Thursday 4 July 2024

कविता. ५२२३. जज्बातों को कदमों की।

                              जज्बातों को कदमों की।

जज्बातों को कदमों की आहट सपना दिलाती है लहरों को इशारों की समझ कोशिश देकर जाती है अरमानों को अदाओं की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की सोच नजारा दिलाती है लम्हों को खयालों की मुस्कान अफसाना देकर जाती है अंदाजों को राहों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की रोशनी सहारा दिलाती है तरानों को अरमानों की कहानी सरगम देकर जाती है किनारों को सपनों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की सुबह तलाश दिलाती है इरादों को आशाओं की सौगात दास्तान देकर जाती है अल्फाजों को लहरों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की राह आवाज दिलाती है किनारों को अल्फाजों की पहचान आहट देकर जाती है उजालों को एहसासों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की आस मुस्कान दिलाती है सपनों को उम्मीदों की कहानी अल्फाज देकर जाती है दिशाओं को इशारों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की उमंग सरगम दिलाती है आशाओं को अदाओं की सोच अफसाना देकर जाती है लहरों को खयालों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की परख सोच दिलाती है नजारों को दिशाओं की कोशिश अहमियत देकर जाती है उम्मीदों को लम्हों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की आस अल्फाज दिलाती है अरमानों को सपनों की उमंग पहचान देकर जाती है बदलावों को आवाजों की पुकार सुनाती है।

जज्बातों को कदमों की तलाश कोशिश दिलाती है अंदाजों को इरादों की मुस्कान आहट देकर जाती है तरानों को उम्मीदों की पुकार सुनाती है।


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