Friday 16 August 2024

कविता. ५२३६. सुबह हर दम एहसासों की।

                            सुबह हर दम एहसासों की।

सुबह हर दम एहसासों की अलग कहानी कहती है आशाओं को बदलावों की मुस्कान अरमान सुनाती है जज्बातों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग रोशनी दिलाती है लम्हों को अफसानों की कोशिश कहानी सुनाती है दास्तानों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग अल्फाज दिलाती है नजारों को दिशाओं की आहट अहमियत सुनाती है तरानों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग अरमान दिलाती है लहरों को जज्बातों की आवाज पुकार सुनाती है बदलावों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग तलाश दिलाती है अंदाजों को इरादों की सौगात अफसाना सुनाती है उजालों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग कोशिश दिलाती है दिशाओं को कदमों की आहट उमंग सुनाती है लहरों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग आवाज दिलाती है सपनों को अरमानों की पुकार उम्मीद सुनाती है अफसानों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग परख दिलाती है जज्बातों को किनारों की रोशनी खयाल सुनाती है इशारों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग सपना दिलाती है आवाजों को दास्तानों की धून लहर सुनाती है अरमानों की पहचान दिलाती है।

सुबह हर दम एहसासों की अलग दास्तान दिलाती है अरमानों को अंदाजों की कहानी सरगम सुनाती है लम्हों की पहचान दिलाती है।

No comments:

Post a Comment

कविता. ५२७१. किनारों की आहट अक्सर।

                              किनारों की आहट अक्सर। किनारों की आहट अक्सर अरमानों संग पुकार दिलाती है लहरों को इशारों से आवाजों की धून एहसास ...