Saturday 27 July 2024

कविता. ५२४६. नजारों को आशाओं की।

                            नजारों को आशाओं की।

नजारों को आशाओं की कहानी सरगम सुनाती है उजालों को लम्हों की पहचान सहारा देकर जाती है जज्बातों को कदमों की आहट पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की सुबह खयाल सुनाती है किनारों को अल्फाजों की तलाश इशारा देकर जाती है दास्तानों को राहों की कहानी पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की कोशिश परख सुनाती है लहरों को इरादों की समझ अफसाना देकर जाती है उम्मीदों को अंदाजों की आस पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की उमंग मुस्कान सुनाती है अफसानों को लहरों की सुबह एहसास देकर जाती है खयालों को बदलावों की सोच पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की आवाज दास्तान सुनाती है जज्बातों को अंदाजों की कहानी राह देकर जाती है अदाओं को उजालों की पहचान पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की उम्मीद तलाश सुनाती है सपनों को खयालों की मुस्कान उम्मीद देकर जाती है तरानों को किनारों की सरगम पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की राह अरमान सुनाती है उम्मीदों को दास्तानों की परख अल्फाज देकर जाती है लम्हों को अरमानों की सौगात पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की लहर समझ सुनाती है अल्फाजों को इरादों की सुबह पहचान देकर जाती है उम्मीदों को खयालों की आहट पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की अदा अहमियत सुनाती है कदमों को उजालों की आस आवाज देकर जाती है आवाजों को इरादों की अदा पुकार दिलाती है।

नजारों को आशाओं की समझ अंदाज सुनाती है लहरों को एहसासों की कहानी सौगात देकर जाती है दिशाओं को राहों की उम्मीद पुकार दिलाती है।

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