तलाश देती है।

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